भारत का कवच
हम सभी को आज अपने
वैज्ञानिकों पर बहुत गर्व है। आज हमारे वैज्ञानिकों ने ये सिद्ध कर दिया है,
कि भारत हर क्षेत्र में बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
आज भारत को मिली अंतरिक्ष शक्ति ने भारत को
मिली परमाणु शक्ति के तुल्य ही एक और कवच
प्रदान कर दिया है।
जिसने हमें विश्व के तीन शक्तिशाली देश अमेरिका, चीन और रूस के समकक्ष खड़ा कर दिया है।
जिसने हमें विश्व के तीन शक्तिशाली देश अमेरिका, चीन और रूस के समकक्ष खड़ा कर दिया है।
इस शक्ति की बदौलत हमनें दुश्मनों
के नापाक इरादों को बहुत दूर तक पीछे छोड़ दिया है, अब वो हम पर हमला करने की सोचना तो दूर की बात है, अपने नापाक इरादों को अंजाम देने के लिए जासूसी भी नहीं कर पाएगा।
और अगर तब भी वो हमला करने की हिम्मत करता है,
तो हम उनके communication management
को ही पूर्णत: खत्म करने की क्षमता रखते हैं,
जिससे उन्हें बहुत बुरी तरह से मुँह की खानी पड़ेगी।
इस उपलब्धि को हासिल करने के
बाद भी शांति प्रिय भारत, अपने दुश्मनों को जड़-मूल से खत्म करने की सोच नहीं रखता
है। बल्कि उसने अपनी इस उपलब्धि को अपना कवच बताया है।
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सबसे पहला कदम ये होता है, कि वो देश पूर्णत: सुरक्षित हो। क्योंकि सुरक्षित देश ही शक्तिशाली होता है। और शक्तिशाली देश से ही बाकी देश अपने संबंध बनाने की ओर अग्रसरित रहते हैं, इससे देश की अर्थव्यवस्था अपने आप ही सुदृढ़ हो जाती है।
भारत के हर क्षेत्र में बहुत तेज़ी से बढ़ते कदम हमें, ये सोचने पर हर पल मजबूर कर रहें हैं, कि अब तो हमें छोटी छोटी बातों में ध्यान देना छोड़ कर, भारत को विकास की ओर अग्रसरित करने वाले हाथों में ही सौपना चाहिए।
साथ ही आज मेरी उन प्रतिभाशाली साथियों से भी विनती है, जो सुअवसर की तलाश में देश से पलायन कर गए हैं, कि आप अपने देश में वापस आ जाएँ। आपकी प्रतिभा का जो
श्रेय अन्य देशों को मिल रहा है, वो भारत को मिलना चाहिए।
जिन वैज्ञानिकों ने भारत को ये सुदृढ़ कवच प्रदान किया है, वे भी आपकी तरह भारत को छोड़ कर चले जाते तो, शायद इस सुखद दिन को आने में और ना जाने कितने दिन व्यर्थ हो जाते।
जिन वैज्ञानिकों ने भारत को ये सुदृढ़ कवच प्रदान किया है, वे भी आपकी तरह भारत को छोड़ कर चले जाते तो, शायद इस सुखद दिन को आने में और ना जाने कितने दिन व्यर्थ हो जाते।
जननी-जन्मभूमिश्च
स्वर्गादपि गरीयसी’ अर्थात् जननी (माता) और जन्मभूमि का स्थान स्वर्ग
से भी श्रेष्ठ एवं महान है । माता
का प्यार, दुलार व वात्सल्य अतुलनीय है। इसी प्रकार जन्मभूमि
की महत्ता हमारे समस्त भौतिक सुखों से कहीं अधिक है।
भारत को अपने सभी प्रतिभाशाली सपूतों का इंतज़ार है, आप अपनी प्रतिभा से भारत को गौरव प्रदान कराएं। अगर हम सभी एक जुट हो कर भारत के बारे में सोचेंगे। तभी भारत भी विकसित देश कहलाएगा।