यूँ ना करे बरबादी
आज देश हिंसा की आग में जल रहा है, पर यह किस हद तक ठीक है?
जो लोग ये कहते हुए विरोध में जगह-जगह बसें, कारें, ऑफिस, पुलिस-थाने फूँक
रहे हैं, कि हम देश में यह bill pass नहीं होने देंगे। तो इसका अर्थ तो ये हुआ ना
कि आप देश को अपना मानते हैं? मानते क्या हैं, देश आप का ही है। तो क्या देश की संपत्ति आपकी नहीं है?
अगर यूँ ही तबाही मचाई जाएगी, तो उससे नुकसान देश का ही होगा, मतलब आपका ही होगा।
तो ये कैसा विरोध, जहाँ आप अपना
ही नाश करने पर तुले हैं।
और यह बताइये, किस देश में नागरिकता
का कानून नहीं है? तो अगर भारत में भी होगा, तो क्या गलत है?
किसी भी देश में नागरिकता कानून होने से यह पता चलता
है, कि उसमें कितने नागरिक अपने हैं, और कौन बाहर से आया
है। अगर बाहर से आने वालों को easily locate कर सकेंगे, तो देश की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ जाएगी, बेवजह के आतंकवादी हमले नहीं होंगे।
तो क्या आप नहीं चाहते कि देश सुरक्षित रहे?
नागरिकता कानून होने से नागरिकों की सही गणना होगी, उससे देश की अर्थ व्यवस्था ठीक रहेगी। तो क्या आप नहीं चाहते, देश की अर्थ व्यवस्था सुदृन हो?
नागरिकता कानून होने से हर कोई यूँ ही देश में प्रवेश
नहीं कर सकेगा, इससे हमारे देश की महत्ता भी बढ़ जाएगी। तो क्या
आप नही चाहते, जैसे अमेरिका की नागरिकता मिलना मुश्किल है, तो लोगों में अमेरिका जाने का craze रहता है, जिससे लोगों को वो एक विशेष देश लगता है। ऐसी ही विशेष देश भारत भी बन जाए।
फिर नागरिकता कानून होने से देश में रह रहे किसी भी
नागरिक को कोई भी हानि नहीं पहुँच रही है, तो बरबादी क्यों?
हमारे अनुसार तो मोदी जी, आप यह भी एक कानून बना दीजिये, कि जो देश की संपत्ति
को हानि पहुँचाए, देश के लिए अपशब्द बोले या उसके राष्ट्रीय संपत्ति
का अपमान करे, या देश के लिए मुर्दाबाद के नारे लगाए, या हमारे देश का नाश करने के लिए अन्य देश का साथ दे, उन सब की भी नागरिकता रद्द कर दी जाएगी।
देश का विकास और सुरक्षा ही सर्वोपरि है, उसमें सहयोग प्रदान कीजिये, ना कि यूँ बर्बादी कीजिये।
जय हिन्द, जय भारत...