दोस्ती
जब पूजा mam ने निशा को सारी बातें
बताई तो वो हैरान हो गयी और
धक से रह गयी और पास में रखी हुई कुर्सी पर बैठ गयी। उसको मैडम पूजा की बातों, पर विश्वास नहीं हो पा
रहा था।
दरअसल बात कुछ दस साल पहले
की थी.......
तब निशा और किरन दोनों बहुत अच्छी दोस्त थीं, आज की भाषा में बोलें तो“best friend for ever types”।
पूरा स्कूल उनकी दोस्ती की मिसाल देता था और दोनों ही पढ़ाई में बहुत अच्छे थे। 10th की पढ़ाई शुरू हो चुकी थी और दोनों ही सहेलियाँ पढ़ाई में जुट गयी। First pre board की dates आ चुकी थी।
अब दोनों ही सहेलियाँ मन लगा कर पढ़ने लगीं, पर निशा थोड़ी सी घबरा रही थी क्योंकि वो maths मे थोड़ी कमज़ोर थी। किरन भी निशा की पूरी मदद करती थी।
पर उस दिन class room से निकलते समय किरन ने निशा की आँखों में आँसू देखे और वो समझ गयी, कि निशा का maths का examबिलकुल भी अच्छा नही हुआ था।
जब किरन निशा के पास पहुंची तो, निशा ने किरन को अपने exam के बारे में बताया और ये भी कि उसको बहुत डर लग रहा था, कि जब उसके marks उसके parents को पता चलेंगे तो वो उसको बहुत डाटेंगे।
पर अगले दिन स्कूल आते ही निशा का सारा डर गायब हो गया, जब उसको पता चला, कि उसके maths के टीचर से पूरे क्लास की कॉपियाँ गायब हो गयी थीं और उनको यानि की पूजा mam को स्कूल के principal ने suspend कर दिया था।
आज जब दस साल बाद वो पूजा mam से मिलने वापस आई, उन्हे अपने job की खुशखबरी देने, तो पूजा mam ने उसको कुछ ऐसी बात बताई, जिसको सुन के उसकी आखों में आँसू आ गए।
पूजा mam ने निशा को बताया कि दस साल पहले किरन ने ही staff room से maths की सारी कॉपियाँ गायब की थी और ये बात खुद उसने, पूजा mam को बताई थी, और उनसे माफी भी मांगी थी। ये सब उसने निशा के लिए ही किया था।
ये बात सुन कर निशा हैरान हो गयी और सोचने लगी, कि क्या वो गलत था या सही- जो किरन ने किया था? और वो रोने लगी, पर फिर, पूजा mam ने निशा को समझाया की किरन ने जो भी कुछ किया उसके पीछे उसका इरादा बिलकुल नेक था, और वो निशा को बहुत प्यार करती है।
अब निशा के लिए किरन की दोस्ती और भी ज्यादा गहरी हो गयी थी।
लेखिका : विदुषी
सहाय