आप सा कोई नहीं
लम्बी, छरहरी, दूध सी गोरी टीना बहुत खूबसूरत थी, जो भी उसे देखता, उसके सपने सजाने लगता, पर अभी तक टीना को ऐसा कोई नहीं मिला, जिसके वो सपने सजाती...
इससे टीना की माँ बहुत दुःखी थी क्योंकि टीना के इस व्यवहार से उसकी उम्र और अच्छे रिश्ते दोनों ही हाथ से निकलते जा रहे थे।
एक दिन माँ की पुरानी सहेली आयीं और जब उन्होंने टीना को देखा तो अपने एकलौते बेटे के लिए उसे पसन्द कर लिया।
वो माँ से बोलीं, रेखा मैं अपने बेटे सिद्धार्थ के लिए लड़की ढूंढ रही थी पर मेरी ख़ोज तुम्हारी बेटी पर पूरी होगी, यह नहीं पता था।
सुनकर माँ बोली नंदनी, मुझे तो तुम और तुम्हारा बेटा दोनों ही बहुत पसंद हैं, पर मेरी पसंद से होता क्या है, टीना को कोई पसंद आए तब ना....
अरे रेखा, मेरा बेटा लाखों में एक है और मैं टीना को अपनी बहू नहीं बल्कि बेटी बनाकर ले जाऊंगी...
मैं तुम्हें बहुत अच्छे से जानती हूँ नंदनी, मुझे तुम लोगों से रिश्ता जोड़ कर बहुत खुशी होगी।
पर जब टीना को पता चला कि नंदनी आंटी, शादी के लिए देखने आई है तो, वो थोड़ी चुप चुप सी हो गई।
नंदनी जी समझ गई कि टीना, शादी के लिए interested नहीं है।
वो रेखा से यह कहकर चली गई कि मेरी बेटी नहीं है, इसलिए मैं बहू नहीं बल्कि बेटी ढूंढ रही हूं, अगर टीना ready हो तो मैं महीने भर इंतज़ार कर लूंगी। वरना मुझे मजबूर होकर, कोई दूसरा रिश्ता देखना पड़ेगा।
नंदनी के चले जाने के बाद, रेखा बहुत दुःखी हो गई कि आज एक और अच्छा रिश्ता, हाथ से निकल जाएगा। लड़का भी PSU company में manager था और ससुराल भी ऐसी, बिल्कुल मायके जैसी...
रेखा ने अपने दामाद वरुण से कहा, अब आप ही बात करिए, अपनी लाडली साली से, वरना यह तो कभी शादी ही नहीं करेगी।
वरुण की बात, टीना कभी भी नहीं टालती थी।
क्या बात है, टीना क्यों मम्मी जी को दुःखी कर रही हो, आखिर तुम्हें कैसे वर की तलाश है?
जी, बिल्कुल आप जैसा, टीना ने शरमाते हुए कहा, लेकिन कोई आप सा मिलता ही नहीं...
धत्त पगली... बस इतनी सी बात... मुझे पहले ही बता देती...
क्यों, कोई है क्या जीजा जी, टीना ने चहकते हुए पूछा...
है ना... साली जी, लेकिन मेरी एक शर्त है।
क्या?
जाने क्या कहेगा, टीना से वरुण, आप सा कोई नहीं ( भाग -2) में...