कुछ बात तो है
कोई कुछ भी बोले, कोई कुछ भी माने, चाहे कोई कितना ही कुछ कहता रहे। पर कुछ बात तो है।
राहुल गांधी हो, या प्रियंका गांधी, ममता बनर्जी हो, अखिलेश यादव हो, या हो केजरीवाल। सब के सब मंदिरों के चक्कर काटते नज़र आ रहे हैं।
कभी सोचा है आपने कि ऐसा भी क्या हो गया कि सभी नेताओं की, अचानक से मंदिरों में इतनी आस्था बढ़ गई?
पहले तो कभी इतने मंदिर दर्शन नहीं किए जाते थे, बल्कि हिन्दू धर्म का सदैव मज़ाक ही बनाया जाता था।
कभी हिन्दूओं को महत्व नहीं दिया जाता था, ना ही उनको आकर्षित करने का प्रयास किया जाता था।
फिर आखिर ऐसा भी क्या हो गया है?
कारण तो आप सभी जानते हैं, जो प्रत्यक्ष साक्षी भी है।
कि जब से मोदी सरकार आयी है, एक नई लहर ही चल पड़ी है। नेताओं को यह एहसास होने लगा है कि हिन्दू भी जागरूक हो गये हैं।
अब उनके वोट के बिना जीत सुनिश्चित नहीं हो सकती है।
भारत के हर क्षेत्र में हिन्दुओं को आकर्षित करने के लिए नेता यह सिद्ध करने में जुटे हुए हैं कि वह भी हिन्दू हैं।
नेताओं का तो शुरू से यही लक्ष्य रहता है कि येन केन प्रकारेण, कुर्सी मिलनी चाहिए। फिर उसके लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं।
भारत एक हिंदू राष्ट्र है, यह सिद्ध कर रही है मोदी सरकार। अब तो आप कहेंगे कि कुछ बात तो है।
बहुत मुश्किल से भारत इस ओर अग्रसित हुआ है।
आप सब से अनुरोध है कि जो अलख जगाई गई है उसे अब बढ़ाते जाना है।
अब यह हमको सोचना है कि, उनको चुनें जो कि हिन्दुत्व को बढ़ा रहे हैं और भारत को उसकी सार्थकता प्रदान कर रहे हैं।
या हम उनको चुनें, जो केवल वोट पाने के लिए ढोंग कर रहे हैं और सत्तारूढ़ होते ही पुनः भारत को उसी ढर्रे पर ले जाएंगे।
वैसे बात खाली मंदिरों की ही नहीं है, चाय वाले से बैर है, पर चाय के बागान और चाय बनाने की प्रक्रिया भी जोर शोर पर है।
क्या कहेंगे आप?
यही ना, कि कुछ बात तो है.....