गर्व से कहें, हम हिन्दुस्तानी
सच है, जिन्दगी तब तक है, जब तक हम जिंदा हैं।
अरे, नहीं जनाब, हमारे कहने का यह मतलब कतई नहीं है कि आप, तब तक जिंदा हैं, जब तक आप की आत्मा आप के अन्दर है।
नहीं, बिल्कुल भी नहीं, बहुतों को हम ने सब ठीक होने के बाद भी मरे के सामान देखा है।
हमारे कहने का अर्थ है, जब तक आप जिंदादिल रहते हैं, तब तक यमराज भी सामने खड़े हों, ले नहीं जाते हैं।
और आप को पता है, जो जिंदादिल होते हैं, उनके सामने ही कठिन परिस्थितियां घुटने टेकती हैं।
अब सांच को आंच क्या!
जिस कोरोना virus से पूरे विश्व में सब डर रहे हैं, वहीं अपने India में, उस पर jokes, songs, poems, stories and articles लिखे जा रहे हैं।
घर-घर में लोग घरेलू उपचार बता रहे हैं, कोई लौंग, इलाइची, कपूर, जावित्री रखने को बोल रहा है, तो कोई प्याज़ में नमक डालकर खाने की सलाह दे रहा है।
कोरोना भी सोच रहा होगा, India वालों को बस topic मिलना चाहिए, बाकी ग्रन्थ, उपन्यास, jokes, songs वो सब बना सकते हैं। घरेलू उपचार भी हर बड़ी बीमारी का होता है।
शायद, भारत एक मात्र ऐसा देश है, जहाँ डर से मिली छुट्टी को लोग enjoy कर रहे हों, और जिन्हें नहीं मिल रही है, वो कुढ़ रहे हों।
इसी कारण कोरोना ने भारत में घुटने टेक दिए हैं।
हम भारतवासियों के लिए यह गर्व की बात है कि भारत में कोरोना virus से संक्रमित रोगियों का उपचार किया जा रहा है, और वह पूर्णतया स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं।
भारत में कोरोना पर बहुत जल्दी नियंत्रण पा लेने का बहुत अधिक श्रेय मोदी जी को है।
उनकी दूरदर्शिता के चलते ही school, college, offices, malls, cinema halls close कर दिए गए, जिसके चलते स्थिति में नियंत्रण पाना संभव हो पा रहा है।
साथ ही कोरोना से यह भी सिद्ध हुआ है कि भारतीय संस्कृति ही सर्वश्रेष्ठ है।
लोगों से मिलने पर नमस्कार करना ही सबसे ज्यादा उचित है, ना कि बात बात पर हाथ मिलाना, एक-दूसरे को touch करना।
वहीं अंतिम संस्कार में भी भारतीय संस्कृति का अग्नि दाह-संस्कार ही सर्वोपरि माना गया है।
आज जहाँ-जहाँ भी दफनाने की प्रक्रिया थी, सब जगह अग्नि दाह-संस्कार किया जा रहा है।
तो आप गर्व किजिए, आप सबसे अच्छे देश और सबसे अच्छी संस्कृति से जुड़े हैं।
और इसके उत्थान में सहयोग प्रदान कीजिए।
इसका विकास और विस्तार कीजिए और गर्व से कहें कि हम हिन्दुस्तानी हैं।
जय भारत, जय भारती 🙏