Saturday 28 August 2021

India's Heritage : नागार्जुन(The Unsung Hero)

आज से अपने viewers के लिए एक नया segment शुरू कर रहे हैं, India's heritage (भारत की विरासत)।

हमारा भारत हमेशा से विश्व में सर्वोच्च स्थान पर रहा है, भारत का इतिहास समृद्ध है और इस इतिहास में ऐसे अनेक शख्स शामिल हैं, जिन्होंने इतिहास को गढ़ने में अपना योगदान दिया है। भारत के ऐतिहासिक पन्नो में दर्ज कई ऐसे महान पुरुषों की गाथाएं मिलती हैं, जो आज भी प्रेरणा से कम नहीं हैं। इन महान विभूतियों ने विश्व में भारत को अग्रणी बनाया है, पर यह हमारा दुर्भाग्य है कि हम और हमारे नौनिहाल इससे अवगत नहीं है।

इस segment की शुरुआत इस गीत से करना ही पूर्ण संगत होगा...

भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं...

आज से इस segment को शुरू करने का औचित्य यही है कि आप को हमारे गौरवशाली इतिहास से अवगत कराया जाए जिससे हम सभी समझ सकें कि भारत में जन्म लेना हमारे लिए सौभाग्य की बात है, गौरव की बात है।

आज आप को भारत के सबसे महान रसायनशास्त्री नागार्जुन के बारे में बता रहे हैं जो हर धातु को सोने में बदलने वाली तरकीब जानते थे ।


नागार्जुन(The Unsungnsung Hero)




इस article द्वारा हम करीब तीन हजार वर्ष पहले Chemistry और Metallurgy के इतिहास को जानेंगे।

प्राचीन भारत के महान scientist नागार्जुन ने मात्र 11 वर्ष की उम्र में ही chemistry के क्षेत्र में research work शुरू कर दिया था। वे भारत के chemist, metallurgist और doctor थे। उन्होंने इन सब पर कई books भी लिखी हैं। कहा जाता है कि नागार्जुन किसी भी metal को gold में बदल देते थे।

Ancient India 3 हजार साल पहले भी Chemistry और Metallurgy में आगे था। इस बात का अनुमान 1600 वर्ष पूर्व बने दिल्ली के महरौली में मौजूद ‘लौह स्तंभ’ से लगाया जा सकता है, जिसमें आज तक rust नहीं लगी है। 

Chemistry और Metallurgy पर Research work

नागार्जुन ने प्राचीन भारत में Chemistry और Metallurgy पर कई Research work किए। Research work करने के दौरान उन्होंने कई पुस्तकों की रचना भी की, जिसमें ‘रस रत्नाकर’ और ‘रसेंद्र मंगल’ काफी ज्यादा famous है। उन्होंने अपनी किताब रस रत्नाकर में कई metals को शुद्ध करने के method बताए हुए हैं। इतना ही नहीं, इस किताब में किसी भी प्रकार के metal को gold में convert करने का भी method बताया हैं।

राजघराने से संबंध रखने वाले नागार्जुन हमेशा research work में ही व्यस्त रहते थे। उन्होंने ने अमृत की खोज करने के लिए एक बड़ी lab भी बनवाई थी, जिसमें वे अपना अधिकतर समय बिताते थे। वहीं वे ज्यादा invention किया करते थे और इसी दौरान उन्होंने कितनी कोशिशों के बाद उस विधि को खोज निकाली, जिसमें किसी भी धातु को सोने में बदला जा सकता था।

रोगों से मुक्ति के लिए शोध 

नागार्जुन ने ऐसे कई औषधियों की खोज की, जिससे रोगों को खत्म किया जा सकता था। उन्होंने अपनी प्रयोगशाला में mercury पर भी कई प्रयोग किए। नागार्जुन ने mercury को शुद्ध करना और medicinal use के  method भी विस्तार से बताए हैं। 

कैसे हुई नागार्जुन की मृत्यु?

Medicines की खोज के बाद नागार्जुन ने अमर होने वाली चीजों की खोज करनी आरंभ कर दी। इस खोज में वे दिन-रात लगे रहते थे, जिसके कारण उनके राज्य में अव्यवस्था फैलने लगी। जब यह बात उनके बेटे ने उन्हें बताई और राज्य पर ध्यान देने के लिए कहा, तब उन्होंने बताया कि वह अमर होने वाली medicine बना रहे हैं। इस बात से उनके बेटे को भी खुशी हुई लेकिन उन्होंने ये बातें अपने दोस्तों को बता दी। इसी कारण साजिश के तहत उनकी हत्या कर दी गई और नागार्जुन का सपना अधूरा रह गया।