Maid चली गयी (भाग -1) के आगे......
Maid चली गयी (भाग - 2)
रहने दो प्रेमा, किसके लिए आंसू बहा रही हो ? इसे अब रेखा के अलावा दिखाई कौन देता है। मैं अभी जिंदा हूं! तुम्हारे लिए और तुम मेरे लिए, पिता ने 'आह'भरते हुए कहा।
रजत चला गया। दोनों अपने बेटे, बहू को दिन भर याद करते। रजत, कभी बात कर लेता तो हालचाल पता चल जाते थे।
रेखा तो जब से गई थी, उसने कभी फोन नहीं किया। उसे वैसे भी, अपने सास-ससुर एक आंख नहीं भाते थे। वह तो आई ही यहां इसलिए थी, कि उनसे पीछा छूट जाएगा। फिर यहां उसने job भी join कर ली थी।
बस एक समस्या थी मुंबई में, maid की बड़ी दिक्कत थी। maid एक ही time आती थी।
कुछ साल बाद रजत और रेखा का बेटा हुआ, उसके होने के समय पापा- मां कुछ दिन के लिए आए थे।
उन दोनों के रहने से, रेखा को बच्चे का एक भी काम नहीं करना पड़ता था। जब वो चले गए, तो रेखा ने बच्चे के लिए दिन भर के लिए एक maid रख ली।
Maid आए दिन छुट्टी लेती, जिससे रेखा उससे बहुत लड़ती- झगड़ती और हमेशा पैसा देने में भी कंजूसी करती।
रोज-रोज की झिकझिक और रेखा की कंजूसी से तंग आकर maid चली गई ।
रेखा से एकतरफ ना तो इतने पैसे दिए जा रहे थे, कि maid रख सके। और दूसरी तरफ आलस के कारण काम भी नहीं संभल रहे थे। बच्चे के कारण office भी नहीं जा पा रही थी।
एक दिन उसकी दोस्त का फोन आया, तो रेखा ने उसे अपने दिल का सारा हाल बता दिया। उसकी दोस्त बोली, तुम तो एकदम बेवकूफ हो। तेरे सास- ससुर है ना.......
रेखा की दोस्त ने उसे क्या सलाह दी, जानते हैं Maid चली गयी (भाग -3 ) में