राजू श्रीवास्तव - एक प्रेरणा
राजू श्रीवास्तव, एक ऐसा नाम, जो प्रेरणा से ओत-प्रोत है, जिन्होंने सिद्ध किया कि अगर आप में दृढनिश्चय हो तो सफलता आपके कदम चूमेगी ही।
सफलता के लिए, न तो looks मायने रखते हैं, न ही nepotism, न ही godfather, न ही रुपए पैसे और इन्होंने तो यह भी सिद्ध कर दिया कि कामयाबी के लिए पढ़ाकू होना भी कोई benchmark नहीं है।
आप कहेंगे कि फिर मायने क्या रखता है?
मायने रखता है, आप का talent, determination, continuous efforts & ख़ुद पर belief.
आप कहेंगे कि talent तो जरुरी है, पर वह ही न हो तो?
तो हम कहेंगे कि कोई भी ऐसा नहीं होता है, जिसमें कोई भी talent ना हो, सब में कोई न कोई talent तो होता ही है। ईश्वर ने हर एक को कोई ना कोई talent अवश्य दिया है। बस जरूरत है तो उस talent को पहचानने की, दृढनिश्चय करने की और निरंतर लक्ष्य को पाने के लिए प्रयासरत रहने की।
राजू श्रीवास्तव ने भी जब stand-up comedian बनने की इच्छा सबको बताई थी, तो उनका profession सुनकर किसी ने उनकी बहुत तारीफ नहीं की थी, बल्कि बहुत सारे ताने ही मिले थे कि "भला, यह भी कोई काम हुआ!" "यह तो शौक होता है, इससे पैसे थोड़ी कमाए जाते हैं।"
लेकिन उन्होंने किसी बात की परवाह नहीं की। जब उन्हें काम मिलना आरंभ हुआ, तब मात्र ₹50 से उन्होंने अपनी stage shows की शुरुआत की थी; किसी से उन्हें इस काम के लिए सम्मान भी नहीं मिलता था।
पर वो डटे रहे, अपनी मेहनत और लगन के साथ...
आख़िरकार, उनकी मेहनत और उनका talent रंग लाए, उन्हें काम भी मिला और नाम भी, साथ ही धन-धान्य भी। अगर सूत्रों की मानें तो हाल में वह उसी एक stage show के वह 5 से 10 लाख रुपए charge करते थे।
उन्हें ऐसी पहचान मिल गई कि वो भी सितारा बन कर उभर आए। उसके बाद तो वे TV, movies सब में नज़र आने लगे थे।
TV artists, फिल्मी सितारे, अभिनेता, नेता सभी के साथ तो, राजू श्रीवास्तव नज़र आते थे।
राजू श्रीवास्तव, इस तरह से अपनी रचनाओं में हास्य व्यंग को पिरोते थे कि, कुछ क्षण के लिए वे हम सबसे जुड़ जाते थे। और उनका वह काल्पनिक किरदार, 'गजोधर भइया' भी ऐसा गज़ब का था, कि वो मात्र एक कलपना है, इसका भी एहसास नहीं होता था। राजू श्रीवास्तव में जिंदादिली और spontaneity कमाल की थी। उनकी किस्सागोई से, हम सब अपने गमों को भूलाकर, उनके साथ कहकहे लगाने लगते थे।
राजू श्रीवास्तव जी ने सबको बता दिया, आप किसी भी field में successful हो सकते हैं, famous हो सकते हैं, कुछ कर के दिखा सकते हैं। बस करना वो चाहिए, जिसमें आप माहिर हों, जिसमें आप कुछ ऐसा कर सकते हैं, जो औरों से अलग हो। साथ ही दृढ़निश्चय रहें और बहानेबाज न बनें...
किसी को हंसाने का कार्य दुनिया में सबसे कठिन होता है, पर उसके माहिर फनकार – राजू श्रीवास्तव – सामने हों तो कोई भी अपनी हंसी रोक सके, यह नामुमकिन है।
परंतु वे इंसान, जो हम सब को हँसाने में माहिर थे, वे अब चिर निद्रा में लीन हो गए हैं।
वे महान हैं और उन पर मेरा article लिखना, उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है।
पर हमारे लिए इस विषय पर article लिखने का सिर्फ एक ही उद्देश्य है — अगर अभी तक, आप नहीं सोच पाए हैं कि किस ओर आगे बढ़ना है; तो एक बार राजू श्रीवास्तव जी के विषय में जरुर सोचिएगा, उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दीजिएगा और एक बार अपने मन से पूछिएगा कि, 'ऐ दिल मुझे बता, मेरा कौन-सा रास्ता, कौन-सी मंजिल?' फिर आप को भी दुनिया पर छा जाने से कोई नहीं रोक सकता।
राजू श्रीवास्तव जी, हास्य जगत की दुनिया में आप सदैव अमर रहेंगे। हम सब के दिलों में हमेशा रहेंगे, एक प्रेरणा बनकर...
आप को शत् शत् नमन 🙏🏻
ईश्वर आपकी महान आत्मा को मोक्ष प्रदान करें 🙏🏻🙏🏻