खूबसूरत बीवी
राजन साधारण नैन नक्श वाला, ऊंचे कद काठी वाला, सांवला बांका जवान था।
वो बहुत मेहनती था। जो कार्य करता अव्वल दर्जे का करता।
जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही वो जी-जान से पढ़ाई-लिखाई में जुट गया।
उसके दोस्त उसे चिढ़ाते, ऐसी भी कौन सी हूर की परी मिलने वाली है तुझे? जो पढ़ने में दिन-रात एक किए हुए हो...
वो उन्हें तो कुछ ना बोलता पर मन ही मन उसने यह प्रण कर लिया कि अब ब्याह तो किसी हूर परी से ही करेगा।
उसकी मेहनत रंग लाई और वो बड़का अफसर बन गया।
अब तो उसके ब्याह की बात चलने लगी। उसकी माँ ने पूछा, रे राजन, तू कैसी छोरी चाहे है?
राजन बोला, मैं तो बजर गोरी छोरी चाहूं, एक दम परी सी।
राजन के पिता जी ने राजन की बात सुन ली।
वो बोले, छोरा के करेगा खूबसूरत बिंदनी को? कामकाज में सयानी छोरी देखन दे तेरी माँ को...
पहले तो राजन थोड़ा शरमा गया, फिर घड़ी देर बाद बोला, बापू, काम काज का क्या है, हम कर लेंगे, नहीं तो नौकरानी से करा लेंगे..
जो खूबसूरत बीवी होएगी, तो होने वाले बालक भी खूबसूरत होंगे।
मेरे और आप की तरह डाबर का टीन तो ना लागेगें।
बापू बोला, इतना घना सयाना तो मैं भी ना था, जो होता तो काली भैंस सी बीवी ना लाता।
अब तो तू बहुत खूबसूरत बीवी ही लाना, मुझे भी अब घने सुन्दर बालक ही देखने हैं अपने आंगन में।
फिर क्या था, खूबसूरत बीवी की तलाश शुरू हो गई...