बसंतपंचमी का त्योहार
माँ सरस्वती की कृपा अपार
कृपा से ही, चलता सारा
संसार
उनकी वन्दना हेतु,
पुष्प लिए
नर-नारी,
बच्चे सब हैं तैयार
शिक्षा की देवी हैं माता
गीत संगीत, सब उनसे ही आता
जिस पर नहीं गर, कृपा माँ
की
अशिक्षा के तम में, घिर जाता
आनंद और प्रमोद उन्हीं से
जीवन का हर बोध उन्हीं से
जो विद्या के मंत्र ना जाने
उसके जीवन के क्या माने
विद्या नर को नर बनाए
हर जीव से अलग कराये
शिक्षा ही सबमें, मान दिलाये
जीवन में, सुख-सम्मान
दिलाये
अंजली में पुष्प लिए
पुष्पांजलि, देने को तैयार
माँ की कृपा, बने सभी पर
शुभ हो सबके लिए
बसंतपंचमी का त्योहार