शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर सभी गुरुओं को मेरा शत शत नमन
गुरु और शिष्य
गुरु और शिष्य का,
कैसा पावन नाता है।
ना जुड़ा रक्त से, ना बंधन
से ,
फिर भी जन्मों सा जुड़ जाता है॥
गुरु सारे अवगुण, दूर कर,
हमारे गुणों को चमकाता है।
कभी माँ बन प्यार लुटाता है,
कभी पिता सा सीधी राह दिखाता है॥
हो सरल मार्ग, या कठिन डगर
जीवन जीना सिखलाता है।
असफलता से सफलता तक,
गुरु हमको ले जाता है॥
हम क्यों आए, इस दुनिया में
ये गुरु हमे बताता है।
जीवन को जीने लायक,
गुरु ही बनवाता है॥
गुरु और शिष्य का,
कैसा पावन नाता है।
ना जुड़ा रक्त से, ना बंधन
से,
फिर भी जन्मों सा जुड़ जाता है॥
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