Thursday 28 January 2021

Article : क्या होगा न्याय ?


क्या होगा न्याय ?





आज जब पूरा देश, पहले से ही गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है, वहाँ एक के बाद एक अनावश्यक समस्याओं को बढ़ाना कहाँ तक उचित है?

क्या कोरोना, चीन, पाकिस्तान, भूखमरी, गिरती हुई अर्थ व्यवस्था, जाती हुई नौकरियाँ, मरते हुए लोग, वैक्सीन, आदि.... जैसी समस्या कम है? 

जो देशद्रोह भी शुरू कर दिया गया है। 

26 जनवरी को हुए विध्वंसकारी प्रदर्शन के पश्चात आज हम सबके सामने यह ज्वलंत प्रश्न है कि जो कुछ भी हुआ उसके लिए क्या न्याय होगा?

क्या इतनी बड़ी घटना के पश्चात भी उन लोगों को छोड़ दिया जाएगा? देश के इतने बड़े अपमान को ऐसे ही भूला दिया जाएगा?

जबकि इस घटना से ना जाने कितने पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हैं। वो भी इसलिए क्योंकि उन्होंने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया, और पूर्व निर्धारित आदेशों का पूर्णतः पालन किया।

दोष उन किसानों का भी है, जिन्होंने बिना कुछ सोचे-समझे, अपने नेताओं की हर बात का पालन किया। इसके लिए उन्हें दंडित किया जाना चाहिए, पर उन बड़े नेताओं का क्या, जो इन घटनाओं को क्रियान्वित करने का कार्य सुचारू रूप से कर रहे थे? जो किसानों को आए दिन भड़काने का कार्य कर रहे थे..

क्या उनके लिए भी सज़ा का कोई प्रावधान है?

26 जनवरी को हुई घटना के पश्चात अब तो पूरा देश समझ चुका है कि, इन लोगों को खेती-किसानी से कोई सरोकार नहीं है।

इनका मुद्दा वो तीन बिल हैं ही नहीं, जिनकी दुहाई देकर इतने दिनों से धरना दिया जा रहा था। इसलिए सरकार के द्वारा दिए गए सारे प्रस्तावों को एक सिरे से ठुकराया जा रहा था।

झंडा लगाकर इन्होंने अपनी पगड़ी गिरा दी।

वैसे भी जो देश का मान गिरा दे, उसका फिर कैसा सम्मान?

वैसे भी कहा गया है कि जिस को निज देश से प्यार नहीं, उसको मानव कहलाने का अधिकार नहीं।

आज पूरा देश, न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है।

सभी को यही उम्मीद है कि देश के अपमान का उचित निर्णय लिया जाएगा।

निर्णय लेते समय यह नहीं देखा जाएगा कि अपराध करने वाला कोई छोटा किसान है या बड़ा नेता।

जो जितना बड़ा दोषी है, उसे उतना कड़ा दण्ड मिलना चाहिए।

क्योंकि आज मिली हुई छूट, अपराधिक गतिविधियों को और बढ़ावा देगी। जो देशहित में कदापि नहीं है। 

Wednesday 27 January 2021

Poem : तुमको हथियार बनाया है

तुमको हथियार बनाया है





क्या साबित करने के लिए

इतना बवाल मचाया है?

क्या सोच कर तुमने

झंडे का मान गिराया है ?


जो आन हमारे भारत की

जो शान हमारे भारत की 

उसके ही अस्तित्व पर तुमने

यह कैसा कलंक लगाया है?


गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर

जब सारे राष्ट्रभक्त हो जाते हैं

ऐसे पावन दिवस को क्यों

तुमने काला दिवस बनाया है?


तुम अन्नदाता हमारे हो 

हम मान तुम्हारा करते हैं 

पर आज के इस कुकृत्य से

तुमने देश का गौरव गिरवाया है


जो मान मिला था भारत को, 

कोरोना की वैक्सीन बनाकर के।

तुम्हारे विध्वंस प्रदर्शन ने,

उसको मिट्टी में मिलवाया है।।


अब तो जागो ओ किसान मेरे,

जिनके बहकावे में तुम बैठे हो।

अपनी राजनीति चमकाने में उसने,

तुमको अपना हथियार बनाया है।।


Tuesday 26 January 2021

Poem : हर दिल में तिरंगा लहराया

आप सभी को 72वें गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ 🇮🇳🙏🏻

हर दिल में तिरंगा लहराया





डर का तिमिर

था गहराया

कोरोना का काला

बादल आया


चीन चला

धूर्तता की चाल 

विश्व हो रहा 

था बेहाल


ना जाने कितनों की

जान गई

ना जाने कितनों की

आन गई


ना जाने कितनों के

अपने छूटे

ना जाने कितनों के

सपने टूटे


विध्वंस और क्रुर होकर भी

चीन विश्व विजेता ना बन पाया

उतर गया सबके दिल से

अन्यायी वो कहलाया


भारत ने वैक्सीन बनाकर

अंधकार को दूर हटाया

गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर

सर्वोच्च सम्मान पाया


वो विश्व गुरु, सौहार्द्र प्रेम का

भारत ने सबको बतलाया

गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर

हर दिल में तिरंगा लहराया


गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर

हर दिल में तिरंगा लहराया


जय हिन्द जय भारत 🇮🇳

Monday 25 January 2021

Story of Life : यह कैसा प्यार (भाग-9)

 यह कैसा प्यार (भाग-1), 

यह कैसा प्यार (भाग -2),

यह कैसा प्यार (भाग - 3),

यह कैसा प्यार ( भाग -4) ,

यह कैसा प्यार (भाग-5), 

यह कैसा प्यार (भाग -6),

यह कैसा प्यार (भाग -7)  और

यह कैसा प्यार (भाग-8) के आगे....


यह कैसा प्यार (भाग-9)


बनो मत रोहित, मुझे अच्छे से पता है कि तुम मुझे बेवकूफ बना रहे हो।

कैसी बात करती हो, भला मैं क्यों ऋषि की आवाज़ से तुम्हें बेवकूफ बनाऊंगा?

 मुझे मेरा बंगला वापस मिल गया। मुझे और कुछ नहीं चाहिए, रोहित ने दृढ़तापूर्वक कहा। 

अच्छा हाँ सुनों, यह पकड़ो file, इसमें वो सारे papers हैं, जिससे तुम ऋषि के business की मालकिन बन जाओगी। 

मैं कल सुबह ही जा रहा हूँ, अपनी माँ को लेने। तुम भी जल्दी मेरा बंगला खाली कर के जाओ।

नहीं रोहित, मुझे छोड़कर अभी मत जाओ। I'm sorry, मैं आगे से तुमसे कुछ नहीं कहूंगी।

रोहित ने कहा, बस वो एक हफ्ते ही रुकेगा।

अगले दिन से तान्या को ऋषि की आवाज़ के साथ वो दिखने भी लगा।

उसे देखकर तान्या सहम जाती। एक दिन तो ऋषि उसे उन तोहफों के साथ में दिखा, जो वो हमेशा ऋषि से मांगा करती थी।

उन्हें देखकर तान्या तड़प उठी, वो ऋषि की तरफ बढ़ी, पर वहाँ सिर्फ ऋषि की फोटो थी।

एक दिन उसे ऋषि की अधजली लाश दिखाई दी, उसे देखकर तान्या अपना संतुलन खो बैठी।

और दौड़ती हुई उस कमरे में गई, जहाँ ऋषि रहता था। वहाँ उसे ऋषि के बिखरे हुए सामना, ऋषि के लिखे love letters और वो gifts दिखे, जो उसे एक दिन ऋषि के हाथों में दिखे थे।

साथ ही वो drugs भी, जो वो ऋषि को देती थी।

तान्या ने बहुत सारी drugs खा लीं। रोहित तान्या को बदहवास भागता देखकर उसके पीछे आया था। पर जब वो ऋषि के कमरे तक पहुंचता, तान्या drugs ले चुकी थी। और बेहोश हो गई थी।

रोहित ने hospital से ambulance बुलवाई, और तान्या को hospital में admit करवा दिया। जब वो होश में आ गई, तो उसे asylum भेज दिया।

जब रोहित अपने बंगले पर पहुंचा, उसे बहुत तेज रोने के स्वर सुनाई दिए।

उसने अन्दर आ कर देखा, ऋषि फफक-फफक कर रो रहा था।

चुप हो जाओ ऋषि, अब तुम्हारे रोने के दिन गये, तान्या को mental asylum में admit कर दिया है।

रोहित तुम मुझे नहीं मिलते तो शायद मैं सच में suicide कर लेता, मुझे कभी तान्या का असली चेहरा नहीं दिखता।

पर फिर भी आज मुझे तान्या के लिए बहुत दुःख हो रहा है, यह कैसा प्यार है मेरा? जिसने अपनी जान को ही asylum भेज दिया।

तुम्हें कोई अफसोस करने की जरूरत नहीं है, उसकी ऐसी ही दुर्गति होनी चाहिए। अगर आज हम उसे asylum नहीं भेजते, तो वो ना जाने कितने ऋषि, रोहित, सुशांत, करण को बर्बाद कर देती।

तुम ने कुछ ग़लत नहीं किया, और यह तो उसे सोचना चाहिए, कि उसका यह कैसा प्यार है, जो वो अपने सबसे ज़्यादा प्यार करने वालों को तबाह कर देती थी।

मैंने तुम्हरा साथ इसलिए नहीं दिया, क्योंकि मैं तुम्हें बचाना चाहता था। इसलिए दिया, क्योंकि तुम्हारी तरह उसने मुझे भी धोखा दिया था।

मुझसे मेरा खानदानी बंगला और बहुत सारे रुपए ऐंठ कर तुम्हारे लिए मुझे छोड़ दिया था।

मैं तुमसे मिला तो था, तुमसे बदला लेने के लिए, तुम्हें बर्बाद करने के लिए। पर तुम्हारे सरल दिल ने मुझे सही रास्ता दिखा दिया कि खोट तुम में नहीं तान्या में है।

तभी मैंने ठान लिया था कि अब तान्या को उसी स्थिति में पहुंचाऊंगा, जिसमें वो सबको पहुंचाती थी।

उसके लिए, तुम्हें तान्या का असली चेहरा दिखाना जरूरी था, जिससे तुम समझ सको कि तान्या ने तुम्हें कभी चाहा ही नहीं था।

बाकी बंगले के राज़ तो अब तुम भी जानते हो, कि इसमें बहुत चोर दरवाजे हैं, जिससे किसी को भी भ्रम में डाला जा सकता है।

पर मित्र एक बात याद रखना कि बहुत जल्दी किसी पर इतबार मत करना। वरना लोग तुम्हें ऐसे ही मूर्ख बनाते रहेंगे और तुम सोचते रहोगे, यह कैसा प्यार ?

रोहित, ऋषि को शांत कराकर, अपनी माँ को लेने चला गया और ऋषि हमेशा के लिए, अपनों के पास लौट गया।

Friday 22 January 2021

Story of Life : यह कैसा प्यार (भाग -8)

यह कैसा प्यार (भाग-1), 

यह कैसा प्यार (भाग -2),

यह कैसा प्यार (भाग - 3),

यह कैसा प्यार ( भाग -4) ,

यह कैसा प्यार (भाग-5), 

यह कैसा प्यार (भाग -6) और

यह कैसा प्यार (भाग -7) के आगे .....

यह कैसा प्यार (भाग-8)


ऋषि ने देखा, रोहित उसके bed पर लेटा हुआ था और तान्या उस पर झुकी हुई थी।

वो रोहित से कह रही थी कि, आज ऋषि के आते ही उसे सबसे high dose की drugs दे दूंगी। तब तुम एक बार फिर अपने बंगले के चोर दरवाजे से अपने आदमी को बुलाकर उसकी अजीब सी आवाज़ और उसका साया दिखाकर, ऋषि को भ्रम में डाल देना। जब वो भ्रम से परेशान हो तभी तुम उससे पूरे business को मेरे नाम कर देना।

अच्छा! पर यह बताओ, उसके बाद मुझे क्या मिलेगा? रोहित ने तान्या को अपनी तरफ खींचते हुए पूछा, क्या हमेशा के लिए तुम मेरी हो जाओगी?

तान्या छिटक कर हटते हुए बोली, ज्यादा होशियार बनने की जरूरत नहीं है, तुम्हें यह तुम्हारा बंगला वापस कर दूंगी, इसी बात से खुश रहो।

पूरा business मेरा हो जाने के बाद तुम्हें अपनी एक रात तोहफे में दे दूंगी, इसके बाद मुझे जिंदगी में कभी मिलना मत।

ऋषि यह सब सुनकर टूट गया, drugs...... ओह तो मेरी मानसिक स्थिति ख़राब होने का कारण यह लोग हैं।

ना महबूबा अपनी थी ना दोस्त। 

आह ! कितनी निर्लज्ज स्त्री से मैंने प्यार किया...... जिसके लिए ना तो प्यार का मोल है ना अपनी इज्जत का। और एक दोस्त मिला था, वो भी दगाबाज।

ऋषि अन्दर आ गया। तभी बहुत तेज से table गिरने की आवाज़ आई।

तान्या और रोहित, आवाज़ की दिशा में भागे तो देखा ऋषि पंखे से लटक रहा था......

रोहित ने तुरंत उसे सम्भालते हुए नीचे उतारा, पर तब तक ऋषि दुनिया छोड़ चुका था।

यह जानते ही, तान्या खुश होते हुए बोली,  वाह! मुझे ऋषि से छुटकारा मिल गया। वो खुशी से रोहित की बाहों में झूल गई। रोहित की आंखों में आंसू थे। ना जाने खुशी के या ऋषि की जुदाई के।

तान्या ने उसी समय मीडिया को बुलाया और सब अखबारों में यह खबर छप गई कि ऋषि ने suicide कर लिया है।

जब ऋषि के घर वालों को पता चला तो उन पर गाज गिर गई, उसके पिता जी, को यकीन नहीं हुआ कि अचानक ऐसा क्या हुआ, जो ऋषि ने suicide कर लिया।

वो, अपने आप को कोस रहे थे कि वो उसे अपने साथ ही क्यों नहीं लाए?

आनन-फानन सब वहाँ पहुंचे तो उन्हें पता चला कि यह सच था, ऋषि का अंतिम संस्कार कर के सब वापस आ गए।

इस घटना के चंद दिन बाद,  तान्या ने रोहित से कहा, आज मैं तुम्हारे साथ आखिरी बार खाना खा रही हूँ, फिर तुम अपने रास्ते, और मैं अपने।

अभी खाना शुरू किया ही था कि, तान्या को ऋषि की आवाज़ सुनाई दी।

ऋषि की आवाज़ सुनकर तान्या बुरी तरह डर गई, फिर अपने को सम्भालते हुए रोहित पर बिफर गई, रोहित यह क्या हरकत है, तुम मुझे ऋषि की आवाज़ से क्यों डरा रहे हो?.....

कैसी आवाज़, मुझे तो कोई आवाज़ नहीं आ रही.....

अंतिम भाग पढ़ें, यह कैसा प्यार (भाग-9) में... 

Thursday 21 January 2021

Story of Life : यह कैसा प्यार (भाग-7)

यह कैसा प्यार (भाग-1), 

यह कैसा प्यार (भाग -2),

यह कैसा प्यार (भाग - 3),

यह कैसा प्यार ( भाग -4) ,

यह कैसा प्यार (भाग-5) और

यह कैसा प्यार (भाग -6) के आगे.....


यह कैसा प्यार (भाग-7)




अब तो ऋषि को भी लगने लगा कि उसको भ्रम रहने लगा है। क्योंकि जो उसे दिखता है, वो ना तान्या को दिखता है ना रोहित को। 

उसे भी सिर्फ साया दिखाई देता है और आवाजें सुनाई दे रही थी, पर साक्षात् कुछ नज़र नहीं आता था।

इन सब के चलते ऋषि धीरे-धीरे मानसिक रूप से बीमार होता जा रहा था जिसके कारण वह business पर ठीक से ध्यान नहीं दे पा रहा था, तो वो धीरे-धीरे रोहित की partnership बढ़ाता गया।

अब partnership ऐसी थी कि, ऋषि 30% और रोहित 70% का partner हो गया था।

ऋषि ने ठीक होने के लिए दवाइयाँ भी लेनी शुरू कर दी।

पर उन दवाइयों का नशा ऐसा था कि वो 24 घंटे में से 16 ‌घंटे पूरी तरह झूमता ही रहता है। क्योंकि उसे पता ही नहीं चला था कि कब तान्या ने उसे दवाइयों के साथ drugs भी देनी शुरू कर दी।

ऋषि के पापा जी का एक दिन फोन आया, तो उन्हें ऋषि की तबीयत का पता लगा, वो फ़ौरन ऋषि से मिलने पहुँच गए।

जब ऋषि के पिता घर में आए, उस समय ऋषि रोहित के साथ doctor के पास गया था। 

तान्या नहीं चाहती थी कि वो ऋषि से मिलें, तो उसने पिता जी को यह कहकर वापस जाने को बोल दिया कि ऋषि business के सिलसिले में abroad गया है।

वो जाने लगे, तब तक ऋषि doctor के पास से लौट आया था। अपने पिता जी को देखकर वो बहुत खुश हुआ।

उसके पिता जी दो दिन रुके। इन दो दिनों में उसे कोई साया नहीं दिखा और कोई आवाज़ भी नहीं सुनाई दी। इसलिए उसने कोई दवा नहीं खाई। 

फिर भी उसकी स्थिति में सुधार आने लगा। ऋषि की स्थिति में सुधार देखकर पिता जी बोले बेटा, मेरे पेंशन लेने जाने का दिन आ गया है। तो मुझे जाना होगा, तू भी साथ चल। 

अब तो रोहित business संभाल रहा है तो तुझे उसकी भी कोई चिंता नहीं है।

ऋषि बोला, पिता जी आप चलिए। मैं दो दिन में आता हूँ। अबकी जब आऊंगा तो बहुत दिनों के लिए आऊंगा। माँ जी और भाभी से बोल दीजिएगा कि खूब सारे पकवान बनाकर रखें, अपने लाडले के लिए।

पिता जी को छोड़कर जब वो लौट कर आया, तो उसे अपने bedroom से आवाजें आती सुनाई दी।

उसने घर के बाहर से ही झांक कर देखा, तो अन्दर का दृश्य देखकर वो हैरान रह गया......

आगे पढ़ें यह कैसा प्यार (भाग - 8) में.....

Wednesday 20 January 2021

Story of Life : यह कैसा प्यार (भाग-6)

यह कैसा प्यार (भाग-1), 

यह कैसा प्यार (भाग -2),

यह कैसा प्यार (भाग - 3),

यह कैसा प्यार ( भाग -4) और 

यह कैसा प्यार (भाग-5) के आगे.....

यह कैसा प्यार (भाग-6)



तान्या, मैंने रोहित को अपने बंगले में रहने को बोल दिया है ।

ओफ्फो ऋषि तुम्हें कभी अक्ल नहीं आएगी, क्यों कहा तुमने उससे? हम दोनों के बीच वो भी आ जाएगा।

अरे यार वो अकेला feel कर रहा था, फिर हमारा इतना बड़ा बंगला है, उसके outhouse में ही रह लेगा। 

Outhouse में?.....

क्यों तुम्हें अब उसमें भी परेशानी है?

नहीं, कोई परेशानी नहीं है, outhouse में शायद उसे बुरा लगे।

अब जब बोल ही दिया है, तो उसे हमारा तीसरा bedroom ही दे देना।

शाम को रोहित अपने सामानों के साथ बंगले पर पहुंच गया। रोहित पूरे बंगले को ऐसे देख रहा था, जैसे कुछ समझने या याद करने की कोशिश कर रहा हो।

तान्या ने बहुत ख़राब मन से रोहित को तीसरा bedroom दे दिया‌।

अब तो ऋषि और रोहित का साथ, दिन रात का रहने लगा।

सब कुछ अच्छे से चल रहा था, हाँ तान्या जरुर चिढ़ती रहती थी।

एक शाम को ऋषि को बंगले पर कुछ साया सा दिखा, ऋषि ने पीछा किया पर कोई नहीं दिखा।

फिर जब वो तान्या और रोहित के संग खाना खा रहा था,  उसने साफ़ साफ़ देखा, पर्दे के पीछे कोई है।

पर रोहित और तान्या ने कहा, वहांँ कोई नहीं है।

ऋषि ने उठकर देखा, पर वहाँ, सच में कोई नहीं था।

अब तो आए दिन, ऋषि को कभी आवाजें आती, कभी कोई दिखता। 

पर रोहित और तान्या, हमेशा यही कहते, उसका भ्रम है। और देखने पर ऋषि को कुछ दिखता भी नहीं।

ऋषि को भी अब......

आगे पढ़ें, यह कैसा प्यार (भाग-7) में.......

Tuesday 19 January 2021

Story of Life : यह कैसा प्यार (भाग -5)

यह कैसा प्यार (भाग-1), 

यह कैसा प्यार (भाग -2),

यह कैसा प्यार (भाग - 3) और 

यह कैसा प्यार ( भाग -4) के आगे.....


यह कैसा प्यार (भाग -5) 



एक दिन रोहित ने, ऋषि से आकर कहा, मैं अब और तुम्हारे साथ काम नहीं कर पाऊंगा।

ऋषि बोला, ऐसी भी क्या बात हो गई है? हम दोनों के साथ से हमारा business कितना अच्छा चल रहा है।

हमारा business? रोहित ने चौंकते हुए पूछा।

हाँ, रोहित मैंने कल ही सोचा था कि, तुम्हें अपने business के 30% की partnership दें दूँ।

क्या कह रहे हो ? ऋषि तुम अभी मुझे जानते ही कितना हो? अभी कुछ दिन पहले ही तो मैं तुमसे मिला हूँ।

इतनी जल्दी किसी पर इतबार नहीं करते हैं दोस्त।

ऋषि बोला वाह, दोस्त भी कहते हो, और इतबार करने को भी मना करते हो।

तुम ने मुझ पर भरोसा करके मुझे रुकने को मजबूर कर दिया है, पर मैं अकेले घर में रहते रहते bore हो गया हूँ। मैं वापस अपनों के बीच में जाना चाहता हूँ। रोहित एक सांस में बोल गया।

अरे, मेरे रहते तुम कैसे अकेले हो गये?

 तुम एक काम करो, मेरा बंगला बहुत बड़ा है, तुम हमारे साथ ही रहने लगो। दिन रात का साथ हमारे business development में चार चांद लगा देगा। और तुम्हें अकेलापन भी नहीं सताएगा।

तुम्हरा बंगला!..... 

अरे कहाँ खो गये रोहित? ऋषि ने रोहित को झकझोरते हुए कहा, मैं अपने बंगले पर ही रहने की बात कर रहा हूँ।

रोहित चौंकते हुए बोला, नहीं कुछ नहीं, कुछ पुरानी यादों में खो गया था। 

ओह पुरानी यादें! सच यह कभी साथ नहीं छोड़ती हैं, कहकर आज ऋषि को बहुत दिनों अपने घर वाले याद आने लगे।

रोहित तुम हमारे साथ रहो और एक हफ्ते के लिए तुम और एक हफ्ते के लिए मैं अपने घर वालों से मिलने चले जाएंगे।

घर में सब कितने खुश होंगे, मुझे देख कर। जब से तान्या से मिला हूँ, तब से एक बार ही गया था, दो दिन के लिए सबसे मिलने। 

फिर तो तान्या ने वापस बुला लिया था और business की चिंता भी सता रही थी।

पर अब जब तुम हो तो मुझे किसी बात की फ़िक्र नहीं है।

एक बार, तान्या से पूछ लेते ऋषि।

तान्या से क्या पूछना, तुम तो उसके childhood friend हो, वो तो बल्कि खुश हो जाएगी जानकर कि हम सब साथ में रह रहे हैं।

Childhood friend.... ओ हाँ, वही तो हूँ मैं।

क्यों कुछ ग़लत कहा, मैंने? ऋषि ने पूछा।

अरे नहीं,..... सब ठीक है। चलो मैं चलता हूँ, आज शाम ही सामान के साथ पहुंचाता हूँ, तुम्हारे..... बंगले पर।

ऋषि को रोहित का आज behaviour कुछ अजीब सा लग रहा था।

उसने तान्या को phone कर दिया.....

आगे पढ़ें, यह कैसा प्यार (भाग- 6) में

Monday 18 January 2021

Story of Life : यह कैसा प्यार (भाग -4)

यह कैसा प्यार (भाग -1), 

यह कैसा प्यार (भाग -2) और

यह कैसा प्यार (भाग - 3) के  आगे.....

यह कैसा प्यार (भाग -4) 




पर ऋषि ने जैसा सोचा था, रोहित उसके विपरीत निकला।

रोहित काम के प्रति बहुत sincere था। ऋषि, रोहित को जो भी काम देता, वो बड़े लगन से उस काम को समय से पहले पूरा कर देता।

कुछ ही दिनों में ऋषि और रोहित में बहुत गहरी दोस्ती हो गई। अब तो ऋषि, रोहित को हर important meeting में ले जाने लगा।

रोहित के आ जाने से ऋषि को अब अपनी जिंदगी में एक सुदृढ़ साथ मिल गया था। वो अपने business में बहुत busy रहने लगा था।

जिसका नतीजा यह हो रहा था कि वो तान्या के साथ, बहुत कम समय व्यतीत करने लगा। अब उसे तान्या की बहुत ज्यादा चाह भी नहीं रहती।

कई बार तो ऐसा भी होता कि वो तान्या से वादा करके भी उससे मिलने नहीं जा पाता।

ना ही आजकल वो उसको  abroad tour पर ले जाता था, ना ही उसको मंहगे तोहफे दे रहा था।

ऐसा नहीं था कि वो abroad नहीं जा रहा था या मंहगे तोहफे नहीं खरीद रहा था।

वो abroad तो जा रहा था, पर अक्सर meetings के सिलसिले में और साथ में होता था, रोहित।

वो तान्या के लिए मंहगे तोहफे भी खरीद रहा था, पर वो इतना व्यस्त रह रहा था कि उसके पास अभी इतना समय नहीं रह पा रहा था कि वो तान्या से मिलकर उन्हें दे सके, अपना प्यार दिखा सके।

तान्या,  ऋषि के इस तरह के बदलाव से तिलमिला उठती।

जहाँ तान्या उसके बहुत अधिक साथ से bore होती थी, आज उसका साथ पाने को तरस जा रही थी।

ऋषि से छुटकारा पाने वाली तान्या, अभी ऋषि का घंटों इंतज़ार करने लगी थी।

वो जानती थी कि यह सब रोहित के आने के कारण से हो रहा है, पर फिर भी वो ऋषि को रोहित से अलग नहीं कर रही थी।

आखिर कौन था, यह रोहित? उसका childhood friend या कोई और?

क्यों वो शामिल हुआ था, ऋषि की जिंदगी में?

आखिर ऐसी क्या वजह थी कि, तान्या ने रोहित को ऋषि की जिंदगी में शामिल किया था और उसके रहने से उसे बहुत चिढ़ भी हो रही है, फिर भी वो रोहित को ऋषि से दूर नहीं कर पा रही थी.....

यह सब जानते हैं, यह कैसा प्यार (भाग-5) में.....



Saturday 16 January 2021

Article : उम्मीदों का सवेरा

 उम्मीदों का सवेरा 



"जिसका हमें था इंतजार, वो घड़ी, आ गई, आ गई आज......"

आज का दिन, वो दिन है जिसका हम सब ने बहुत इंतजार किया। यह दिन उम्मीदों का सवेरा बनकर आया है, आशाओं की किरण बनकर आया है। 

और सबसे बड़ी खुशी की बात यह है कि, इस सवेरे को लाने के लिए हमें किसी अन्य देश पर निर्भर नहीं रहना है। 

यह भारत के लिए बहुत गर्व की बात है कि  कोरोना को मात देने के लिए, जहाँ कितने ही देश, दूसरे देशों पर निर्भर हैं। वहीं भारत के पास दो-दो vaccine मौजूद हैं।

आज हमारे पास sirum institute की Covishield और Bharat biotech की Covaxin, मौजूद हैं।

आज वो शुभ दिन है, जब हमारे देश के विभिन्न भागों में vaccination start हो गया है।

जहाँ बहुत से देशों ने vaccination campaign की शुरुआत बड़े बड़े politician के vaccine लगने से हुई है। 

वहीं भारत ने यह शुरुआत अपने frontline warriors के vaccination से start की है।

यह सोच, किसी संत की हो सकती है कि जिन frontline warriors ने आपदा के समय सबसे आगे रहकर पूरे देश की सुरक्षा की है। उसी को सुरक्षा भी सर्वप्रथम मिलनी चाहिए। 

वैसे भी आगे भी, वो ही सम्पूर्ण देश की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में सहयोगी रहेंगे।

इसलिए आज शुरुआत उनसे ही प्रारंभ की जा रही है। उसके बाद देश के उन लोगों की सुरक्षा व्यवस्था की जाए, जो शारीरिक रूप से कमजोर हों, इसलिए दूसरे स्थान पर वृद्ध व्यक्तियों को, तदोपरान्त उन लोगों का स्थान है जो पहले से ही रोगों से ग्रस्त हैं। उसके बाद अन्य लोगों का स्थान है।

तो जिस तरह से vaccination campaign की planning की गई है, वो सिर्फ भारत जैसे संस्कारी देश में ही संभव है।

अब हम सब भारत वासियों को vaccination campaign को सफल बनाने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। 

किसी भी तरह के बहकावे में ना आएं और हाँ दवाई भी कड़ाई भी। 

यही तरीका है, corona से मुक्ति पाने का। 

हमें इस बात पर गर्व करना चाहिए कि बहुत सारे देश भारत से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें भी शीघ्र कोरोना जैसी महामारी से मुक्ति मिल जाएगी। 

जिसमें, ब्राजील, मोरक्को, सऊदी अरब, म्यांमार, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों ने भारत से वैक्सीन की आधिकारिक तौर पर मांग की है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि कोरोना वैक्सीन के वितरण में भारत सरकार बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों को प्राथमिकता देगी.

आज इस महामारी से मुक्ति पाने के लिए इन देशों को सबसे ज्यादा भारत पर भरोसा है।

तो गर्व से कहिए कि हम भारतीय हैं, जो हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर रहा है।

Friday 15 January 2021

Poem : वो वीर हैं भारत के प्रहरी

वो वीर हैं भारत के प्रहरी 



चाहे बर्फ की हो चादर फैली,

या चले कितनी शीत लहरी।

जो अडिग रहें हर क्षण हीं,

वो वीर हैं भारत के प्रहरी।।


चाहे सूर्य हो पूर्ण प्रचंडता पर,

या रेत हो तपती गहरी।

जो विचलित ना हो क्षणभर भी,

वो वीर हैं भारत के प्रहरी।।


चाहे जल में कंठ तक रहे डूबे,

या कितनी हो वर्षा भारी।

जो डटे रहें हर पल में,

वो वीर हैं भारत के प्रहरी।। 


चाहे हो खड़ा पाकिस्तान,

या चीन चले चालें गहरी। 

हर बार हराते हैं जो इनको,

वो वीर हैं भारत के प्रहरी।।


हम हार मान लेते हैं,

जीवन के चंद कठिन पलों से।

वो जी जान से लड़ जाते हैं,

कठिन पल को सरल बनाकर के।।


ठंडक, गर्मी, बरसात तो,

जीवन के मौसम हैं।

वो मौत से लड़ जाते हैं,

निज को फौलाद बनाकर के।।


हे वीर, तुम्हें भारत का नमन,

हे वीर तुम्हारा करते वंदन।

तुम मान हमारे भारत के,

तुम शान हमारे भारत के।।


जय हिन्द, जय हिन्द की सेना 🇮🇳

भारतीय सेना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ

🙏🏻💐

Thursday 14 January 2021

Recipe : Delhi's famous "Ram Laddoo"

संक्रांति के पावन पर्व पर सभी घरों में मंगौडे़ बनाए जाते हैं। तो क्यों ना इस संक्रान्त में आप दिल्ली के मशहूर राम लड्डू बनाएं। 

दिल्ली में राम लड्डू के ठेले आप लगभग हर बाजार में देख सकते हैं, गोल गोल गरमा गरम राम लड्डू कढ़ाई में तलते देख इन्हें खाने के लिये मन कर जाता हैं।

राम लड्डू मूंग और चने की दाल से बनाये जाते हैं। मूंग दाल से मंगौड़े भी बनाये जाते हैं लेकिन मगौड़े जहां कुरकुरे होते हैं राम लड्डू कुरकुरे नहीं होते।

राम लड्डू दिल्ली का famous street food snack है। वैसे तो जितने भी लड्डू होते हैं, सभी मीठे होते हैं, बस राम लड्डू नमकीन और चटपटे होते हैं और इन्हें हरी चटनी और कद्दूकस की हुई मूली के साथ परोसा जाता है।

तो चलिए, आज आपको राम लड्डू की recipe ही share कर देते हैं।

Delhi's famous "Ram Laddoo"








Ingredients -

For Ram Laddoo batter 

Yellow skinned pulse(yellow Moong dal) - 1 Cup

Chickpea split pluse (Chana dal) - ¼ Cup

Salt - as per taste

Radish leaves -1 tbsp finely chopped

Mustard oil - for frying


For Green chutney :

Radish leaves - ½ Cup chopped

Coriander leaves - ¼ Cup chopped

Lemon juice - 1 tbsp 

Green chillies - 3 to 4 


For Radish topping :

Grated radish - ½ Cup

Finely chopped coriander leaves - 1 tbsp

Finely chopped radish leaves - 1tbsp


For serving :

Chat masala - as per taste


Method :

For Ram Laddoo :

  1. मूंग दाल और चना दाल को एक कटोरे में धोकर साफ करें और इसे रात भर के लिए भिगो दें।
  2. दाल से extra पानी निकाल दीजिये और भीगी हुई दाल को grinder or blender jar में डालें।
  3. बिना पानी डाले दाल को पीसना शुरू करें, दाल पीसते समय उसे लगातार न पीसें, रोक-रोक कर पीसें। जार के किनारों को खुरचें और फिर पीसना शुरू करें। पीसते समय बिल्कुल पानी न डालें। यदि आप को दाल पीसने में परेशानी हो रही है, तो बहुत कम पानी (कुछ चम्मच ही) डालें।
  4. राम लड्डू बनाने के लिए दाल हल्की दरदरी होनी चाहिए, एकदम महीन नहीं पीसी जाती है।
  5. पिसी हुई दाल के paste को एक बड़े bowl में निकाल कर रख लीजिए।
  6. इसमें नमक मिला दें।
  7. अब इसे एक ही direction में हाथ से या whipper से अच्छी तरह से whip कर लीजिए।
  8. Paste, whip होने से light and fluffy हो जाएगा।
  9. Whip(फेंटने) करने से दाल के paste का colour भी light हो जाएगा।
  10. अब इसमें finely chopped radish leaves डालकर अच्छे से mix कर लीजिए।
  11. Wok(कड़ाही) में mustard oil डालकर गर्म कीजिए।
  12. गर्म तेल में दाल के paste को तीन उंगली और अंगूठे की सहायता से लड्डू के आकार का बनाते हुए डाल दीजिए।
  13. Medium flame पर हर तरफ से सुनहरा होने तक fry कर लें।
  14. तले हुए राम लड्डू को तेल से निकालें और extra तेल हटाने के लिए paper towel बिछाई हुए प्लेट पर निकाल लीजिये।


For Green chutney : 

  1. हरी चटनी के लिए, एक मिक्सी jar में कटे हुए मूली के पत्ते, धनिया की पत्ती, हरी मिर्च, नमक व थोड़ा सा पानी डालें।
  2. चटनी को एकदम बारीक पीस लें।
  3. पिसी हुई चटनी को एक कटोरे में निकाल लें।
  4. अब इसमे नींबू का रस डालें और इसे अच्छी तरह से मिलाएं।


For Radish topping :

  1. सबसे पहले मूली को धो कर, छील ले और फिर मूली को grate कर ले।
  2. Grated मूली में finely chopped मूली के पत्ते और धनिया पत्ती डालें।
  3. अच्छी तरह से मिलाएं और इसे भी एक तरफ रख दें।



Ram Laddoo serving method:


  1. अलग-अलग Bowl में 7 से 8 राम लड्डू रख लें।
  2. लड्डू के ऊपर हरी चटनी को डालें, आप चटनी को कम या अधिक डाल सकते हैं। आप चाहें तो मीठी चटनी को भी डाल सकते हैं। Authentically सिर्फ हरी चटनी डाली जाती है, मीठी नहीं।
  3.  इसके बाद ऊपर से कद्दूकस की हुई मूली और धनिया पत्ती वाली topping डालें।
  4. फिर इस पर चाट मसाले को छिड़कें।
  5. Now tasty, yummy Ram Laddoo is ready to serve. 

Note :

  • आप अपने taste के according, दाल के combination में थोड़ी सी उर्द दाल भी mix कर सकते हैं। Authentically मूंग और चना दाल ही ली जाती हैं।
  • दाल को over night or atleast 6 to 8 hours के लिए जरुर से soak करें।
  • दाल का एक एक दाना जब अन्दर तक फूलता है तो result भी बहुत अच्छा आता है।
  • कोशिश कीजिए कि दाल पीसते समय कम से कम पानी डालें, वरना लड्डू का shape proper नहीं आएगा।
  • पतला paste ज्यादा Oil भी soak करता है।
  • पर अगर whip करने के बाद, आप का paste ज्यादा dry हो तो थोड़ा सा पानी डालकर अच्छे से mix कर लीजिए।
  • राम लड्डू बनाने में, baking soda and baking powder कुछ भी डालने की जरूरत नहीं है।
  • दाल को देर तक भिगाना, कम पानी डालकर धीरे-धीरे पीसना और खूब अच्छे से whip करना, यही बस main key हैं, जो राम लड्डू को नरम और फूला हुआ बनाती हैं।
  • राम लड्डू को राम लड्डू बनाने में मूली और उसके पत्तों का main role है। तो उसको बिल्कुल भी skip मत कीजिएगा।
  • आप अपने taste के according चटनी बनाते समय, jar में थोड़ा सा दही भी add कर सकते हैं। Authentically दोनों taste की चटनी रहती है।
  • अगर आपको तीखा और चटपटा स्वाद बहुत पसंद है तो आप इसी batter में मोटी मिर्च डाल कर उसके पकौड़े भी बना सकते हैं। 
  • जिन्हें ज्यादा चटपटा पसंद होता है, उन्हें मिर्ची पकौड़ा भी राम लड्डू के साथ serve किया जाता है। यह भी बहुत yummy लगता है।
  • पर याद रखिएगा, मिर्ची में कोई filling नहीं भरी जाती है, वरना वो राजस्थानी मिर्च पकौड़ा बन जाएगा।

अगर आप को राजस्थानी मिर्च पकौड़ा की recipe चाहिए तो नीचे दिए link पर click कीजिए।

Special Rajasthan Mirch Pakauda  

आप सभी को मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🏻🕉️🌞






Wednesday 13 January 2021

Story of Life : यह कैसा प्यार (भाग -3)

यह कैसा प्यार (भाग -1) और

यह कैसा प्यार (भाग -2) के आगे.....

यह कैसा प्यार (भाग -3)




 ऋषि, तान्या के साथ वहाँ आया तो उसने देखा, बंगला वाकई बहुत खूबसूरत था पर, बंगले के अन्दर आते ही उसे अजीब सी feeling हो रही थी। 

उस बंगले को देखकर लग रहा था कि ना जाने यह बंगला अपने अंदर कितना कुछ छिपाए हुए है। 

शहर से दूर एकांत में हमें बंगला लेने की क्या जरूरत है? हमारा अपना बंगला कितना सुन्दर है। 

यही ना, ऋषि तुम तो कभी चाहते ही नहीं हो कि हम दोनों के बीच कोई नहीं आए। सिर्फ हम दोनों एक दूसरे में खोए रहें।

क्या कह रही हो तान्या ? तुम आधे घंटे से ज्यादा देर रुकती कहाँ हो?

अपनी चोरी पकड़ी देखकर तान्या, ऋषि के गले लग गई, जानू मैं तुम्हारे साथ बहुत सारा time spend करना चाहती हूँ, इसलिए तो बोल रही हूँ।

अच्छा अगर ऐसा है तो चलो, ले लेता हूँ।

ओ मेरे सोना, love you, love you....

ऋषि ने बंगला ख़रीद लिया, और तान्या के साथ वहाँ shift हो गया।

ऋषि और तान्या की जिन्दगी खुशियों से भर गई, ऋषि, तान्या का हरपल का साथ पाकर खिल गया।

उसने business पर भी अच्छे से ध्यान देना शुरू कर दिया।

Business फिर से अच्छे से उठने लगा।

तभी एक दिन तान्या ने अपने एक दोस्त रोहित से ऋषि को मिलवाया।

ऋषि यह मेरा childhood friend है, क्या तुम इसे अपने business में शामिल कर सकते हो? तुम ऐसा करोगे तो, मेरे दिल में तुम्हारे लिए बहुत ज्यादा प्यार बढ़ जाएगा।

ऋषि को समझ आ रहा था कि तान्या पूछ नहीं रही है, बल्कि रोहित को business में शामिल करने पर ज़ोर दे रही है।

ना चाहते हुए भी ऋषि को रोहित को अपने business में शामिल कर लिया।

पर जैसा ऋषि ने सोचा था.......

आगे पढ़ें, यह कैसा प्यार (भाग -4) में.......

Tuesday 12 January 2021

Story of Life : यह कैसा प्यार (भाग-2)

यह कैसा प्यार (भाग-1) के आगे....


यह कैसा प्यार (भाग-2)


शुरू शुरू में तो तान्या, ऋषि को रिझाने के लिए उसके चारों तरफ मंडराती रहती थी। 

पर जब ऋषि उसका दीवाना हो गया, तो तान्या को ऋषि की नजदीकियाँ खलने लगी थी।

अब उसे ऋषि तब ही अच्छा लगता, जब वो उसे कहीं घूमाने ले जाता या मंहगे तोहफे देता।

पर इसके बदले में अगर वो उसके साथ समय बिताना चाहता तो आधे घंटे बाद ही तान्या ऊबने लगती और बहाने बना कर चली जाती।

तान्या के आने से ऋषि ने धीरे धीरे अपने सभी का साथ छोड़ दिया था। उसके पास कहने को सिवाय तान्या के कोई अपना नहीं था।

इसलिए तान्या की बेरुखी, ऋषि को झकझोर कर रख देती। जिसका नतीजा यह होने लगा कि ऋषि का business भी डावांडोल होने लगा।

Business पर पकड़ कम पड़ने से और तान्या द्वारा कराए जा रहे बेतहाशा खर्चे से ऋषि की financial condition खराब होनी शुरू हो गई।

तान्या ने तो कभी ऋषि को प्यार किया ही नहीं था और अब वो ऋषि से छुटकारा चाहती थी, इसलिए वो ऋषि का शादी का offer accept नहीं करना चाहती थी।

एक दिन तान्या बोली, ऋषि मेरे पास हम दोनों के लिए एक बहुत अच्छा idea है।

कैसा Idea?

यहाँ से थोड़ी दूरी पर मैंने एक बहुत ही बढ़िया सा बंगला देखा है चलो ना हम लोग वही रहना शुरू करते हैं।

 वह थोड़ा दूर है वहां कोई आता जाता नहीं है तो हमें disturb करने वाला भी कोई नहीं होगा बस तुम होगे और मैं होंगी और दूसरा कोई नहीं।

 ऋषि बोला मेरे पास अभी इतने पैसे नहीं हैं कि कोई बड़ा बंगला खरीद सकें वैसे इस घर में भी क्या परेशानी है ?

तान्या बोली ज्यादा महंगा नहीं है हम लोग उसे खरीद सकते हैं एक बार चल कर देख तो लो, तुम्हें भी बहुत पसंद आएगा।

बहुत ही खूबसूरत है।

तान्या बार-बार जिद करने लगी।

ऋषि को मानता ना देख कर तान्या झूठ मूठ का रोने लगी।

तान्या की ज़िद के आगे ऋषि मान गया बोला अच्छा चलो, इतना कह रही हो तो चल कर देख लेता हूं और अगर पसंद आया तो ले भी लेंगे अब तो खुश हो? 

हाँ बहुत खुश! 

दोनों उस बंगले को देखने के लिए चल दिए.....

आगे पढ़ें, यह कैसा प्यार (भाग-3) में....

Monday 11 January 2021

Story of Life : यह कैसा प्यार

 यह कैसा प्यार



ऋषि अपने परिवार में सबसे छोटा था, वो बहुत ही सरल स्वभाव का था, साथ ही सबकी मदद करने में सबसे आगे रहने वाला, यही कारण था कि वो अपने घर और बाहर सब जगह बहुत लोकप्रिय था।

वो पढ़ने में बहुत होशियार था, साथ ही बहुत ही महत्वाकांक्षी भी था। वो छोटे से शहर से अपनी किस्मत आजमाने दिल्ली आया। 

उसकी बुद्धि, लगन व मेहनत रंग लाई। और वो बहुत बड़ा businessman बन गया। 

उसके बड़े businessman बनते ही और सरल स्वभाव के कारण, उससे बहुत से लोग जुड़ गए।

शुरुआत में उससे जुड़े लोग अच्छे थे, पर जैसे जैसे वो बड़ा आदमी बनता गया, उससे एक से एक धूर्त लोग जुड़ते जा रहे थे।

ऐसे लोगों ने उसके भोलेपन का फायदा भी उठाना शुरू कर दिया। साथ ही उनकी धूर्तता के जाल में ऋषि इस कदर फंसता जा रहा था कि, जो उसके हितैषी थे, उनको भी दूर करता जा रहा था।

उन्हीं दिनों में उसकी जिंदगी में तान्या आई। दोनों एक-दूसरे में खोने लगे।

तान्या बिंदास विचारों वाली लड़की थी, जो केवल मस्ती और अय्याशी में मशगूल रहती थी।

वो ऋषि से जुड़ी ही इसलिए थी कि उसका साथ उसे जिन्दगी की रंगिनीयों में ले जाता था।

ऋषि उसे बेपनाह मोहब्बत करने लगा था, तो उसने उससे शादी करने का offer भी दिया।

पर तान्या तो आजादी से उड़ने वाली एक छलावा थी, उसे बंधन कहाँ स्वीकार था......

आगे पढें,

यह कैसा प्यार (भाग -2) में......

Friday 8 January 2021

Tips. How to preserve Green Peas

 शरद के मौसम में, veggies की बहार होती है, इसलिए इस समय cooking करना more interesting लगता है।

इन veggies की एक खासियत और है कि हम इन्हें preserve कर सकते हैैं, और इन्हें out of season भी enjoy कर सकते हैं। जिसकी process बहुत easy होती है। 

आज आप के साथ, share कर रहे हैं कि कैसे हरी मटर को preserve करें कि उसका colour and taste, intact रहे और आप summer में भी fresh peas को enjoy कर सकें।

How to preserve Green Peas



Ingredients

Peas - 400 gm.

Sugar - 1tsp

Water - for blanching

Ice cube - 1 tray 

Method

  1. पानी को High flame पर boil करने रख दीजिए।
  2. जब पानी boil हो जाए तो उसमें 1 tsp sugar डाल दीजिए।
  3. अब इसमें मटर के दाने डाल दीजिए। 2 min. High flame पर blanch कीजिए।
  4. Gas off कर दीजिए।
  5. 1 Bowl में पानी लीजिए, उसमें ice cube डाल दीजिए।
  6. इसमें blanched मटर के दाने डाल दीजिए।
  7. जब मटर के दाने पूरे ठंडे हो जाए तो एक बड़ी seave (छन्नी) में डालकर पानी drain कर दीजिए।
  8. Seave में मटर 1hour  के लिए छोड़ दीजिए जिससे, पानी अच्छे से drain out हो जाए।
  9. अब इसे kitchen towel में डालकर हल्के हाथों से सुखा लीजिए।
  10. अब आप इन दानों को seal होने वाली polythene bags में मटर के दाने रखकर polythene bags बंद कर दीजिए।
  11. अब इन्हें freezer में store कर लीजिए।

Note 

  • 1kg भरे दाने वाली मटर से 400 to 450 gm. मटर के दाने निकलते हैं।
  • पानी इतना लीजिएगा कि मटर डूबने से 1 inch पानी ऊपर रहे।
  • Sugar add करने से colour and taste intact रहता है।
  • गर्म और ठंडे पानी की process होने से मटर की‌ preservation process हो जाती है।
  • ठीक से सूखाकर ही pack कीजिएगा।
  • Polythene bags में wrap करने से airlock रहती है, जिससे मटर preserve रहती है।
  • अगर आप के पास seal lock polythene bags नहीं है तो आप मटर pack करके उसे candle light or heated knife से भी seal कर सकते हैैं।
  • आप चाहें तो airtight container में भी रख सकते हैं।
  • Preserve करने के लिए freezer में ही रखना जरूरी है ।

Thursday 7 January 2021

Short Story : ममता

 ममता


25- 30 साल के लगभग, छरहरे बदन वाली श्याम वर्ण की ममता ने हमारे घर काम पकड़ा था।

सर्दी की ठिठुरती सुबह हो, फुहारों की पड़ती सांझ या गर्मी की चिलचिलाती दोपहर, ममता  हमारे घर की घंटी अवश्य बजाती।

उसकी एक अनोखी अदा थी कि वो रोज़ सुबह आने पर दरवाजा खोलते ही बड़े अदब से नमस्ते जरुर करती।

भीतर आकर बड़ी फुर्ती से वो काम में जुट जाती थी।

हमारे घर के अलावा वो चार और घरों में काम करती थी।

उसे जब देखतीं तो लगता कि इस एक हड्डी में भी कितनी जान है। हम से अपने एक अकेले घर के काम निपटाने में हाथ-पांव कीर्तन करने लगते हैं और एक यह है जो पांच घरों का काम निपटा कर अपने घर का काम भी बखूबी कर लेती है।

मुझे खाना बनाने का बहुत शौक है तो आए दिन, special dishes बनाती ही रहती हूँ।

कभी खस्ता समोसा, कभी चाट पकौड़ी, कभी cake, Pizza, pasta तो कभी खीर, जलेबी, ice-cream, आदि .....

मेरा घर पकवानों की खुशबू से महकता है और बर्तन से भी पता चलता था कि कुछ विशेष बना है।

फिर ऐसे में उसको वो सब खाने को ना देना, मुझे रास नहीं आता था। मेरा मानना था, हर पकवान में उसका भी हक़ है। 

तो, जब भी मैं कुछ special बनाती, उसका भी उसमें हिस्सा भी जरुर शामिल होता।

उसके आने के साथ ही मैं उसे उसका हिस्सा दे दिया करती थी।

पर मैं देखा करती, वो सदैव उसे घर ले जाती, कभी खाती नहीं थी।

एक दिन मैंने उससे पूछा कि एक बात बताओ ममता, मैं इतनी स्वादिष्ट पकवान तुम्हें देती हूँ, पर तुम कभी खाती क्यों नहीं हो?

भाभी, बच्चों के लिए ले जाती हूँ।

ठीक है....

पर कभी तुम्हारे खाने का मन नहीं होता है? 

भाभी मेरा मन तो आप घर में उड़ती हुई स्वादिष्ट खुशबू ही भर देती है।

और आपके बनाएं हुए स्वादिष्ट पकवान बच्चों को खाते हुए देखती हूँ, तो आत्मा भी तृप्त हो जाती है।

जो पकवान मैंने कभी नहीं खाए थे, वो आप के कारण मेरे बच्चे आए दिन खाते हैं।

इतनी अच्छी खुशबू उड़ रही हो, सामने स्वादिष्ट पकवान हो, फिर भी कोई चखे तक नहीं। बहुत बड़े त्याग की बात है।

उसकी बातों से दिल में एक ही अनुभूति होती कि यह काम एक माँ ही कर सकती है कि खुद भूखी रहे और बच्चों को खिलाती रहे। 

उसकी ममता के आगे उसे कोई नहीं डिगा सकता।

क्या बच्चे भी माँ का इतना ध्यान रख सकते हैं?

Wednesday 6 January 2021

Article : हिन्दुत्व को बढ़ावा

 हिन्दुत्व को बढ़ावा



कोई इस बात को माने या ना माने, पर इस सत्य को झूठलाया नहीं जा सकता है कि हिन्दुत्व बढ़ता जा रहा है।

आज पूरे विश्व में हिन्दू अपने धर्म के प्रति जागरूक होते जा रहे हैं।

आज वो पहले की तरह secular नहीं रह गये।

आज वो भी समझ रहे हैं कि उन्हें secularism का पाठ पढ़ाकर केवल मूर्ख बनाया जा रहा था।

ऐसे करने के प्रति मकसद सिर्फ़ और सिर्फ़ इतना है कि हिन्दू धर्म को समाप्त कर दिया जाए।

पहले आए दिन मंदिर तोड़ दिए जाते थे।

कभी शहरीकरण के नाम पर, कभी सौंदर्यीकरण के नाम पर, और भी बहुत से बातों को मुद्दा बनाकर, ना जाने कितने ही मंदिर तोड़ दिए गए।

और उनकी कोई सुनवाई नहीं होती थी। ना ही इस बात को कोई तूल दिया जाता था।

हिन्दू देवी-देवताओं के नाम पर ना जाने कितने निम्न स्तर के व्यंग बनते थे।

Entertainment world में कितनी ही films, songs में हिन्दू धर्म का मज़ाक उड़ाया गया था।

पर नहीं, अब नहीं.....

अब हिन्दू जाग रहा है, अब उसे भी अपने धर्म को सम्मान देना है। आज ऐसी बातों का पुरजोर विरोध किया जा रहा है, जिसमें हिन्दू धर्म का अपमान किया जा रहा है।

अब मंदिरों के निर्माण का कार्य आरंभ कर दिया गया है।

इन सब का जीवन्त उदाहरण है कि राम मंदिर का निर्माण। 

दो-तीन दिन पहले, दिल्ली के चांदनी चौक में सौन्दर्यीकरण के नाम पर हनुमान जी के पुरातन मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया।

पर जनता के अत्याधिक रोष प्रदर्शन के कारण, पुनः मंदिर निर्माण की बात कही गई है।

और यह बात जानकर आपको सबसे ज्यादा प्रसन्नता होगी कि हाल ही में पाकिस्तान में एक स्वामी जी का मंदिर तोड़ दिया गया था।

वहाँ भी जनता ने बहुत रोष प्रदर्शन किया, जिससे वहाँ भी इमरान खान को पुनः मंदिर निर्माण का आदेश देना पड़ा। ऐसा उन्हें, BJP के दवाब में आकर करना पड़ा।

पर आप ने कभी सोचा, ऐसा क्या हुआ है? जिसके कारण ऐसा हो रहा है। 

शायद हमें बताने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आप सभी जानते हैं कि, ऐसा सब उसी एक नाम के कारण हो रहा है, जिसका बोल-बाला पूरे विश्व में है। 

वैसे भी यह हिन्दुस्तान है, तो यहाँ हिन्दुत्व को बढ़ावा दिया भी जाना चाहिए।

हमें तो बस सबसे इतना कहना है कि जो अलख जगी है, उसे जगाए रखिएगा, हिन्दुत्व को बढ़ावा दीजिएगा और अब उसका मान-सम्मान बढ़ाते रहिएगा। 

सभी अपने धर्मों को सर्वोच्च रखते हैं, उसका मान-सम्मान करते हैं। तभी किसी और धर्म के विषय में अनर्गल बातें करने की किसी की हिम्मत नहीं होती है।

तो अब हम हिन्दू ही secularism का चश्मा क्यों पहने?

हिन्दुत्व अस्तित्व हमारा है,

उसका सम्मान हमें प्यारा है‌।

हिन्दुत्व को दें बढ़ावा

यही हमारा नारा है।।

Tuesday 5 January 2021

Article : Vaccine master सबसे पीछे क्यों?

 Vaccine master सबसे पीछे क्यों?




आप को पता है, हमारा भारत सालों से दुनिया की 60%-70% vaccines का निर्माता रहा है।

हर दूसरी से तीसरी vaccine भारत में ही बनती है। पूरी दुनिया को भारत की इस विशेषता पर अटूट विश्वास है।

भारत में बनी vaccine गुणवत्ता में तो प्रथम number पर रहती ही है, साथ ही यहाँ बनने वाली vaccine का रखरखाव भी सुविधाजनक, आसान व सस्ता होता है।

इस बात का जीता-जागता उदाहरण यह है की Pfizer और Moderna को store करने के लिए -70°C and -20°C या उससे कम temperature की requirement है। साथ ही यह महंगे भी हैं।

जबकि India में बनने वाली vaccine को  2°C to 8°C temperature में Store कर सकते हैं।

अगर आप price के हिसाब से देखेंगे, तो भी India की vaccine ही सस्ती है। पर उसकी efficiency बाकी vaccines के बराबर ही है।

बहुत से देश, भारत से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें भी अब vaccine मिल जाएगी। और वो भी corona free हो जाएंगे।

बहुत से विकसित देशों जैसे Britain, America, Russia, etc. में vaccination campaign, December में ही start हो चुका है।

वहाँ लाखों लोगो को इसका benefit भी मिलना शुरू हो गया है।

प्रधानमंत्री जी ने घोषणा की है कि गरीबों को मुफ़्त और संसाधन युक्त लोगों को कम मूल्य में vaccination दिया जाएगा। 

Vaccination campaign के लिए बहुत हद तक व्यवस्था भी कर ली गई है।

आप सोच रहे होंगे कि जब हमारे देश vaccine master है, सारे arrangments भी accordingly हो गये हैं तो, आखिर यह देरी क्यों?

यह देरी खाली इसलिए हो रही है, क्योंकि कुछ राजनेता, इस अति आवश्यक कार्य में अड़ंगा डाल रहे हैं। जिसके कारण जो काम अभी तक शुरू हो जाना चाहिए, वो इंतज़ार कर रहा है।

आप को क्या लगता है, जो लोग इस का विरोध कर रहे हैं, वो vaccination नहीं कराएंगे?

हमारा तो सिर्फ़ इतना कहना है कि, अगर आप को राजनीति करनी है तो उसके लिए जीवित रहना आवश्यक है। साथ ही राज्य करने के लिए प्रजा का जीवित रहना भी आवश्यक है।

तो क्यों राष्ट्र-विरोधी बातें कर के आप खुद को भी संकट में डाल रहे हैं और भारत की जनता को भी?

वैसे शायद आप जानते होंगे कि अच्छा सत्ताधारी वो है जो देश को अपने स्वार्थ से ऊपर रखे और देश की सुरक्षा व विकास करे।

क्योंकि जिसने दिल जीत लिया, वो तो वैसे ही सबका प्रिय है और सबके दिलों का राजा।

Vaccination late होने से ना vaccine बनाने वाली companies का loss है, क्योंकि उनसे बहुत सारे देश आस लगाए बैठे हैं; और ना ही politicians का, क्योंकि वो भी कब vaccination करा लेंगे, आप को पता भी नहीं चलेगा।

तो यह प्रयास हम सब का होना चाहिए कि vaccine master, अब और पीछे ना रहें, हम किसी बहकावे में ना आएं और vaccination campaign को सफल बनाएं।

Monday 4 January 2021

Article : Corona vaccine or political stunts....?

 Corona vaccine or political stunts..?



एक ओर जहाँ corona vaccine आने की आहट तेज़ सुनाई दे रही है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक सुगबुगाहट तेज हो गई है।

बहुत ही कमाल के हैं वो राजनेता, जो हर विषय में राजनीति ढूंढ लेते हैं।

अभी vaccine के आने की खबर भर है और vaccine नहीं लगवाने की कवायद शुरू कर दी गई है।

कुछ समूह विशेष कह रहे हैं कि vaccine हलाल की नहीं है, इसलिए नहीं लगवाएंगे।

तो कुछ ने corona vaccine का नाम ही change कर के उसे "BJP की vaccine" क़रार दिया है।

वैसे यह मोदी जी ने कमाल ही कर दिया है कि "BJP की vaccine" विदेशों में भी supply की जा रही है। 

कहाँ तक उचित है यह नामकरण?

अभी जहाँ सबको एकजुट होकर corona जैसी महामारी को देश से जड़मूल से उखाड़ फेंकने की आवश्यकता है।

क्या वहाँ ऐसे statement, न्याय संगत हैं?

कैसे कोई vaccine, किसी party विशेष की हो सकती है?

ऐसे तो आज कल, जब सरकार BJP की है, तो पानी, बिजली, अनाज सब की supply भी उसी की है। इस हिसाब से उन लोगों को, इन सब का भी बहिष्कार आरंभ कर देना चाहिए। और सब कुछ त्याग कर हिमालय पर वास करना चाहिए।

इस आपदा के समय में भी, अपनी राजनीति चमकाने के लिए कुछ भी अनर्गल statement कहाँ तक शोभनीय है?

कृपया अभी कोई भी इस बहकावे में ना आए और vaccination campaign को सफल बनाएं।

क्योंकि यही एकमात्र विकल्प है जो कि हमें पुनः भयमुक्त वातावरण प्रदान करेगा और हमें पुनः सबके साथ समय व्यतीत करने का अवसर प्रदान करेगा।

बहुत रह चुके अपनों के साथ के बिना, बहुत जी चुके मुंह को छिपा कर, बहुत जी चुके हाथों को रगड़ कर, बहुत जी चुके भय के साये में, अब हमें आजादी चाहिए, राजनीति नहीं........

आप को राजनीति करनी है तो कीजिए मगर देशहित में, ना कि देश को बर्बाद करने में......

Saturday 2 January 2021

Recipe : How to make perfect creamy curd in summers as well as winters

हम आज कल आपको curd से cake prepare करने की recipe बता रहे हैं। 

इन cake recipes के लिए हमारे viewers के बहुत अच्छे response आ रहे हैं पर साथ ही उनकी query भी आ रही है कि ma'am, perfect curd बनाने की recipe भी बता दीजिए जिससे हम perfect curd भी घर में बना लें। 

क्योंकि Summer में दही खट्टा और पतला जमता है और winter में तो जमता ही नहीं है। 

आप बिल्कुल tension मत लीजिए, क्योंकि फिक्र की क्या है बात, जब Shades of Life का है साथ।

तो चलिए आज आपके लिए perfect creamy curd की recipe ही share कर देते हैं। 

Recipe : How to make perfect creamy curd in summers as well as winters



Ingredients:

Full cream milk- 2 glasses approx 800ml.

Curd - 1 tbsp. ( जामन के लिए)

Method

  1. आप दूध को गर्म होने रख दीजिए।
  2. दही के जामन को whip कर लीजिए।
  3. जब दूध lukewarm से थोड़ा ज्यादा गर्म हो जाए तो उसमें whipped दही डालकर दो बर्तनों की सहायता से  दूध अच्छे से फेंट लें। और जिस भी Bowl में दही set करना हो, उसमें रख दीजिए।
For Summers

1. Stabilizer method

आप दही जमाने वाले Bowl को fridge or TV के stabilizer के ऊपर रख दें। इसमें 4 to 5 hours में आप का perfect creamy curd set हो जाता है। आप एक बार 4 hours पर check जरुर कर लीजिए। दही जम जाने पर fridge में रख दीजिए।

2. Sunlight method

 या आप दही जमाने वाले Bowl को धूप में भी रख सकते हैं। वहां 3 to 4 hours में perfect curd set हो जाएगा। आप 3 hours में check जरुर कर लीजिए। दही जम जाने पर fridge में रख दीजिए। 

For winters

1. Microwave oven method 

अगर आप के पास microwave oven है तो, आप उसे preheat कर लीजिए।

Preheat करने की 2 process है- 

1 उसमें fast preheat का option होता है, आप उसे use कर सकते हैं।

2. आप microwave को 4 to 5 minutes के लिए चला लीजिए। चाहे उसमें कुछ बना कर या Bowl में पानी रखकर।

अब दही जमाने वाले Bowl को 7 to 8 hours के लिए रख दीजिए।

एक बार 7 hours बाद check जरुर कीजिए। दही जम जाने पर fridge में रख दीजिए।

2. Hot casserole method

आप casserole में boiling water डालकर उसमें दही जमाने वाले Bowl को रखकर बंद कर दीजिए।

8 to 10 hours में perfect curd set हो जाएगा। दही जम जाने पर fridge में रख दीजिए।

3. Sunlight method

अगर आप के घर में winter में भी अच्छी तेज़ धूप आती है तो आप धूप में रख दीजिए

5 to 6 hours में perfect curd set हो जाएगा, आप 5 hours बाद check जरुर कर लीजिए। दही जम जाने पर fridge में रख दीजिए।

इनमें से जो भी method आप को suitable लगे, आप उसे use कर सकते हैं। सब से ही perfect creamy curd set होता है।

यह तो हुई process, अब आप को ध्यान रखने वाली Tips and tricks भी बता रहे हैं।

Note 

  • आप को methods पढ़कर समझ आ गया होगा कि दही set करने में time का important role है।
  • गर्मी में जितनी देर में curd set होता है, winter में उसका almost double time लगता है।
  • दूसरी important बात यह है कि आप दही को set करने वाले bowl को जहाँ रखें, वो stable होनी चाहिए। Means curd set होने के time period से पहले हिलाना नहीं चाहिए। अगर आप उसे बार-बार उठा कर check करेंगे तो  दही set नहीं हो पाएगा( जम नहीं पाएगा।
  • Perfect and creamy Curd के लिए full cream milk ही best होता है।
  • दही का गाढ़ा और पतला होने में दूध की quality से बहुत फर्क पड़ता है। Means पतले दूध से दही भी पतला ही set होगा।
  • दही का जामन फेंटकर ही डालना चाहिए, इससे जामन दूध में uniformly mix होता है।
  • दूध फेंटकर जमाने से जामन uniformly mix होता है, साथ ही झाग बनने से दही ज्यादा creamy बनता है।
  • दही जमाने के लिए दूध का temperature ऐसा होना चाहिए कि आप उंगली डालें तो आप की उंगली बर्दाश्त कर सके, उससे थोड़ा सा ज्यादा।
  • दूध फेंटने से दूध का temperature थोड़ा कम हो जाता है, इसलिए बर्दाश्त करने से थोड़ा ज्यादा गर्म दूध लिया जाता है।
  •  दही जमाने के लिए मिट्टी का बर्तन ideal होता है पर आज कल किसी के घर में वो नहीं होता है। Secondly, steel का bowl अच्छा होता है तो आप उसी Bowl में जमने रखिए।
  • Lactobacillus bacteria दूध को दही में convert कर देते हैं, जो कि एक proper temperature में grow करते हैं। साथ ही जब वो develope हो रहें हों तो उन्हें stability भी चाहिए होती है। और एक particular time के बाद वो दूध को completely दही में convert कर देता है। और ऐसा करने के लिए उसे lukewarm temperature चाहिए होता है।
  • इसलिए perfect curd setting के लिए दूध का temperature, stability and proper time चाहिए होता है।
  • दही set होने के बाद भी lactobacillus bacteria दही में रहते हैं, जो बाद में दही खट्टा करने का काम शुरू कर देते हैं।
  • तो अगर आप चाहते हैं कि आपका दही खट्टा ना हो और tasty बना रहे तो, दही के जमते ही उसे fridge में रख दीजिए।
  • इसके लिए बताई गई time limit पर दही जम गया है, यह check जरुर करें।
  • अगर आप microwave oven or casserole में curd set कर रहे हैं तो bowl को निकाल कर बार-बार microwave oven को गर्म करने या casserole में बार-बार गर्म पानी डालने की जरूरत नहीं है।
  • Starting की heat से ही दही जम जाएगा, microwave and casserole के ठंडे होने की चिंता मत कीजिए।
  • हाँ बार-बार bowl अन्दर बाहर करने से दही जरुर नहीं जमेगा।
  • ध्यान रखिएगा, जामन के लिए लिए जाने वाला दही खट्टा नहीं होना चाहिए वरना दही खट्टा जमेगा।
  • अगर आप fat avoid करना चाहते हैं तो, suitable दूध ले लें। पर इससे दही भी के उतना creamy नहीं रहेगा। Rest remains the same.
  • तो बस इन सब बातों का रखें ख्याल और दही जमाएं बेमिसाल।