कीमत (भाग-1) के आगे……
कीमत (भाग-2)
जो कोई भी वो कागज़ देखा रहा था, उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि ऐसा भी हो सकता है।
साथ ही सब इस पशोपेश में भी थे, यह सिर्फ उनके साथ हुआ है या और लोगों के साथ भी हुआ है?
पर फिर भी कोई किसी से कुछ पूछना नहीं चाहता था कि कहीं ऐसा ना हो कि पूछने से उनके साथ की बात खत्म ना हो जाए।
या कहीं सचिन को पता चल गया तो?
उसने बुरा मान लिया तो?
फिर उसके जैसा ईमानदार दूसरा मिलना भी मुश्किल है।
पर कंगना, उससे नहीं रहा जा रहा था। वैसे भी वो जब तक किसी बात की तह तक नहीं पहुंच जाती थी, उसे चैन कहां मिलता था।
उसने अपनी पड़ोसन रेखा को फोन मिलाया। रेखा उस समय पूजा अर्चना में व्यस्त थी, तो वो फोन नहीं उठा पाई।
फिर उसने आलिया को मिलाया। आलिया का फोन चार्जिंग पर लगा था, इसलिए जब तक वो फोन उठाती, फोन कट गया।
कुछ और भी व्यस्तता के कारण नहीं उठा पाए। सुबह का समय था, सबके पास छत्तीस काम थे। कुछ ने उठाया तो उन्होंने बताया कि उन्हें भी वैसा ही कागज़ मिला है, पर ऐसा हुआ कैसे? वो उन्हें भी नहीं पता।
इधर कंगना की बेताबी बढ़ती जा रही थी। पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि किस से पूछे?
आखिरकार जब उसे कुछ नहीं सूझा तो उसने सोचा, जिसने कागज़ दिया है, उसे तो कारण पता ही होगा। उसने सचिन को ही फोन मिला दिया।
सचिन ने जो कारण बताया, उसको सुनकर कंगना चौंक गयी.....
आगे पढ़े कीमत (भाग - 3) में....