क्यों निर्धारित हो एक दिन
Mother's day, father's day, daughter's day, valentine's day etc...
बहुत से special days, decide कर दिए गए हैं, जिनमें days से related, celebration किए जाते हैं..
कुछ लोगों का कहना रहता है, क्या आवश्यकता है इस तरह से एक दिन निर्धारित कर देने के?
क्या सिर्फ एक दिन ही इनसे जुड़े प्रेम को अभिव्यक्त करने के होने चाहिए? यह तो रोज होना चाहिए, किसी दिन विशेष क्यों?
बिल्कुल रोज़ होना चाहिए, सिर्फ उस विशेष दिन नहीं..
पर एक बात बताएं, फिर यह नियम, बाकी निर्धारित किए गए दिन पर नहीं लागू होना चाहिए?
फिर त्यौहार के निर्धारित दिन क्यों?
होली,दीवाली,राखी, ईद, मोहर्रम, क्रिसमस, ईस्टर, लोहड़ी, बैसाखी, गुरुनानक जयंती, बुद्ध जयंती, महावीर जयंती आदि ...
इन सबको भी हम एक दिन ही निर्धारित करके celebrate करते हैं।
फिर हमारा जन्मदिन, शादी की सालगिरह, आदि का भी एक दिन निर्धारित होता है, हर साल के लिए...
त्यौहार और यह सब भी तो आप एक विशेष दिन, विशेष तरह से ही celebrate करते हैं ना?
क्यों नहीं हम इन्हें रोज़ celebrate कर लेते हैं?
दरअसल यह विशेष दिन इसलिए होते हैं, जिससे हमारी भागदौड़ से भरी मशीनी जिंदगी कुछ पल अलग तरह से जी ले, जो सुकून और सुख से भरें हैं..
फिर Mother's day, father's day, friendship day, valentine's day etc... के लिए विरोध क्यों?
Actually किसी एक दिन को दिन विशेष के रूप में निर्धारित करने का purpose सिर्फ इतना होता है कि आप बाकी दिन तो अपनों को स्नेह और साथ दें ही, पर दिन विशेष को पूर्णतया उन पर समर्पित कर दें।
उनके त्याग के लिए, उनके आशीर्वाद के लिए, उनके स्नेह के लिए, उनके सानिध्य के लिए, सबसे बड़ी बात उनके unconditional support के लिए...
अगर आप ने ऐसा किया तो, क्या बड़ा किया? और क्यों नहीं करना चाहिए? इतना तो वो deserve करता ही है जो हमसे किसी भी रिश्ते से जुड़ा है...
ग़लत यह नहीं है, इनके लिए विशेष दिन क्यों? ग़लत है होड़ करना, कि फलां व्यक्ति इस दिन विशेष को कितना विशेष तरह से, बहुत सारा खर्चा करके celebrate कर रहा है। तो हमें भी वैसा ही करना है...
क्योंकि इन विशेष दिन को निर्धारित करने का purpose ही यह था कि उस पूरे दिन को अपनों के लिए समर्पित कर दिया जाए, पर उसका बाजारीकरण ना किया जाए...
उसको विशेष तरह से मनाने के लिए कलह नहीं किया जाए, जिसके पास जितना धन, समय या सामर्थ्य है उसका ही प्रयोग करके जो best हो वो किया जाए। बस हो ऐसा की, जिसके लिए किया जाए, उसे special feel हो।
साथ ही जिसके लिए किया जा रहा है, वो भी हद से ज्यादा की इच्छा ना करें, ना ही करने वाले को, किसी भी तरह की हीन भावना से ग्रस्त कराएं ,कि क्या बेकार सा किया है...
सबसे बड़ी बात यह होती है कि आप उसके लिए विशेष हैं और वो आप को खुश रखना चाहता है।
कल Mother's day है और 18 June को Father's day, अपने माँ-पापा के संग, इन दिनों को खुशियों से भर दीजिए। उन्हें अपना भरपूर समय दीजिए, उनके लिए खुशियों से भरा यादगार दिन बना दीजिएगा 🙏🏻
जब हो बाकी दिन, daughter's day, valentine's day, women's day, children day तब वो दिन भी जिसका दिन है, उसके लिए खुशनुमा और यादगार बना दीजिएगा 😊
हर दिन को भरपूर जीएं, विशेष दिन को विशेष तरह से जिएं। मत पड़े इस विवाद में कि क्या होना चाहिए और क्यों होना चाहिए बस जिंदगी भरपूर जीएं...
चंद हसीं लम्हों से
जिंदगी संवार लें
दो पल की जिंदगी है
तेरे क्या और क्यों में
कहीं जिंदगी की
शाम ना हो जाए...
खुश रहें, खुश रखें, बस यही जिंदगी है...