Friday 16 November 2018

Story Of Life : हम रह गए अकेले

हम रह गए अकेले

केशव और काव्या जीवन के दूसरे पड़ाव पर पहुँच रहे थे। दोनों ही अति प्रसन्न थे। केशव merchant navy में थे, तो  काव्या ने ही अपने दोनों बेटों के भविष्य को बनाया था, पर अब पाँच साल ही और ऐसी ज़िंदगी गुजरनी थी। केशव ने अपने retirement के बाद केवल परिवार के साथ समय बिताने का फैसला किया था। इस साल जब केशव घर आए तो दोनों बेटों ने पिता को बहुत ही खुशी के साथ बताया कि उनके लिए Canada से offer आया है। वे India में बस छह महीना ही और रहेंगे।
सुनकर केशव समझ ही नहीं पाये कि खुश हों, या दुखी! पर बच्चों की उड़ान में बाधा भी नहीं बनना चाहते थे। छह महीने के बाद दोनों ही बेटे Canada चले गए। अब काव्या अकेले रह गईं।
बेटों के चले जाने से, और काव्या के अकेले रह जाने के कारण केशव ने voluntary retirement ले लिया। और वे काव्या के पास लौट आए। केशव ने बहुत बड़ा घर लिया था।
उसमें चार bedroom थे। केशव ने सोचा था उनका, बेटों का और एक guest का bedroom रहेगा। पर क्या पता था, कि जब वो आएंगे, तब तक दोनों बेटे इतने दूर निकाल जाएंगे।

बच्चों के चले जाने से घर में दोनों पति-पत्नी को बड़ा
सूना-सूना लगने लगा था। आए दिन वो अपने बेटों को फोन किया करते। पर बहुत कम ही होता, जब उनकी बात हो पाती। कभी time difference के कारण, और ज़्यादातर तो यही होता, कि वे बोल देते, अभी busy हैं, फिर बात कर लेंगे। दोनों बस इंतज़ार ही करते रह जाते पर उनका कभी भी पलट के phone नहीं आता था।
अब उनकी ज़िंदगी सिर्फ इसी इंतज़ार में गुजरने लगी। कि कभी तो बेटों के phone आएंगे, कभी तो वे घर आएंगे। पर दिन महीने साल गुजरने लगे। पर सिर्फ इंतज़ार, इंतज़ार और बस इंतज़ार...।
एक दिन उनके दरवाज़े की घंटी बजी। उनके बेटों के बराबर के ही दो लड़के खड़े थे। वो बोले अंकल जी, आपके पास दो कमरे होंगे, किराए के लिए?
हम लोगों का पास के कॉलेज में admission  हुआ है। पर hostels नहीं मिल पाया है। क्या आप दो कमरे किराए के लिए दे देंगे? हम चार लड़के हैं। PG में रह लेंगे। आपके घर के सारे काम भी कर देंगे। हम थोड़ा गरीब घर के हैं। इसलिए किराया थोड़ा कम दे पाएंगे।
और आप इस बात की चिंता बिलकुल भी मत करिएगा, कि हमारा इरादा आपको किसी भी तरह से नुकसान पंहुचाने का है। आप चाहे तो आप हमारे साथ college, चल सकते हैं। हमारा aadhar card  रख सकते हैं।
काव्या इस बात के लिए तैयार नहीं थीं, कि जो घर उन्होंने इतने मन से अपने बेटों के लिए बनाया था, वहाँ कोई और आ कर रहे। पर केशव ने कहा, चल के मिल लेते हैं.......

क्या वो लड़के झूठ बोल रहे थे? क्या काव्या का फैसला उचित था..... जानने के लिए पढ़ते हैं......हम रह गए अकेले (भाग -२ ) में