Monday 13 September 2021

Short story : अनुभव

 अनुभव



अपना job period, खत्म होने के बाद एक retired teacher कुशाग्र जी अपने घर वापस लौट रहे थे। अपने नाम के अनुरूप ही वो बहुत ही बुद्धिमान थे।

Corona period के कारण train बहुत कम ही भरी थी। जिस compartment में वो कुशाग्र जी बैठे थे, वो तो पूरी ही खाली थी।

मौसम सुहावना था और train खाली तो, कुशाग्र जी एंकात पाकर एक धार्मिक पुस्तक का आनन्द लेने लगे।

अभी train मुश्किल से दो स्टेशन आगे ही पहुंची थी कि, कुछ उद्दंड लड़कों का group train में चढ़ गया।

Train अपनी रफ़्तार से चल दी।

लड़कों के हुड़दंग मचाने से कुशाग्र जी का एकांत भंग हो गया, वो उनसे शांति बनाए रखने की अपील करने लगे।

यह देखकर, उनमें से एक को शरारत सूझी।

बोला, चलो हम लोग train की chain खींचते हैं। 

यह सुनकर सब बोले, अबे क्यों ज़बरदस्ती पंगे ले रहा है। 

ख्वामखाह में 500 रुपए ठुक जाएंगे।

वो बोला हम इतने सारे हैं, सब मिलाकर पैसे एकठ्ठा कर लेते हैं। यह कहकर उसने पैसे लेने शुरू कर दिया।

जब उन लोगों ने गिना तो, 500 की जगह 1,200 एकठ्ठा हो गये। जिसमें 200 के 2 नोट, 500 का 1 नोट, 100 का 1 नोट और बाकी 50 के नोट थे।

उनमें से एक सबसे दुष्ट लड़के ने सारे रुपए अपनी जेब में रखे और बोला - तुम लोग भी मूर्ख हो, इन पैसों से मौज करेंगे। 

तो पहले वाला बोला और chain pulling का क्या?

वो भी करेंगे, दुष्ट लड़के ने कहा।

और पुलिस आएगी तो penalty मांगेगी, फिर क्या करेंगे? उनमें से एक बोला।

अरे यह बुड्ढा किस दिन काम आएगा, यह भरेगा penalty, दुष्ट लड़के ने कुटिलता से भर कर कहा।

कुशाग्र जी, यह सुनकर सकपका गये। वो बोले, यह ना करो। मेरे पास इतना पैसा नहीं है, कुछ महीनों से तनख्वाह भी नहीं मिली है। फिर अब तो retired भी हो गया हूँ। और अगर पुलिस पकड़ कर ले गयी, तो बड़ी बदनामी हो जाएगी। 

तुम लोगों को जितना हुड़दंग मचाना हो, मचा लो। पर यह ना करो। मुझ पर बड़ी कृपा होगी।

कुशाग्र जी को ऐसे गिड़गिड़ाते देखकर, उनके हौसले और बुलंद हो गये। उन्होंने कुशाग्र जी के लाख मना करने के बावजूद chain pulling कर ही दी।

फिर क्या, वही हुआ जो होना था, TT, पुलिस के साथ आ गया।

क्या हो रहा है यहाँ? किसने chain pulling की?

उस दुष्ट लड़के ने तुरंत कहा, इस बुढ़ऊ ने।

पुलिस वाले बोले क्या चचा, बुढ़ापे में कौन सा शौक चढ़ गया?

कुशाग्र जी बोले माफ़ कीजियेगा, पर मैं बहुत मजबूर था।

क्या हुआ चचा?

Sir जी, इन दुष्ट लड़कों ने मुझसे 1,200 रुपए छीन लिए हैं। जो इस लड़के ने अपनी जेब में रख लिए हैं। 

उन रुपयों में 200 के 2, 500 का 1, 100 का 1 और बाकी 50 के नोट हैं।

पुलिस ने तलाशी ली तो सारे नोट वैसे ही थे।

पुलिस ने 1,200 रुपए कुशाग्र जी को दे दिए और लड़कों को अगले station पर अपने साथ ले गयी और जेल में बंद कर दिया।

कुशाग्र जी उनको जाते देखकर मुस्कुरा रहे थे, और सोच रहे थे कि आज उनका अनुभव व संयम काम आ गया।

एकांत में वो फिर से अपनी पुस्तक का आनन्द लेने लगे।