Thursday, 28 January 2021

Article : क्या होगा न्याय ?


क्या होगा न्याय ?





आज जब पूरा देश, पहले से ही गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है, वहाँ एक के बाद एक अनावश्यक समस्याओं को बढ़ाना कहाँ तक उचित है?

क्या कोरोना, चीन, पाकिस्तान, भूखमरी, गिरती हुई अर्थ व्यवस्था, जाती हुई नौकरियाँ, मरते हुए लोग, वैक्सीन, आदि.... जैसी समस्या कम है? 

जो देशद्रोह भी शुरू कर दिया गया है। 

26 जनवरी को हुए विध्वंसकारी प्रदर्शन के पश्चात आज हम सबके सामने यह ज्वलंत प्रश्न है कि जो कुछ भी हुआ उसके लिए क्या न्याय होगा?

क्या इतनी बड़ी घटना के पश्चात भी उन लोगों को छोड़ दिया जाएगा? देश के इतने बड़े अपमान को ऐसे ही भूला दिया जाएगा?

जबकि इस घटना से ना जाने कितने पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हैं। वो भी इसलिए क्योंकि उन्होंने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया, और पूर्व निर्धारित आदेशों का पूर्णतः पालन किया।

दोष उन किसानों का भी है, जिन्होंने बिना कुछ सोचे-समझे, अपने नेताओं की हर बात का पालन किया। इसके लिए उन्हें दंडित किया जाना चाहिए, पर उन बड़े नेताओं का क्या, जो इन घटनाओं को क्रियान्वित करने का कार्य सुचारू रूप से कर रहे थे? जो किसानों को आए दिन भड़काने का कार्य कर रहे थे..

क्या उनके लिए भी सज़ा का कोई प्रावधान है?

26 जनवरी को हुई घटना के पश्चात अब तो पूरा देश समझ चुका है कि, इन लोगों को खेती-किसानी से कोई सरोकार नहीं है।

इनका मुद्दा वो तीन बिल हैं ही नहीं, जिनकी दुहाई देकर इतने दिनों से धरना दिया जा रहा था। इसलिए सरकार के द्वारा दिए गए सारे प्रस्तावों को एक सिरे से ठुकराया जा रहा था।

झंडा लगाकर इन्होंने अपनी पगड़ी गिरा दी।

वैसे भी जो देश का मान गिरा दे, उसका फिर कैसा सम्मान?

वैसे भी कहा गया है कि जिस को निज देश से प्यार नहीं, उसको मानव कहलाने का अधिकार नहीं।

आज पूरा देश, न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है।

सभी को यही उम्मीद है कि देश के अपमान का उचित निर्णय लिया जाएगा।

निर्णय लेते समय यह नहीं देखा जाएगा कि अपराध करने वाला कोई छोटा किसान है या बड़ा नेता।

जो जितना बड़ा दोषी है, उसे उतना कड़ा दण्ड मिलना चाहिए।

क्योंकि आज मिली हुई छूट, अपराधिक गतिविधियों को और बढ़ावा देगी। जो देशहित में कदापि नहीं है। 

Wednesday, 27 January 2021

Poem : तुमको हथियार बनाया है

तुमको हथियार बनाया है





क्या साबित करने के लिए

इतना बवाल मचाया है?

क्या सोच कर तुमने

झंडे का मान गिराया है ?


जो आन हमारे भारत की

जो शान हमारे भारत की 

उसके ही अस्तित्व पर तुमने

यह कैसा कलंक लगाया है?


गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर

जब सारे राष्ट्रभक्त हो जाते हैं

ऐसे पावन दिवस को क्यों

तुमने काला दिवस बनाया है?


तुम अन्नदाता हमारे हो 

हम मान तुम्हारा करते हैं 

पर आज के इस कुकृत्य से

तुमने देश का गौरव गिरवाया है


जो मान मिला था भारत को, 

कोरोना की वैक्सीन बनाकर के।

तुम्हारे विध्वंस प्रदर्शन ने,

उसको मिट्टी में मिलवाया है।।


अब तो जागो ओ किसान मेरे,

जिनके बहकावे में तुम बैठे हो।

अपनी राजनीति चमकाने में उसने,

तुमको अपना हथियार बनाया है।।


Tuesday, 26 January 2021

Poem : हर दिल में तिरंगा लहराया

आप सभी को 72वें गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ 🇮🇳🙏🏻

हर दिल में तिरंगा लहराया





डर का तिमिर

था गहराया

कोरोना का काला

बादल आया


चीन चला

धूर्तता की चाल 

विश्व हो रहा 

था बेहाल


ना जाने कितनों की

जान गई

ना जाने कितनों की

आन गई


ना जाने कितनों के

अपने छूटे

ना जाने कितनों के

सपने टूटे


विध्वंस और क्रुर होकर भी

चीन विश्व विजेता ना बन पाया

उतर गया सबके दिल से

अन्यायी वो कहलाया


भारत ने वैक्सीन बनाकर

अंधकार को दूर हटाया

गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर

सर्वोच्च सम्मान पाया


वो विश्व गुरु, सौहार्द्र प्रेम का

भारत ने सबको बतलाया

गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर

हर दिल में तिरंगा लहराया


गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर

हर दिल में तिरंगा लहराया


जय हिन्द जय भारत 🇮🇳