Reels
पढ़ने में होशियार रक्षिता, अनछुई खूबसूरती से परिपूर्ण थी। दुबली-पतली छरहरी, सुंदर नैन-नक्श, सुराहीदार गर्दन, मदहोश कर देने वाली अदाएं थी। अनछुई खूबसूरती मायने, उसकी खूबसूरती ईश्वर की देन थी, किसी parlour में जाकर उसने उसे तराशने की कवायद नहीं की थी।
चाहती तो engineering college में उसका admission हो जाता, लेकिन उसे civil services में जाना था तो उसने B.Sc. में admission लिया।
College में पहला दिन था। कुछ अलग ही माहौल था। कुछ उसके जैसे थे, सीधे-सादे लक्ष्य को प्राप्त करने की इच्छा वाले, कुछ बस इसलिए आए थे कि कुछ नहीं तो चलो, अभी के लिए graduation ही सही, कुछ मस्ती करने के लिए आए थे तो कुछ केवल रंगीनियां बनने आए थे।
अभी तक रक्षिता, school के माहौल में थी, dressed and disciplined, पर अब उसके बिल्कुल उलट, जिसका जो मन करे पहनो, जिसका जो मन करे करो। यहां तक कि classes के लिए भी कोई compulsion नहीं था।
रक्षिता के बगल में नैन्सी आकर बैठ गई, वो बहुत ही modern लड़की थी। उसके college, join करने का purpose सिर्फ और सिर्फ मस्ती, मज़ा और आवारागर्दी था। वो बहुत ही बिंदास और बेबाक थी। और social media पर limelight में रहना उसका शौक... इसलिए उसने college में आते ही reels बनानी शुरू कर दी।
उसके बिंदास और बेबाक स्वभाव के कारण बहुत से students, नैन्सी की तरफ attract होने लगे। जिसमें रक्षिता भी शामिल हो गई।
अब नैन्सी ने अपने साथ-साथ और लोगों की भी reels बनानी शुरू कर दी। लेकिन जब उसने रक्षिता की reels बनानी शुरू की तो उसके मासूम चेहरे पर बहुत likes and comments मिलने लगे।
नैन्सी के followers बढ़ने लगे। यह सब देखकर नैन्सी, एक बार रक्षिता के पीछे पड़ गई कि एक bold dress में उसकी एक reel बनाएगी।
रक्षिता बिल्कुल भी तैयार नहीं थी, पर नैन्सी उसे समझाती रही कि "बस एक reel, और हर जगह तुम्हारी खूबसूरती के चर्चे होंगे... सोचो, जिस fame को पाने के लिए हिरोइनों को बरसों लग जाते हैं, वही तुम्हें परसों में ही मिल जाएगी।"
Finally, रक्षिता तैयार हो गई। और नैन्सी ने reel बनाकर post कर दी।
नैन्सी का कहना, एकदम ठीक था। दो ही दिन में उस reel में लाखों likes and comments आने लगे। सभी रक्षिता की खूबसूरती के दीवाने हुए जा रहे थे।
Beautiful!
My dream girl...
You are looking so gorgeous...
Wow! So hot....
और ऐसे अनेक comments आने लगे।
इन सब को पढ़कर, रक्षिता सातवें आसमान पर पहुंच गई, उसे लगने लगा जैसे परी शब्द उसके लिए ही बना है, वो किसी हिरोइन से कम नहीं है।
अगले दिन उसके address पर एक parcel आया... उसने खोल कर देखा, तो उसमें बहुत सारी newspaper cutting थी, जिसमें हजारों युवाओं के चंद दिनों की limelight, फिर भविष्य के बर्बाद होने की खबरें थीं।
साथ ही एक चिट्ठी थी, जिसमें लिखा था, रक्षिता तुम गुमनामी में खोने के लिए नहीं बनी हो, यह reels और social media तुम्हें जिस दिशा में ले जाएंगे, वो तुम्हारी दुनिया नहीं है। तुम एक होनहार student हो, जिसका भविष्य उज्ज्वल है। किसी के बहकावे में आकर गलत राह मत पकड़ो...
यह सब पढ़कर, जैसे रक्षिता नींद से जाग उठी, उसे याद आया कि उसने तो civil services में जाने के लिए college join किया था, ना कि यह सब करने के लिए...
अगले दिन से ही उसने, नैन्सी से दूरी बना ली...
नैन्सी ने कुछ दिन तो रक्षिता को समझाया बुझाया, फिर लड़ाई-झगड़ा भी किया, पर जब देखा कि उसकी दाल नहीं गलेगी, क्योंकि रक्षिता अब किसी भी तरह से उसके बहकावे में नहीं आ रही थी, तो उसने रक्षिता का साथ छोड़ दिया और दूसरे किसी मासूम को मूर्ख बनाने के लिए निकल पड़ी, या यूं कहें कि दूसरा शिकार ढूंढने निकल गई....
रक्षिता, समय पर संभल गई, और अपने मकसद की ओर आगे बढ़ गई, पर उसे कभी नहीं पता चला कि उसका वो कौन सा हितैषी था, जिसने उसे reels की virtual दुनिया से बाहर निकाला था...