प्यार (भाग- 1) के आगे......
प्यार (भाग- 2)
आज भी दरवाजा उसने ही खोला, मुझे देखते ही खिलखिला उठी।
ओह! आप हैं। आज तो पूरे papers हैं ना?
जी!...... मैंने झेंपते हुए कहा।
आइए बैठिए, मैं पापा जी को बोल देती हूँ। यह कहकर वो अन्दर चली गई।
और अपने पापा जी के साथ बाहर आई।
Good evening sir
Good evening बेटा, बताओ कैसे आना हुआ?
जी, मैं सुशांत हूँ, Car की company में marketing manager हूँ। हमारी company survey कर रही है कि कितने लोग automatic car में interested हैं।
वैसे तो हमारी team का कोई salesman ही आता आप के पास।
पर आप ने कुछ दिन पहले इसके regarding inquiry की थी, इसलिए आप को सारी details देने में personally आया हूँ।
जी, सही कहा आपने, मैंने कुछ दिन पहले पूछा तो था। दरअसल बेला ही कह रही थी कि अब हम automatic car लेंगे।
आओ बेटा, तुम भी समझ लो।
ओह तो नाम बेला है, शायद इसीलिए यह हर समय बालों में बेला का फूल लगाती है।
दोनों ही बार उसके बालों में बेला का फूल लगा था।
Actually पापा जी को, पैरों में problem है तो हम लोग सोच रहे थे कि automatic car ही लें।
आप का क्या कहना है सुशांत जी, इस बारे में?
जी, बिल्कुल..... अगर ऐसा है तो आप लोगों का बहुत ही अच्छा decision है।
उसके बाद मैंने सारी details उन्हें बता दी।
और यह कहकर वापस चला गया कि एक बार showroom जरुर आइएगा, तो सब कुछ और अच्छे से समझ आ जाएगा।
जी, इस Saturday की evening आते हैं।
अब मुझे Saturday का बेसब्री से इंतज़ार था। मेरा double benifit था।
एक तो उसका दीदार, दूसरा Car की deal.
Saturday आया, और ठीक 5 बजे, वो अपने पापा जी के साथ थी।
मैंने खूब आवभगत की। मेरे colleague and junior सब उसे एकटक देखने में लगे हुए थे।
बहुत सी cars देखकर, वो यह कहकर चले गए, decision लेने के लिए थोड़ा time चाहिए।
आप अच्छे से सोच लीजिए, मेरा number आप के पास है ही, कुछ और पूछ्ना हो तो आप call कर लीजिएगा और जरुरत हो तो, बता दीजिएगा, मैं घर भी आ जाउंगा।
उनके जाने के बाद सबने मुझे घेर लिया।
क्या Boss, क्या खूबसूरत लड़की है।
तो कोई बोल रहा था, चक्कर क्या है? बड़ी आवभगत हो रही थी।
तब ही किसी ने चुटकी ली, ओह! घर के चक्कर लगा रहे हैं.....
आगे पढ़े, प्यार (भाग-3) में......