वो बन गया आतंकवादी (भाग-1) के आगे.....
वो बन गया आतंकवादी (भाग-2 )
अंकित पूछने लगा, तुम कौन
हो भाई? वो बोला मैं भी तुम्हारी ही तरह दुखी इंसान हूँ, मुझे भी पुलिस वालों ने बहुत दुखी किया है। ये कह कर उसने अपना मुँह लटका
लिया।
कुछ देर शांत रहने के बाद, वो फिर बोला, मुझे लगता है,
हम सभी नौजवान को इन पुलिस वालों से इसका बदला लेना चाहिए।
मैं अपने साथियों को लेकर आता हूँ, तुम अपने दोस्तों को भी शामिल कर लो।
अगले दिन अंकित अपने उन सारे दोस्तों को ले कर
सरगना के भाई की बताई जगह पहुँच गया।
उस दिन सरगना के संगठन में 10 लोग बढ़ गए।
जल्दी ही उस संगठन के लोगों ने अंकित के सारे दोस्तों का अच्छे से brain wash कर दिया। अब सारे ही पुलिस वालों से बदला लेने
के लिए उनकी चौकी पर बम गिराने के लिए तैयार हो गए।
अंकित और उसके सारे दोस्तों ने पुलिस चौकी पर बम
फेंक दिया।इस बम विस्फोट में कई पुलिस वाले मारे गए।
अपने इस कुकृत्य को कर के अंकित और उसके सारे दोस्त
बहुत ही खुश थे। जब पुलिस वालों की लाशें उठाई जा रही थी, तब सारे दोस्त वहाँ पहुँच गए, कि उन्हें कंधा देंगे, तो और अधिक सुख मिलेगा।
पर जब वे लाश उठा रहे थे, तो बेहद हैरान थे, क्योंकि उनमें से एक भी पुलिस
वाला वो नहीं था, जिन्होंने उन्हें पकड़ा था।
अंकित ने सभी दोस्तों से बात की, कि कहीं कुछ तो गड़बड़ है। हमे संगठन में वापस चलना चाहिए। वे सभी संगठन पहुँच गए।
वहाँ पहुँच कर वे चुपचाप
छिप गए......
आगे पढ़ें वो बन गया आतंकवादी (भाग-3 ) में.....