कोटि-कोटि नमन
गोविन्द ने तो बता दिया,
जीवन में गुरु सबसे बड़ा।
बांवरा मन तब से ही,
बांवरा मन तब से ही,
इस सोच में है पड़ा।
कौन है सबसे महान,
कौन है सबसे बड़ा?
प्रथम गुरु मां, जिसने
नौ माह कोख में रखकर,
मुझको जीवन दिया।
या पिता, जिनकी शिक्षाओं ने
जीने के काबिल बना दिया।
या वो अध्यापक, जिन्होंने
जीवन का लक्ष्य दिखला दिया।
या वो जीवनसाथी, जिसने
हर पल हौसला बढ़ा दिया।
या वो असफलता, जिसने
सफल होना सीखा दिया।
या वो गुरु, जिसने हमको
पुनः ईश्वर से, मिलवा दिया।
हर एक गुरु को है, मेरा
कोटि-कोटि नमन।
उनसे ही रोशन है दुनिया,
उनसे ही महका चमन।