आप सभी को सावन के चौथे सोमवार की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🏻🔱🕉️
आप सब के साथ मुझे बीकानेर ( राजस्थान) के श्री अशोक रंगा जी की लघुकथा को share करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है।
🌹🌹सावन 🌹🌹
शिव भक्त बालक प्रेम गहरी नींद में था . नींद में अचानक उसकी मुलाक़ात नारद मुनि जी से हो गई थी . अब प्रेम की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा.
बालक प्रेम ने नारद मुनि के सामने एक के बाद एक सवालों की झड़ी सी लगा डाली ताकि वे नजरों से कहीं ओझिल ना हो जाए .
प्रेम ने उनसे यह भी सवाल पूछा कि सावन के महीने में महादेव को विशेष रूप से क्यों पूजा जाता है?
इस महीने में चारों तरफ बादल -बरसात, हरियाली, ठण्डी-ठण्डी हवाएँ व खुशनुमा सा माहौल क्यों हो जाया करता है?
नारद जी ने भी बालक को प्रसन्नता पूर्वक बताना शुरू किया, कि सावन के महीने में महादेव स्वयं पार्वती से मिलने धरती पर आया करते है.
महादेव के धरती पर आने व पार्वती जी से मिलन की खुशी में प्रकृति उनके स्वागत में चारों तरफ शीतल हवाएँ, हरियाली, बादल व बरसात के रूप में अपनी खुशियों को प्रकट करती हुई उनका दिल से स्वागत करती है व दूसरे शिव भक्त भी उनके दर्शन व उनकी कृपा दृष्टि पाने के लिए मचल उठते है.
इतने में बाहर तेज़ बारिश व बिजली की आवाज़ से बालक प्रेम की आँख खुल चुकी थी.
प्रेम हर-हर-महादेव का उच्चारण करते हुवे जल्दी से नहा-धो कर सीधे महादेव के मंदिर में गया .
मंदिर के दर्शन के बाद प्रेम ने सभी दिशाओं में प्रकृति को शिव समर्पित होते हुवे देख महादेव का जयकारा लगाया. हर हर महादेव, हर हर महादेव.
Disclaimer:
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