Tuesday 16 June 2020

Satire: करोना वारिस

आज आप सब के साथ मुझे इंदौर से श्रीमती उर्मिला मेहता जी की हास्य-व्यंग्य रचना को share करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है। 

एक कठिन परिस्थिति को बहुत ही खूबसूरती से हास्य-व्यंग्य में ढाला है, यह हास्य व्यंग बुन्देलखण्ड भाषा में पिरोया गया है, आप इसका आनन्द अवश्य लें। 


करोना वारिस
 
Image Courtesy: Freepik

हाय दैया जे 

मोदी भैया ने जो कछु कओ हतो, टी. वी. में तुम्हरी सौं, हमरे तो पिराण हलक में आ गए। नागासाकी ओर हिरोसिमा को झगड़ो याद आ गओ। हमने अपने मोड़ा से जा बात कई तो बाने कई कि "मतारी बो झगड़ो तो जापान देस के दो गाँवन के बीच में हुओ हतो। जे तो पूरी दुनिया में पसरो है।"

   एक बात तो हमें बहुतई बुरी लगी कि सठियाये लोग जादा धियान रखें। अब भैया, भौजी और बिन्नो, गुंइयां तुम से का लुकावें (अपने जान के हम उमर बता रए हेंगे, हम तो ७० के भी ऊपर हो गए हेंगे !) हमरो तो बाहर जानो मुस्किल हो गओ। भाटसेप और जो बुद्धू बक्सो कब तक देखें, गुइयां तुमई बताओ।

      जाड़ो चलो गओ सो हमने सोची कि दुलाई बिस्तर धरिबे को बक्सा में धर के डामर की गोरी डार दें।तो का भओ कि हमरे नाती ने बा गोली देख लई और पूछन लगो कि जे गोरी काय लाने बिस्तरे में डार रई हो अम्मा तो हमने बाय समझाओ कि जे गोरी डालवे से कीड़े-मीड़े नई परतहैं।जा बात सुनके बाने ऐसी बात कई कि सब घरवारे खूब हँसन लागे।हमरो छोटो सो नाती  कहन लगो कि जे गोरी करोना वारिस के सामने काय नई डार देती हो अम्मा  ,सब कीटाणु मर जे हैं😆😆

     आज तो  हमरी दुलेन के रई हती की जो करोना वारिस वर्ड टूर पे निकर गओ है ,सो  अम्मा तुम तो घर पे रे के माला ही जपियो सो सबके लाने अच्छो रेगो।मोय तो चूल्हो चक्की ओर मोड़ा, मोड़ी को देखिबो  परेगो ।

    मोय तो बड़ो डर लग रओ है,भगवान जा  बीमारी से सबई लोगन की रच्छा करे।

Disclaimer:
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