काबिल कौन (भाग- 1) के आगे......
काबिल कौन (भाग- 2)
काबिल कौन (भाग- 2)
राज अपनी माँ और पत्नी के साथ college पहुंचा, सारा hall खचाखच भरा
हुआ था। राज को आने में देर हो गयी थी बड़ी मुश्किल से पीछे की seat मिली थी।
Program start हो चुका था,
सबका intro चल रहा था, तभी college
के head, stage पर आ गए,
बोले इनका intro मैं दूंगा।
College head ने कहा, ये
ऐसी प्रतिभा हैं, जिनको सब अपनी organisation में चाहते हैं। ये हमारे college में भी आई थीं, और इनका selection भी हो गया था, पर तब इन्होंने अपने कॉलेज के एक साथी के लिए अपनी teaching post छोड़ दी।
उस समय मुझे ये लगा था, कि इन्होंने हमारे college
की teaching की post छोड़
कर अपनी जिन्दगी का सबसे गलत फैसला लिया है। क्योंकि हमारे college से better option कहीं भी नहीं है।
पर इन्होंने मुझे
गलत साबित कर दिया है, ये दूसरे state के
MBA college की principal थीं। और आज
ही इन्होंने हमारे city में as a Vice Chancellor join
किया है, सच में जिसमें काबिलियत हो, वो फिर रुकता नहीं है, और ये एक दिन साबित भी हो जाता
है।
इसके साथ बहुत ही सम्मान से वो बोले, आइये Ma’am. इनके सम्मान के लिए मैं उसी होनहार teacher
को बुला रहा हूँ, जिनके लिए इन्होंने हमारे college
की job छोड़ दी थी।
राज झाँक झाँक कर देख रहा
था, पर उसे
कुछ दिख नहीं पा रहा था। तभी head ने राज को सम्मान देने के
लिए बुला लिया।
Stage पर आने पर राज को पता चला, ये कोई और नहीं ऋतु थी। ऋतु तो बिना बताए राज के लिए job छोड़ गयी थी, पर वक़्त ने सारे राज़ खोल दिए थे।
राज के पैर से ज़मीन सरक गयी, आज उसे समझ आ रहा था, कि जिस ऋतु को वो नाहक down
करता रहता था, उसकी वजह से ही उसे job मिली थी।
आज भी वो उसी post पर था, जो ऋतु ने उसके लिए छोड़ी थी, जबकि ऋतु बहुत आगे
निकाल गयी थी।
उस ये भी समझ आया, कि उस दिन ऋतु की आँखों में नमी job नहीं मिलने की
नहीं थी, उसके शहर छोड़ कर जाने के फैसले के कारण थी।
आज राज बहुत अच्छे से समझ गया था, कि उन दोनों में ज्यादा काबिल कौन
था।