समस्या: सबसे लड़ता है।
कहानी: देना भी पड़ता है।
नितिन और सचिन 1 साथ ही अपनी नयी कॉलोनी
में अपने-2 परिवार के साथ रहने आए। नितिन बहुत ही झगड़ालू स्वभाव का था, वो किसी को भी अपने सामान नहीं लेने देता था, और दूसरों के ले
कर तोड़ देता था।नितिन के इस स्वभाव के कारण कुछ ही दिन में उसकी कॉलोनी के सारे बच्चों ने उससे दोस्ती तोड़ ली।
इसके विपरीत सचिन बहुत ही शांत स्वभाव का, सबके साथ सारे सामान share करने वाला। साथ ही दूसरे के सामानों को
भी अपने सामान की तरह ही अच्छे से रखता था। सचिन के इस स्वभाव के कारण कुछ ही दिन
में उसकी कॉलोनी के सारे बच्चों से उसकी दोस्ती हो गयी।
कुछ दिन तो नितिन अकेला-अकेला रह कर बड़ा
ही खुश रहा, पर कुछ ही दिन में वो बोर हो गया। उसने अपनी माँ से बोला कि कोई मेरे साथ खेलता क्यों नहीं है? उसकी माँ बोली “सोचो ऐसा कौन है इस कॉलोनी में जिसके साथ
सभी खेलना चाहते हैं?” उसने तुरंत बता दिया- सचिन। तब नितिन की माँ ने कहा कि
उसके पास जा कर देखो कि इसका कारण क्या है?
नितिन सचिन के घर गया। सचिन ने उसे बहुत
प्यार से अंदर बुलाया और अपने खिलौने खेलने को दिये। थोड़ी ही देर
में कुछ और बच्चे भी आ गए। नितिन को देख कर सब बच्चे चिल्लाने लगे कि इसे भेजो
यहाँ से। पर सचिन ने मना कर दिया। सब बच्चे खेलने लगे। आज नितिन को भी बहुत मज़ा
आया और उसे ये भी समझ आ गया था कि मज़ा सबके साथ ही आता है। और सबका साथ तभी मिलता
है, जब सबसे अच्छा व्यवहार रखा
जाए और अपने सामान दूसरों को
भी दिये जाएँ।