मित्रता
मित्रता हम भारतीयों की,
संस्कृति में समाई।
कृष्ण और सुदामा ने तो,
स्वयं हमें मित्रता सिखाई।।
अमीरी-गरीबी की भावना,
उनकी मित्रता में ना आई।
कृष्ण और सुदामा ने तो,
स्वयं हमें मित्रता सिखाई।।
मित्रता हो पक्की तो उसमें,
प्रेम, निश्छलता व सच्चाई।
कृष्ण और सुदामा ने तो,
स्वयं हमें मित्रता सिखाई ।।
मित्र-प्रेम के चार दानों में,
पूरा ब्रह्माण्ड, पूरी सृष्टि समाई।
कृष्ण और सुदामा ने तो,
स्वयं हमें मित्रता सिखाई ।।
मित्र हो सुदामा सा तो,
मित्रता ईश्वर ने भी निभाई।
कृष्ण और सुदामा ने तो,
स्वयं हमें मित्रता सिखाई।।
मेरे सभी मित्रों, बंधु-बांधव व ईष्ट जनों को मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🏻❤️