सावन का तोहफा ( भाग -1) के आगे........
सावन का तोहफा (भाग -2 )
माँ बोली, इस लड़के को कोई लड़की पसंद आए तब ना! एक की भी तो फोटो नहीं देखता है। ये कह कर माँ ने तस्वीर table पर ही रख दी।
नितिन उसी समय office से आया था, उसके घर के अंदर आते से ही वो तस्वीर नितिन के पास उड़ के आ गयी। नितिन ने जैसे ही तस्वीर देखी, तो देखता रह गया, ये तो उसी अंजान हसीना की फोटो थी।
नितिन ने माँ को फोटो देते हुआ पूछा, माँ ये फोटो यहाँ कैसे है?
नितिन की बहन ने चिढ़ाते हुए बोला, माँ नितिन तो कोई फोटो देखता नहीं है, इसलिए फोटो खुद ही दिखने पहुँच गयी, अब तो इसी से रिश्ता कर देना।
माँ को भी लड़की पसंद आ गयी, नितिन और नेहा की शादी April में हो गयी।
नितिन और नेहा इस कदर एक दूसरे से प्यार करते थे, कि दोनों को ही दुनिया-जहान से मतलब ही नहीं था।
नितिन की बहन तो दोनों को चिढ़ती भी थी, कि नेहा और नितिन की शादी हुई है, कि लोहे और चुम्बक की? जब देखो एक दूसरे से चिपके रहते हैं। नेहा क्या आई, अब नितिन का तो सारा नेह उसी को मिलता है, कुछ अपने जीजा जी को भी सीखा दे।
नेहा का जैसा नाम था, वैसी ही वो थी भी, अपने ससुराल वालों का बहुत मान करती थी, हर काम में भी निपुण थी। दिन हँसी-खुशी गुजर रहे थे।
एक दिन नेहा की माँ का फोन, नेहा की सास के पास आया। सावन आ गया है, पहले सावन बेटी मायके आती है, क्या आप उसे भेज देंगी?
कहीं दूर गाना बज रहा था “सावन के झूले पड़े, तुम चले आओ......
नेहा को अपने मायके के सावन के झूले याद आने लगी। नेहा की सास ने हामी भर दी, नेहा जाने की तैयारी करने लगी।
नितिन जब office से घर आया, नेहा जाने को तैयार खड़ी थी। नितिन का ये देखकर दिल टूट गया, उसने सावन को लेकर बहुत सारे plan किए थे।
क्या थे नितिन ने plan, जानते हैं सावन का तोहफा (भाग -3 )
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सावन का तोहफा (भाग -2 )
नितिन की बहन नितिन के लिए एक रिश्ता ले कर आई थी, उसने माँ से कहा, अगर नितिन को ये लड़की पसंद आ जाए
तो इसी साल में नितिन की शादी कर देना।
माँ बोली, इस लड़के को कोई लड़की पसंद आए तब ना! एक की भी तो फोटो नहीं देखता है। ये कह कर माँ ने तस्वीर table पर ही रख दी।
नितिन उसी समय office से आया था, उसके घर के अंदर आते से ही वो तस्वीर नितिन के पास उड़ के आ गयी। नितिन ने जैसे ही तस्वीर देखी, तो देखता रह गया, ये तो उसी अंजान हसीना की फोटो थी।
नितिन ने माँ को फोटो देते हुआ पूछा, माँ ये फोटो यहाँ कैसे है?
नितिन की बहन ने चिढ़ाते हुए बोला, माँ नितिन तो कोई फोटो देखता नहीं है, इसलिए फोटो खुद ही दिखने पहुँच गयी, अब तो इसी से रिश्ता कर देना।
माँ को भी लड़की पसंद आ गयी, नितिन और नेहा की शादी April में हो गयी।
नितिन और नेहा इस कदर एक दूसरे से प्यार करते थे, कि दोनों को ही दुनिया-जहान से मतलब ही नहीं था।
नितिन की बहन तो दोनों को चिढ़ती भी थी, कि नेहा और नितिन की शादी हुई है, कि लोहे और चुम्बक की? जब देखो एक दूसरे से चिपके रहते हैं। नेहा क्या आई, अब नितिन का तो सारा नेह उसी को मिलता है, कुछ अपने जीजा जी को भी सीखा दे।
नेहा का जैसा नाम था, वैसी ही वो थी भी, अपने ससुराल वालों का बहुत मान करती थी, हर काम में भी निपुण थी। दिन हँसी-खुशी गुजर रहे थे।
एक दिन नेहा की माँ का फोन, नेहा की सास के पास आया। सावन आ गया है, पहले सावन बेटी मायके आती है, क्या आप उसे भेज देंगी?
कहीं दूर गाना बज रहा था “सावन के झूले पड़े, तुम चले आओ......
नेहा को अपने मायके के सावन के झूले याद आने लगी। नेहा की सास ने हामी भर दी, नेहा जाने की तैयारी करने लगी।
नितिन जब office से घर आया, नेहा जाने को तैयार खड़ी थी। नितिन का ये देखकर दिल टूट गया, उसने सावन को लेकर बहुत सारे plan किए थे।
क्या थे नितिन ने plan, जानते हैं सावन का तोहफा (भाग -3 )
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Story of life : सावन आया है ( https://shadesoflife18.blogspot.com/2018/08/story-of-life_19.html )