Tuesday 19 December 2023

Short story: Neglect

 Neglect 




 शक्ति और बॉबी एक चाल में रहते थे, बचपन तंगी में बीत रहा था। हर जरुरत की चीजें भी बहुत मुश्किल से दिलाते थे, दोनों के माता-पिता...

जब दोनों जवान हुए तो, उन दोनों को अच्छे काम मिल गए, जिससे उन्होंने अपने घर की जिम्मेदारी पूरी करनी शुरू कर दी। 

पूरे चाल में दोनों की  समझदारी, सूझ-बूझ और मेहनत की तारीफ होने लगी।

ना जाने कब और कैसे दोनों एक-दूसरे से आकर्षित होने लगे। 

अब तो अपने-अपने काम से लौट कर दोनों एक घंटा एक दूसरे को भी देने लगे। और बहुत से छोटे छोटे तोहफे देने लगे।

प्यार परवान चढ़ने लगा, दोनों के घर वालो की तरफ़ से भी रिश्ते को मंजूरी थी। शादी भी हो गई दोनों की।

दोनों ही लोग एक-दूसरे के लिए first night के लिए एक gift लाए थे और बहुत खुशी से दोनों ने एक-दूसरे को बहुत से वादों के साथ में दे दिया। 

पर शायद यह gift, एक वज्रपात था, दोनों के रिश्ते पर...

ऐसा भी क्या दे दिया था एक-दूसरे को?...

वही जो हम सबके रिश्तों पर घात है। 

शक्ति और बॉबी से सब पूछ रहे थे, क्या दिया पहला तोहफा? 

शक्ति बहुत शान से और बॉबी शरमाते हुए कहती, touch वाला mobile...

पर आह रे किस्मत!  उन दोनों ने ही एक-दूसरे को बहुत ग़लत तोहफा दे दिया था...

चंद ही महीनों में दोनों के रिश्तों में बहुत दूरी आ गई थी, दोनों को ही एक-दूसरे का साथ बंधन लगने लगा था।

पहले वो घंटों एक-दूसरे को दिया करते थे, आज कुछ पल भी साथ नहीं गुज़ारते थे, उन्हें अब बस केवल एक चीज की चाह थी, अपने मोबाइल की...वो एक-दूसरे को neglect करने लगे थे।

झूठी दुनिया के जंजाल में वो इस कदर फंसे कि अपने अटूट प्यार को भूल गए। 

यह दूरियां, इस क़दर बढ़ीं कि दोनों ने एक-दूसरे से रिश्ता तोड़ दिया।

पर चंद ही महीनों में उन्हें एहसास हो गया कि उन्होंने कितना गलत तोहफा दे दिया था, एक-दूसरे को...

उनका अनमोल प्यार जितनी तेजी से परवान चढ़ा था, उससे भी जल्दी टूट गया। 

काश! उन्होंने एक-दूसरे को मोबाइल ना दिया होता, झूठी दुनिया के जंजाल में ना फंसा होता, एक दूसभरे को neglect ना किया होता तो आज भी उनके पास वो धरोहर होती, जिसके लिए सात जन्म भी कम हैं।

दोनों ने ही touch mobile, अपने-अपने मां-पापा को दे दिया।

खुद के घर पर उन्होंने landline phone लगवाया, जिससे सब से जुड़े रहे। उसके बाद दोनों ने कभी एक-दूसरे को neglect नहीं करने की कसम खाई और बहुत प्यार से जीने लगे। 



कहीं आप का रिश्ता भी मोबाइल की भेंट तो नहीं चढ़ रहा है? ध्यान रखिएगा कि अनमोल आपका प्यार है, मोबाइल नहीं... 

वो एक सुविधा यंत्र है, उसकी सीमा वहीं तक रहे, आप पर हावी होकर आपको आपके अपनों से दूर ना ले जाए....