Tuesday 6 July 2021

Kids Story : नन्हें पौधे

 नन्हें पौधे



राज और नंदनी, पापा से बोले- इस बार बहुत गर्मी पड़ रही है कि पंखा भी बहुत गर्म हवा दे रहा है।

पापा बोले, हाँ बच्चों गर्मी तो बहुत है, साथ ही हम लोग इस बार top floor पर हैं, इसलिए और भी ज्यादा गर्मी लग रही है।

नंदनी बोली पापा, top floor से क्यों?

पापा बोले, क्योंकि छत गर्म होने से हमारा घर भी गर्म हो जाता है।

ओह! मतलब हम पूरी गर्मी में ऐसे ही परेशान होंगे, दुखी होकर राज बोला।

पापा के जाने के बाद, नंदनी और राज सोचने लगे कि क्या किया जाए कि गर्मी से राहत मिले।

अभी वो बैठ कर सोच ही रहे थे कि राज बोला मुझे एक idea आया है। चल माँ से पुराने डिब्बे लेकर आते हैं।

पुराने डिब्बे....

उनका क्या करोगे भइया ?

अरे तू चल तो....

राज ने माँ से पूछा, माँ आप ने पुराने डिब्बे कहाँ रखें हैं?

क्यों, क्या करना है तुम्हें?

माँ, आप दीजिए ना?

अच्छा भाई, वहाँ कोने पर plastic bag में रखें हैं।

प्यारी माँ कह कर राज ने माँ को गले लगा लिया।

फिर plastic bag लेकर नंदनी के साथ बाहर आ गया।

चल नंदनी, सारे डिब्बों में मिट्टी भरनी है।

डिब्बों में मिट्टी भरकर दोनों बच्चे छत पर पहुंच गए।

माँ कुछ चने, मेथी, धनिया, और जो कुछ भी बीज आप के पास हों दे दीजिए।

क्यों चाहिए, तुम्हें?

माँ मुझे पौधे लगाने हैं?

इतनी घूप में कौन से पौधे उग आएंगे?

तुम एक काम करना, मेरे संग nursery चलना, वहाँ से गर्मी में लगने वाले पौधे ले लेना।

वो लोग शाम को गुड़हल, सूरजमुखी, गेंदा आदि के नन्हेे-नन्हे पौधे लेकर आ गये।

उन पौधों को पूरी छत में जगह जगह रख दिया। सब में पानी भी डाल दिया।

अब तो दोनों बच्चे रोज़ सुबह-शाम पौधों में पानी डालते।

कुछ दिन में उन नन्हें पौधों में फूल खिल आए।

इससे दो काम हो गये, पहला तो छत खिले हुए फूलों से बहुत सुन्दर लगने लगी। दूसरा छत पर पौधे रखे थे इसलिए, उन पर सुबह-शाम पानी डालने से छत भी ठंडी रहने लगी थी।

इसका असर यह हो रहा था कि कमरा भी ठंडा रह रहा था। अब पंखा गर्म हवा नहीं दे रहा था। साथ ही फूलों की खुशबू से घर भी महक रहा था।

एक शाम पापा ने, राज और नंदनी को अपने पास बुलाया और कहा कि तुम दोनों की मेहनत ने तो कमाल ही कर दिया।

एक अच्छी सोच और परिस्थितियों से मुकाबला करने की तुम लोगों की इच्छा ने घर को बहुत बेहतरीन बना दिया है।

राज बोला, पापा यह तो नन्हें पौधों का कमाल है।

हाँ बेटा, हम पौधों के लिए थोड़ा भी करें, तो वो हमें बहुत कुछ देते हैं। और इनके लिए वो मेरे बच्चों के नन्हें हाथों ने किया है।

यह कहकर पापा ने दोनों बच्चों को गले लगा लिया और दोनों को दो-दो बड़ी सी chocolate 🍫 दी।

Thank you Papa, हम जा रहे अपने नन्हें पौधों को पानी देने।