Wednesday 22 September 2021

Tips : Cocopeat & Plant parenting

आज की tip हम अपने plant parents के लिए लाएं हैं। क्योंकि आज के प्रदूषित वातावरण में gardening ही एकमात्र विकल्प है जो हमें निर्मल वातावरण प्रदान कर सकता है।

आज जब जमीन छोटी और छोटी होती जा रही है, ऐसे में बागवानी का शौक गमलों तक सिमट कर रह गया है। 

पर गमलों में पौधों को जीवन देना, बहुत आसान काम नहीं है। ऐसे में हमें एक बहुत अच्छी tips पता चली, तो हमारी तो बांछे खिल गई। 

सोचा अपनी blogger family से साझा किया जाए तो कुछ और बातें करे बिना, यह रही वो Tips


Cocopeat & Plant parenting



Cocopeat - यह एक ऐसा material है, जो आपके plants की health better ही नहीं करता, उनको longer life भी देता है और ornamental value में तो चार चांद लगा देती है।

 पर Cocopeat होता क्या है और भला कैसे लगाएगा यह चार चाँद? आइए बताते हैं -

Cocopeat : नारियल के fibrous (रेशेदार) छिलके को कूटकर जो चूरा (Coir dust) और टूटे रेशे (husk) निकलते हैं, उस mix को Cocopeat कहा जाता है। आपने देखा होगा कि नारियल छीलते समय भी भूसी जैसा Coconut fibre झड़ता है जोकि नारियल के रेशे टूटने से निकलता है। 

Cocopeat अपनी कई खसियतों की वजह से पौधों की मिट्टी (Potting soil) में मिलाया जाता है। पौधा लगाते समय cocopeat का उपयोग पौधे की अच्छी growth और लंबी उम्र के लिए फायदेमंद होता है। इसे घर पर भी बनाया जा सकता है। साथ ही यह plant को nutrition procurement में help करता है, जो पौधे को ज़्यादा green and shiny बनाता है।

Use of Cocopeat 

आजकल जगह की कमी & high-rise buildings and flats की वजह से ज्यादातर लोग जमीन की बजाय गमलों में पौधे लगाते हैं और Terrace gardens, Balcony gardens, Green walls, Plant corners, Kitchen gardens, etc. बनाते हैं, ऐसे गमलों में cocopeat का प्रयोग बहुत लाभदायक होता है।

मिट्टी-रहित planting (Hydroponics) में भी mainly कोकोपीट का ही प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा green house, nurseries, saplings, table plants and hanging baskets तैयार करने में भी cocopeat का प्रयोग फायदेमंद होता है।

Ratio of Cocopeat in Potting soil  – पौधे लगाने के लिए गमले में मिट्टी : खाद : कोकोपीट का ratio 2:1:1 का होना चाहिए। मतलब मिट्टी में ¼ भाग cocopeat होना चाहिए।


 Benefits of Cocopeat

1) गमले की मिट्टी में cocopeat मिलाने से मिट्टी tight और aggregate नहीं होती, जिससे roots को बढ़ने में आसानी होती है, soil aerated रहती है और पौधे को nutrients भी मिलते रहते हैं।

2) Cocopeat, seed planting के लिए बहुत अच्छा होता है क्योंकि cocopeat naturally antifungal होता है और seeds को infection से बचाता है।

3) Cocopeat में water holding capacity होती है इसलिए ये पौधे को सूखने नहीं देता, जरूरी नमी देता है और साथ ही extra पानी को absorb भी कर लेता है। इसलिए पौधा ज्यादा पानी देने (over watering) या कम पानी देने (under watering) की गलती से सुरक्षित रहता है।

4) इन गुणों के अलावा cocopeat खुद भी कई nutrients जैसे nitrogen, copper, potassium, phosphorus, potassium, magnesium, zinc, आदि होते हैं जो कि पौधे की healthy growth के लिए जरूरी होते हैं।

5) Cocopeat का pH level 5.7 से 6.5 के लगभग होता है जो कि Plant growth के लिए ideal होता है।

6) मिट्टी में cocopeat मिलाने से microorganisms, pests, insects, weeds की problem खत्म हो जाती है।

7) Cocopeat, 100% organic यानि जैविक पदार्थ है जो कि पर्यावरण और मनुष्य दोनों के लिए सुरक्षित है। वह आसानी से degrade हो जाता है।

8) इसे मिलाने से पौधों में बहुत ज्यादा पानी भी नहीं देना पड़ता और पौधों की उम्र बढ़ती है। 

9) अच्छी Water holding capacity होने के बावजूद cocopeat पानी का उचित निकास और मिट्टी में aeration बनाए रखता है।

10) Cocopeat कई सारे nutritions से भरपूर है इसलिए पौधे में अन्य खाद (manure) मिलाने की जरूरत नहीं होती है।

11) गमले की मिट्टी में लोग बालू mix करते हैं जिससे पानी का Drainage सही से हो। Cocopeat बालू का अच्छा alternate है जो कि सही Drainage के साथ ही nutrition देने का भी काम करता है।

12) अगर गमले की मिट्टी के ऊपर 1 Inch cocopeat की layer बिछा दी जाए तो इससे भी पौधे का पानी जल्दी नहीं सूखता, नमी बनी रहती है, साथ ही घास या खर-पतवार (weeds) नहीं उगती।


तो कब दें रहें हैं आप अपने plant parenthood को यह healthy, nutritive yet cheap gift?