Tuesday, 19 February 2019

Poem : बसंत


बसंत

Courtesy: thehauntmusic.com

हर ओर छाई हैं खुशियाँ

झूमे धरती और गगन

आओ मिलजुल के मनाएँ

आ गया ऋतुराज बसंत

हर जगह रंगीनी छाई

खुशबू फूलों ने फैलाई

चहक पंछी गाएँ गीत  

झूमे संग सब अपने मीत

हरा, गुलाबी, नीला, पीला,

नारंगी, जामुनी, सुनहरा, लाल

बसंतोत्सव मनाने के लिए

आ गए सारे रंग कमाल