Tuesday 23 April 2019

Story Of Life : गलत फैसला


गलत फैसला  


निर्झर अपनी माँ-पापा नन्दा और नीलेश की इकलौती बेटी थी।क्योंकि उनके निर्झर से पहले हुए, दो बेटे नहीं रहे थे, अतः शुरू से ही निर्झर बड़ी लाडली थी। बड़ी ही मन्नतों के बाद निर्झर का जन्म हुआ था। वो निर्झर को ईश्वर की कृपा और अपने प्यार का प्रतीक मानते थे। वे सोचते थे, कि निर्झर आशीर्वाद और प्रेम का झरना है। इसलिए बड़े प्यार से उसका नाम निर्झर रखा था।

निर्झर की माँ उससे इस हद तक प्यार करती थीं, कि उसकी उचित, अनुचित सब ही तरह की जिद्द पूरी कर दिया करती थीं। साथ ही उन्होंने उसके मन में ये भी खूब भर दिया, कि वो हर बात में सबसे श्रेष्ठ है। 

अतः जैसे जैसे वो बड़ी हो रही थी, वो बेहद घमंडी, नकचढ़ी, जिद्दी, बददिमाग, बदतमीज़ होती जा रही थी। वो अपने को सर्वोपरि समझने लगी।


कब किस का अपमान कर दे, कोई कह नहीं सकता। ना बड़ों का सम्मान, ना छोटों को प्यार। इकलौती होने के कारण किसी के साथ कोई adjustment नहीं करना जानती थी। कभी उसके पिता उसे कुछ समझाना भी चाहते, सही मार्ग पर लाना भी चाहते, तो माँ की शह मिल जाती। इसका नतीजा ये रह रहा था, कि उसके नज़र में पिता की भी कोई कद्र और सम्मान नहीं था।

नीलेश ने भी अब दोनों माँ बेटी के बीच कुछ भी बोलना लगभग बंद ही कर दिया। वो बस अपने पिता के फर्ज़ भर निभाते जा रहे थे।

नन्दा अपने बेटी के प्यार में इस कदर खोई रहती थी, कि उसकी बेटी लाड़ में बिगड़ती जा रही है इतनी भी उसे सुध ना थी। उसके अंधप्रेम की हद तो ये थी की वो कभी अपनी बेटी को गलत राह पर चलने से भी नहीं रोकती थी। कोई निर्झर को कभी कुछ समझाता, तो वो उल्टा उसे ही भला-बुरा सुनाने बैठ जाती।

निर्झर जब बड़ी हुई तो, आजकल के युवाओं की तरह वो भी twitter और  facebook में बहुत अधिक समय व्यतीत करने लगी। चंद दिनों में ही उसने अपने nature के according उसमें भी इस इस तरह की पोस्ट डालनी शुरू कर दी कि, सभी उसके अजीब से व्यवहार से परिचित हो गए। 

धीरे धीरे सच्चे हितैशी उससे दूर होते गए, और जिनको उसकी post से मसाला मिलता था, वो उसे उसकी इन हरकतों पर उकसाते गए, उसे retweet और like करते गए।

जानते हैं ये tick ओर click की दुनिया निर्झर को कहाँ ले जाएगी गलत फैसला-(भाग 2) में