Saturday 18 April 2020

आभार, फिर एक बार

आभार, फिर एक बार

Shades of  life, आज महज़ एक नाम नहीं है।

पहचान बन गया है, आपके साथ का, आप के प्यार और विश्वास का।

जो जुड़ा है आप की खुशी से, खिलखिलाती मीठी सी हंसी से, आप के गुदगुदाने से, धीरे से मुस्कुराने से, आपकी प्रखर होती आवाज से, आपके आक्रोश से, कभी टूटते विश्वास से, कभी रुदन से, कभी तीज और त्यौहार से, कभी राजनीति के बुलंद साथ से, जीवन की हर कड़ी से, बीतने वाली हर घड़ी से।

Shades of life का अस्तित्व ही इसलिए है, क्योंकि वो जुड़ा है जिन्दगी से, आप से।

यह आप सबके प्यार और सराहनाओं का ही परिणाम है कि shades of life का नाम India के साथ ही United States, Portugal, Peru, Sweden, Philippines, Russia, Ukraine, Canada, United Arab Emirates, Germany, United Kingdom, Japan, Australia, Pakistan, Turkey, Netherlands, South Africa, आदि कई और देशों में भी एक पहचान बन गया है, नाम बन गया है।
  
यह, परमपिता परमात्मा की अनुकम्पा व मार्ग प्रशस्त करे बिना असम्भव था।

हे प्रभु! मुझे ऐसे ही अपने चरणों में स्थान प्रदान करें, मुझ पर आपकी कृपा बनी रहे।

आप सबकी उन ढ़ेर सारी शुभकामनाओं, सराहनाओं का ह्रदय से अनेकानेक आभार 🙏

आज shades of life के 2साल,  सफलतापूर्वक संपन्न हुए हैं।

इन दो सालों में घटने वाले, हर छोटे-बड़े पहलू को समेटने की कोशिश मात्र की है।

आप सबके द्वारा पसंद किए जाने का विवरण इस प्रकार है

 

आप सभी से अनुरोध है, आप आगे भी अपना सानिध्य और प्यार ऐसे ही बनाए रखियेगा।

कोरोना का कठिन समय है, मुश्किल है, हल दूर दूर तक नज़र नहीं आ रहा है, इस कठिनाई के पल में छोटी सी कोशिश की है, आपकी परेशानी को कुछ कम करने की। पिछले कुछ दिनों से आप लिए रोज एक ऐसी Recipe post  कर रहे हैं, जो आपके "इस lockdown में खाने में क्या बनाएं," वाली समस्या का निदान है।

फिर भी मेरा आप सबसे बस इतना कहना है -

कठिन समय है
यह भी चला जाएगा
आज तक कौन रुका है
जो यह रुक पायेगा
तू सब्र कर ले,
थोड़ा सा, ऐ  जहाँ
वो दिन दूर नहीं
जब तू फिर मुस्कुराएगा।

बहुत सारे धन्यवाद के साथ,

।।💐❤️आप साथ, सदा रहे हमारे साथ❤️💐।।

Thank you

It's 18th April once again.
It's the time for celebration for the Shades of Life family which has been growing since the past two years.

And I'm glad that the family has grown not only in India but also in foreign countries like United States, Portugal, Peru, Sweden, Philippines, Russia, Ukraine, Canada, United Arab Emirates, Germany, United Kingdom, Japan, Australia, Pakistan, Turkey, Netherlands, South Africa, etc.
  

Till date your admiration has reached 45123 pageviews, which inspired a total of 591 posts.


 

From the day one,
Your love has woven the way..
Which motivates my pen,
That you eugolize everyday...
And in the coming years,
Let the blog thrive twofold..
It's celebration time,
For our family two years old...

This year was full of different shades. Following were the main colours with various different shades:


Various new posts of varied genres and on varied topics, came up which had and are still recieving so much love.

This affection has made the Shades of Life palette more colourful and your views, comments, suggestions, queries - in a nutshell all your affection and panegyrize will always keep motivating me to make the palette more colourful.

So a big thanks to all of you who are a part of the Shades of Life family.
On the same note, I thank God from the bottom of my heart, for blessing me with such a great family.
And let us all pray to the Almighty that this difficult time passes very soon and life gets back to normal.

Talking of the difficult time, you all must be knowing about my current initiative for you all to be safe. I had been posting such Recipes and Tips so that we all can stay home, safe and healthy as much as possible; And such posts are coming lined up.

So keep reading and stay connected to Shades of Life.

Short Stories : सरला

सरला 

अपने पति रामू के साथ सरला गांव से आई थी, पहले पहल तो जीवन काटना कठिन था, दिन रात गांव की याद तड़पाती, और शहर की महंगाई सताती।

पर कुछ ही दिनों में दोनों की मेहनत रंग लाई, और घर में मुन्ना भी आ गया, तो उनके बड़े अच्छे दिन शुरू हो गए।

पर हाय! रे  किस्मत

उसी समय यह कोरोना महामारी आ गई।

दोनों के काम छूट गए, जो थोड़ी बहुत राशि थी, वो भी चंद दिनों में खत्म हो गई।

इससे रामू बिल्कुल टूट गया, और एक दिन, पत्नी बच्चे को सोता छोड़कर वो घर से चला गया।

चंद दिन सरला ने उसका इंतज़ार किया, पर वो ना लौटा।

सरला, बड़ी हठी थी, कोई परिस्थितियां उसको डिगा नहीं सकती थी।

उसने अपनी बोरिया बिस्तर सिर पर और मुन्ने को गोद में उठाया, और निकल आई सड़क पर।

पुलिस वालों ने देखा तो बोला, कहाँ चल दी? तुझे पता नहीं, lockdown चल रहा है?

मालूम है साहब, पर यह मासूम नहीं जानता, भूख से परेशान हो रहा है।

तो क्या चाहती है, गांव भाग जाना?

नहीं साहब, मैं भगौड़ी नहीं हूँ, वैसे भी गांव में क्या रखा है, अब मेरा? फिर वहां तक जाऊंगी, तो मुन्ने को, खुद को और ना जाने कितने लोगों को बीमार कर दूंगी।

बड़ी समझदार है रे तू। फिर क्या चाहिए?

साहब, आप लोग हर रोज़ कितनों को खाना खिला रहे हो।

ओह, तो तुझे रोज खाना चाहिए?

नहीं साहब, मुझे भी खाना बनाना है।

तो तू क्या यहां खाना बनाने का काम मांगने आई है? अभी हम खाना बनाने के पैसे नहीं दे रहें हैं, कोई कामगार नहीं रखा है, हम खुद बना रहे हैं।

नहीं साहब मुझे पैसे नहीं चाहिए, जी तोड़ मेहनत करुंगी, किसी काम में उफ्फ नहीं करुंगी, आप बस दो टाइम की रोटी दे देना, मेरा मुन्ना जी जाएगा, और मैं अपने देश के काम भी आ जाउंगी।

पुलिस वाले उसके स्वाभिमान और समझदारी से खुश हो गए।

अब जहाँ भी समाज सेवा के लिए खाना बनता उसे भेज देते, क्योंकि वो साफ़ सफाई से बड़ा स्वादिष्ट खाना बनाती।

सब उसका बहुत सम्मान करते, और उसका मुन्ना हाथों हाथ पलने लगा।

आज सरला सबके लिए प्रेरणा बन गई है, कि कठिन समय भी सरलता से कट सकता है, बस सब्र और समझदारी होनी चाहिए।