Wednesday 4 September 2019

Article : Tremendous Traffic Rules


Tremendous Traffic Rules

कल शाम bike से पति के साथ बाज़ार जाना हुआ, तो दिल्ली में अलग ही नज़ारा दिखाई दिया। हर two wheeler वाला helmet लगाए हुए था, आश्चर्य तो मुझे तब हुआ, जब सारे पीछे बैठे वाले भी helmet लगाए हुए थे।

हम दोनों हमेशा ही helmet पहन कर जाते हैं, पर कल से पहले कितने ही बगल से अपनी जुल्फें लहराते निकल जाते थे।

जो car में थे, सब seat belt लगाए हुए थे, कोई भी mobile पर बात नहीं कर रहा था

कोई भी traffic light jump नहीं कर रहा था, ना कोई आड़ा-तिरछा चला रहा था, फुटपाथ पर केवल पैदल लोग ही चल रहे थे

ऐसा नज़ारा देखकर लग रहा था, अगर ऐसा ही चलता रहा, तो जल्दी ही traffic jam की problem solve हो जाएगी। accidents काफी हद तक कम हो जायेंगे। फिर तो India आने वाले लोग पूछेंगे, ये India ही है क्या?

पर कल का नज़ारा देखकर जितनी खुशी हुई, उतना ही दुख भी हुआ। लोगों को अपनी सुरक्षा की परवाह नहीं थी, उनमें बस डर था तो चालान कटने का।

क्यों है आपको उस धनराशि की अधिक परवाह, जो चालान कट जाने पर चली जाएगी? जबकि गया हुआ धन तो आप मेहनत करके पुनः भी प्राप्त कर सकते हैं।

पर आप ने कभी सोचा है, दुर्घटना होने से शारीरिक क्षति या जीवन अंत हो जाए, तो फिर आप धरती आसमान एक कर लें, यथावत नहीं मिल सकता है।

तो जो हम वापस पा सकते हैं, उसकी इतनी परवाह, और अपनी सुरक्षा की बिल्कुल नहीं!  आखिर क्यों?

आपको ईश्वर का धन्यवाद देना चाहिए, कि उन्होंने आपको मानसिक और शारीरिक रूप से पूर्णत: स्वस्थ बनाया है। उनसे पूछिये, उन पर क्या बीतती है, जो या तो जन्म से या दुर्घटना ग्रस्त होकर अपने अंगों से या अपनों से वंचित हो गए?

आप traffic rules ना मानने पर fine देख रहें हैं, और हमें सरकार द्वारा हम लोगों की सुरक्षा में लिया हुआ कदम दिख रहा है।

तो ज्यादा अच्छा ये नहीं होगा, बढ़े हुए चालान पर रोष व्यक्त करने के बजाय, सरकार का धन्यवाद दें, और साथ ही हम अपनी सुरक्षा पर ध्यान दें।

क्योंकि जान है, तो जहान है। चालान कटने के डर से नहीं, अपनी सुरक्षा के लिए और अपने अपनों के लिए, traffic rules follow करें। फिर आप भी कहेंगे what "Tremendous Traffic Rules"