शब्दों का प्रयोग
छोटी सी टिंवकल, ऐसी बड़ी बड़ी बाते कर रही थी कि, घर आए सभी लोग उसकी बातें सुन-सुन कर हैरान रह जा रहे थे।
जब तक वो अच्छी, समझदारी और बुद्धिमानी से भरी बातें कर रही थी, हम बहुत आनंदित और गौरवान्वित महसूस कर रहे थे।
हम लोगों के उत्साहित होने से वो और खुलकर बोलने लगी। बातों का सिलसिला बढ़ता गया, साथ ही टिंवकल की बेबाकी भी...
अब तो वो कुछ ऐसी बातें भी बोलने लगी कि लोगों की त्यौरियां चढ़ने लगी और हमने भी बगलें झांकनी शुरू कर दी...
ऐसा ही होता है ना? हम सब के साथ कभी कभी...
दरअसल बच्चे तो मासूम और सच्चे होते हैं, उन्हें तो कुछ मालूम होता नहीं है, क्या सही है और क्या ग़लत?..
पर हम तो सब जानते हैं, अच्छा-बुरा, सही-गलत...
और सही मानिए, बच्चे आस-पास या हमारे द्वारा ही बोली गई बातों को ही दोहराते है। कुछ भी नया नहीं होता है...
बस जब वो कुछ बोल रहे होते हैं, वहीं से शुरू होता है, हमारे मां-पापा होने का फ़र्ज़...
कैसे?
बताते हैं आपको...
सबसे पहले कभी भी उनके ग़लत शब्दों के प्रयोग, उनके ग़लत व्यहवार को प्रोत्साहन मत दीजिए। क्योंकि आपकी शह उन्हें ग़लत करने को प्रेरित करता है।
उनके द्वारा बोले गए ग़लत शब्द या व्यवहार को उनकी मासूमियत भरी हुई हरकत समझ कर कभी नज़र अंदाज़ मत कीजिए...
और ना कभी, इसका इंतजार कीजिए कि कौन हमारे साथ किया है, जब तक बात दूसरों तक है, हमें क्या? जब अपने पर पड़ेगी, तब सोचेंगे कि क्या करना है... ऐसा सोचकर इंतज़ार मत कीजिए...
क्योंकि पहली बात तो यह है कि बच्चा तो आपका ही है ना? तो वो अगर बिगड़ेगा तो भी आपका रहेगा और सुधरा हुआ रहा तो भी आपका...तो सुधरा हुआ ही क्यों ना हो...
दूसरा ग़लती को जितनी जल्दी रोका या टोका जाए, उतनी जल्दी ही वो जड़ से खत्म होती है।
पर इससे भी बड़ी बात है कि आप का ख़ुद का सही शब्दों का प्रयोग...
जी हां, हमारे द्वारा बोले गए शब्दों का सही होना सबसे बड़ी बात है, क्योंकि जब हम खुद सही नहीं होंगे, बच्चों को किस हक से रोकेंगे ?
इसलिए हमारा सही होना सबसे पहली सीढ़ी है। उसके बाद सही-गलत पर रोकना-टोकना...
क्योंकि हमारे द्वारा लिया गया सही निर्णय ही, हमारे बच्चों के व्यक्तित्व को निखारता है। वही यह निर्धारित करता है कि बच्चा भविष्य में कितना अच्छा होगा...
तो जब भी बोलिए, सही शब्दों का ही प्रयोग कीजिए, उससे आप भी सबको पसंद होंगे और आप का लाडला और लाडली भी...
तेरी छाया है वो
तुझ सा ही होगा
अच्छा या बुरा
जैसा भी होगा
गर थोड़ा सा
ध्यान दिया गया
तो वो ही
सबसे सर्वश्रेष्ठ होगा
सही शब्दों का प्रयोग ही जिन्दगी है, और आपके बच्चे के भविष्य की सुनहरी धूप...
खुश रहें,
खुशियां फैलाएं,
सबके दिल में
बस जाएं 😊💕