सच्चाई
मुकुल और माही नये नये दिल्ली में आए थे, अभी ठीक से किसी से
जान-पहचान भी नहीं हुई थी, कि मुकुल को 2 दिन
के लिए मुंबई का tour मिल गया।
मुकुल को कुछ सूझ नहीं रहा था, माही को 2 दिन के
लिए कहाँ छोड़े, घर में अभी सामान भी व्यवस्थित नहीं हुआ था।
तभी उसे अपने बचपन के दोस्त रमन की याद
आयी, उनके घर से अच्छा उसे कुछ नहीं सुझा,
पर माही तैयार नहीं हो रही थी, क्योंकि वो रमन
राधिका के झगड़े के बारे में बहुत
कुछ सुन चुकी थी, मुकुल
ने कहा बस 2 दिन बरदाश्त कर लेना, वो जितना भी झगड़ें
पर तुम्हारा बहुत ध्यान रखेंगे।
उनके घर पहुँचने पर पता चला, रमन घर पर नहीं है, मुकुल की flight
का time हो रहा था, वो माही को 2 दिन के
लिए रमन के घर छोड़ कर tour के लिए निकल गया।
माही ने आज पहली बार राधिका को देखा था, लंबे काले बाल, हिरनी सी आंखे, बेहद गोरी और अति सुंदर थी,
पर उसका एक पैर नकली था।
अभी 1 घंटा ही हुआ था, कि घंटी बजी, ये रमन था, राधिका का बिल्कुल उल्टा,
मोटा, काला,
बेडौल शरीर वाला, हाथ में सब्जी का थैला और एक पैकेट
लिये था, अंदर आकर उसने माही पे ध्यान दिये बिना ही सब्जी का थैला रख कर पैकेट
से गजरा निकाल कर राधिका के बालो में लगा दिया,
और बस झगड़ा शुरू...
कितनी बार कहा- रोज़-रोज़ गजरा मत लाया करो, पर तुम
हो कि सुनते ही नहीं हो, रमन
भी कहाँ चुप रहने वाला
था, हाँ तुम तो ये बोलोगी ही, जिससे
मैं गजरा न लाऊं, और तुम मुंह फुला के
अपने अप्पा के घर चली
जाओ, राधिका बिफर पड़ी, हाँ
हाँ तुम यही करते रहो, और मुझे अप्पा के घर
मत जाने दो, रमन : मुझे कुछ नहीं पता, जल्दी नाश्ता दो, मुझे ऑफिस भी जाना है।
रमन राधिका रोज़ नाश्ते में दूध लेते थे, राधिका नाश्ता बनाने लगी,
और रमन glass में दूध निकाल रहा था, रमन ने 3 glass में दूध निकाला, पर तीसरा glass आधा था, माही
के एक दम से आ जाने से दूध कम पड़ गया था, उसने
चुपचाप तीसरे glass में पानी मिला कर
पूरा भर दिया, और नाश्ते के समय वो
glass खुद ले लिया, उधर राधिका के पास उपमा बनाने के लिए केवल 1 टमाटर था, जिसे उसने रमन और माही के में डाल दिया, और अपना सादा ही बना लिया,
माही खड़ी ये सब देख रही था।
नाश्ता खत्म करते ही राधिका को अनायास
ही दूध कम होने की बात याद आयी और वह रमन से झगड़ने लगी।
आखिर क्या कारण है उनके इतना अधिक झगड़े करने का? जानने के लिए पढ़ें सच्चाई भाग-2