अब तक आपने पढ़ा, कांता बहुत गरीब औरत है, जो अपने बीमार बच्चे को डॉ. समीर को दिखाना चाहती है, पर clinic बन्द होने के कारण दुखी है। क्योंकि Sunday को डॉ. घर में देखते हैं, जो बहुत दूर है, तभी वहाँ सरजू रिक्शेवाला आ जाता है, वो उन्हें डॉ समीर के पास ले जाता है। डॉ समीर की Sunday की फीस हज़ार रूपये हैं , पर कान्ता के पास केवल 700 रूपये हैं। और इतने रूपये में डॉ समीर, मंगलू को देखने को तैयार नहीं हैं । उसी रात मंगलू का जीवन ख़त्म हो जाता है। 2 साल बीत गए हैं , कांता को एक बड़े घर से काम करने का offer मिलता है.....
मजबूरी का सौदा (भाग-4)
वहाँ पहुँच कर कांता को पता चला, वो तो डॉ. समीर के घर का ही काम था।
डॉ. समीर की पत्नी सुलेखा
बोली, तुम्हारी बड़ी तारीफ सुनी है, कि तुम बहुत ईमानदार हो, और घर का बड़ा अच्छा काम करती हो। मेरे
घर करोगी, तो 5000 रुपया महिना दूँगी। कुछ ही महीने में बेटी
की शादी है, तो बहुत ईमानदार औरत ही चाहिए।
एक बार तो कांता का मन किया, कि अपने बेटे के हत्यारे के घर काम नहीं करूंगी। फिर इतने सारे पैसे देख
कर छोटे बेटे का ध्यान आ गया।
कांता ने काम पकड़ लिया। कई बार डॉ. समीर से आमना-सामना हुआ, पर वे कांता को पहचान नहीं
पाये, उनके लिए तो कांता जैसे बहुत लोग, मरीज को ले कर आते थे।
कांता ने बहुत मन लगा कर काम किया। उसकी ईमानदारी और बहुत अच्छे से काम करने के कारण डॉ. के घर के सब लोग
उस पर निर्भर करने लगे।
डॉ. के घर में सब एक
से एक आलसी और काम चोर लोग थे। अतः घर में क्या समान कहाँ रखा है? कौन सा काम कैसे करना है? सबकी जानकारी केवल कांता
को ही थी।
कल रात को डॉ. की बेटी नेहा की engagement
थी, और आज सुबह से ही कांता के छोटे बेटे की तबीयत
खराब होने लगी। कांता ने कहलवा भेजा, कि वो दो दिन नहीं आएगी।
कांता नहीं आएगी, सुनकर
पूरे घर की हालत खराब हो गयी, सब कुछ तो उसे ही पता है, अब क्या होगा?..... लड़के वालों के सामने क्या इज्ज़त रह
जाएगी? कोई घर आ गया तो?....... कांता के नहीं आने से घर भी पूर्णतः
अस्तव्यस्त पड़ा था।
डॉ. समीर और उनकी पत्नी सुलेखा, कांता के घर आ गए। और गिड़गिड़ाने लगे, काम करने आ
जाओ, नहीं तो बेटी के ससुराल वालों को क्या मुँह दिखाएंगे?
सरजू भी आया हुआ था, बोला जब
छुट्टी ली है, तो नहीं आएँगी, दो दिन बाद
आ जाएंगी।
कैसी बात कर रहे हो, दो दिन
बाद आकार क्या करेंगी? डॉ. समीर ने झल्ला कर कहा, Engagement तो कल है।
अच्छा ठीक है, तो इन दो दिन के
10 हज़ार अभी दो।
10 हज़ार..... दिमाग तो ठीक हैं, पूरे महीने के 5 हज़ार देते हैं, तुम्हें 2 दिन के
10 हज़ार चाहिए। डॉ. गुस्से से भर कर बोला।
ठीक है, मत दो, तब भौजी दो दिन बाद ही आएँगी।