Housewife
(A Self-employed)
आजकल
ladies बड़े
शान से बोलती हैं, I’m a working women और साथ ही housewife को ऐसे हेय दृष्टि से
देखेंगी, जैसे housewife
होना कोई
अपमान की बात हो। पर वो ऐसा करते time ये भूल जाती हैं, शायद उनकी माँ भी एक housewife
ही थीं, और या फिर उनकी माँ......
तो ऐसा करके क्या उनका भी अपमान नहीं कर रहीं हैं?
कभी
सोचा है कि वो housewife क्यों हैं? वो housewives इसलिए नहीं हैं, कि उनमें क्षमता नहीं है, बल्कि उनमें क्षमता तो और
ज्यादा ही हैं। उनमें त्याग, तपस्या, समर्पण इस हद तक होता है, कि वो पूरे परिवार को सुद्रढ़
नींव प्रदान करता है। क्योंकि वो housewife नहीं, homemaker होती हैं।
उन्हीं के अथक प्रयास से परिवार का एक एक सदस्य अपने जीवन की ऊंचाइयों को छूता है। ये उनके त्याग और निस्वार्थ की भावना ही है, कि उन्होंने अपने जीवन को ऊंचाइयों पर ले जाने को महत्व नहीं दिया, वरन अपने परिवार के एक एक सदस्य को उसके जीवन में उच्च स्थान प्राप्त करने में सहयोग प्रदान किया।
उन्हीं के अथक प्रयास से परिवार का एक एक सदस्य अपने जीवन की ऊंचाइयों को छूता है। ये उनके त्याग और निस्वार्थ की भावना ही है, कि उन्होंने अपने जीवन को ऊंचाइयों पर ले जाने को महत्व नहीं दिया, वरन अपने परिवार के एक एक सदस्य को उसके जीवन में उच्च स्थान प्राप्त करने में सहयोग प्रदान किया।
यहाँ
ये कहना शायद ज्यादा उचित होगा, She is not a Doctor, She is Doctor maker. She is not an
Engineer, She is
an Engineer maker, Manager maker, Business tycoon maker, etc.
मतलब
वो खुद वो नहीं हैं, पर जितने भी Greats हैं, उन सब की निर्माता हैं। कभी
माँ के रूप में, कभी पत्नी के रूप में। निर्माता सदैव ही महान होता है, ये तो सब ही जानते हैं।
और
अगर इस बात को एक लड़की ही employee बन कर नहीं समझ सकती कि, उसको इस मुकाम पर पंहुचने
के लिए उसकी माँ ने अपने आपको housewife बनने तक ही सीमित रखा, तो हम लड़कों से क्या
उम्मीद करें, कि वो अपनी माँ, अपनी पत्नी के त्याग, समर्पण, निस्वार्थ भाव को समझें, उन्हें मान प्रदान करें।
Women empowerment की होड़ में हमे ये नहीं भूलना चाहिए, कि housewives
तो self
employed हैं, मतलब वो तो owner हैं, किसी के under में काम नहीं कर रहीं हैं।
और जितने भी working हैं, job कर रहे हैं। वो तो किसी के under में काम कर रहे हैं, तो घमंड आपको किस बात का है, नौकर होने का?
और
जो working women हैं, उन्होंने ध्यान दिया है, कि वो working
बनने में
किस किस में पीछे रह जाती हैं, सास-ससुर की सेवा में; बच्चों को शिक्षा, प्यार व संस्कार देने में; जब आपका लाडला नन्हा-मुन्ना था, तब उसे creches
में डाल
कर ममता देने में; और भी बहुत सी ऐसी बाते हैं...... क्योंकि इन सब के लिए
समय चाहिए, और वो तो आप अपने कार्यक्षेत्र में दे आते हैं। तो समय का
अभाव तो रहेगा ही, खलेगा ही।
जितना
working women की monetary
earning हैं, उतनी saving तो housewives
घर में ही
रह कर लेती हैं। और बाकी जो कमाया, उसका तो हिसाब ही नहीं है। तो सोचिए जरा
कौन ज्यादा कमा रहा है?
जिनके
पति इतने सक्षम नहीं हैं, कि वो अकेले जिम्मेदारियों का निर्वाह कर सकें। वहाँ समझ
आता है, पर जहाँ
ऐसा नहीं है, वहाँ सब कुछ ताक पर रखकर सिर्फ अपनी महत्व्कांक्षाओं की
पूर्ति हेतु working women का तमगा लगा कर झूठी शान बिखेरने से तो housewife
लाख भली
हैं,
सर्वोच्च हैं।
Owner से worker ना तो बराबरी कर पाया है, ना कभी कर सकता है। तो
आगे से याद रखिएगा, Homemaker (housewife) को कम समझने की भूल मत कीजिएगा। किसी
के त्याग, समर्पण, निस्वार्थ भाव को हेय
दृष्टि से मत देखिएगा, यही हैं, जो महान का निर्माण करने की क्षमता रखती
हैं।
आप
working women हैं, कि housewife, वो सबकी अपनी इच्छा है,अपनी requirement
है।
इसलिए आप जो भी हों, दूसरे को हेय दृष्टि से देखा जाए, वो गलत है। आप जो भी हैं।
आप उसमे अपने फर्ज़ को पूरा करें, और दूसरों को भी सम्मान दें।
सभी
HOMEMAKER (self-employed housewives) को समर्पित, उन्हे शत शत नमन, व कोटि कोटि धन्यवाद