अनमोल रतन
आज भारत के लाल, भारत के अनमोल रत्न, रतन नवल टाटा जी नश्वर शरीर को छोड़कर, स्वर्ग की ओर प्रस्थान कर गए।
उनके जाने से सब ओर शोक की लहर व्याप्त हो गई है। नेता, अभिनेता, खिलाड़ी या आम आदमी, हर किसी की जुबान पर रतन टाटा का नाम है, हर कोई उनकी मानवता को याद कर शोकाकुल हो रहा है।
NCP lawn में उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है।
उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर राजकीय सम्मान दिया गया व उन्हें पुलिस force द्वारा सलामी दी गई।
ऐसा भी क्या था, रतन टाटा में जो हर ओर उनकी चर्चा हो रही है?...
वो बहुत बड़े business man थे, इसलिए?
तो उसमें ऐसा क्या बड़ा है, उनका जन्म ही उच्च कुल में हुआ था तो बड़े business man बनना क्या कठिन था?..
ऐसा नहीं है कि कोई बड़ा उद्योगपति होगा तो उसका विछोह, लोगों को यूं शोकाकुल कर देगा।
तो चलिए जानते हैं उसका कारण उनके ही अंदाज से, उनके इन 12 कथनों से…
1. किसी को दोष मत दो।
तुम्हारी गलती सिर्फ तुम्हारी है, तुम्हारी असफलता सिर्फ तुम्हारी है, किसी को दोष मत दो, अपनी इस गलती से सीखो और आगे बढ़ो।
2. मेरे लिए वो एक दुखद दिन होगा।
जिस दिन मैं उड़ान भरने में सक्षम नहीं हूं, वो मेरे लिए एक दुखद दिन होगा।
3. सही फैसले लेने में विश्वास नहीं करता।
मैं सही फैसले लेने में विश्वास नहीं करता। मैं फैसले लेता हूं और फिर उन्हें सही साबित कर देता हूं।
4. ऐसे दोस्तों को कभी मत चिढ़ाओ।
अच्छी पढ़ाई करने वाले और कड़ी मेहनत करने वाले अपने दोस्तों को कभी मत चिढ़ाओ। एक समय ऐसा आएगा कि तुम्हें उसके नीचे भी काम करना पड़ सकता है।
5. लोगों की बातों को दिल पर।
अगर लोग आप पर पत्थर मारते हैं तो उन पत्थर का उपयोग अपना महल बनाने के लिए कर लें।
6. तेज चलना चाहते हैं तो अकले चलें, लेकिन…
अगर आप तेज चलना चाहते हैं, तो अकेले चलिए, लेकिन अगर आप दूर तक जाना चाहते हैं तो साथ-साथ चलें।
7. सत्ता और धन।
सत्ता और धन मेरे दो प्रमुख सिद्धांत नहीं हैं।
8. समान प्रतिभा नहीं है, लेकिन अवसर समान हैं!
हम सभी के पास समान प्रतिभा नहीं है, लेकिन हम सबके पास समान अवसर हैं, अपनी प्रतिभा को विकसित करने के लिए।
9. जिंदगी में उतार-चढ़ाव जरूरी हैं।
जीवन में आगे बढ़ने के लिए उतार-चढ़ाव बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ECG में एक सीधी रेखा का मतलब बै कि हम जीवित नहीं हैं।
10. जिंदगी टीवी सीरियल की तरह नहीं होती।
टीवी का जीवन असली नहीं होता और जिंदगी टीवी सीरियल की तरह नहीं होती। असल जीवन में आराम नहीं होता, सिर्फ और सिर्फ काम होता है।
11. एक रात में कोई प्रेसिडेंट नहीं बनता।कॉलेज की पढ़ाई के बाद 5 आंकड़े वाली सैलरी की मत सोचना, एक रात में कोई प्रेसिडेंट नहीं बनता। इसके लिए अथक मेहनत करनी पड़ती है।
12. जीवन का आनंद लीजिए।
हम लोग इंसान हैं कोई कंप्यूटर नहीं, जीवन का मजा लीजिए। इसे हमेशा गंभीर मत बनाइए।
बड़ा, इंसान को धन नहीं, उसका मन बनाता है, और यही खासियत थी रतन नवल टाटा में, जिसके कारण वो सबसे जुड़ गए।
रतन टाटा, दूरदर्शी business leader थे, visionary थे, मानवता की मिसाल थे। व्यापार और परोपकार उनका साथ-साथ चलता था।
वो एक सच्चे, सहज, सरल और मानवीय इंसान थे, इसके बहुत से दृष्टांत हैं, उनमें से कुछ के बारे में कहें बिना उनको दी गई श्रद्धांजलि पूर्ण नहीं होगी।
रतन नवल टाटा का जन्म उच्च व्यवसायिक परिवार में हुआ था। उनकी company में सिगरेट, शराब को छोड़कर जीवन की बुनियादी ज़रूरत नमक से लेकर हवाई जहाज तक की luxurious चीज़ें बनाती है।
वो चाहते तो एशो-आराम की जिंदगी गुजार सकते थे, पर वो ऐसे नहीं थे।
धन-धान्य से परिपूर्ण होने के कारण उन्होंने कभी अभाव में जीवन व्यतीत नहीं किया था, फिर भी वो आम आदमी से जुड़े हुए थे। वो जानते हैं कि एक आम आदमी के सपने, उनकी हैसियत में ही कैसे पूर्ण किए जा सकते हैं।
उसका ही एक उदाहरण था, Tata Nano car, जिसकी कीमत है, 1 लाख रुपए... Nano car ने बहुत लोगों का two wheeler से four wheeler में बैठने का सपना पूरा किया होगा।
उन्होंने विवाह नहीं किया, क्योंकि वो चाहते थे कि अपने आप को देश को समर्पित कर दें। विवाह करके वो सिर्फ एक परिवार से जुड़े नहीं रहना चाहते थे, बल्कि वो सम्पूर्ण भारत को अपना परिवार समझते थे। उनके अंदर मानवता कूट-कूट कर भरी थी।
इसका ही उदाहरण है, जब कोरोना वायरस ने अपना क्रूर सम्राज्य स्थापित किया था, उस समय एक योद्धा की तरह से वो आगे आए और उन्होंने oxygen supply कराने से लेकर छोटी-बड़ी बहुत सी सहायता प्रदान की।
सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर, देश को इस आपदा से सफलता पूर्वक बाहर निकाला और कोरोना वायरस के क्रूर सम्राज्य को समाप्त कराया।
उन्होंने इस दौरान अपने employees को work from home की facilities दी थी। आप कहेंगे कि वो तो बहुत सी companies दे रहीं थी।
बिल्कुल दे रहीं थी, पर सिर्फ कुछ ही companies थी, जो ऐसा work from home दे रहीं थीं, जिसमें employees, अपने hometown में रहकर अपने सभी कार्य पूर्ण कर रहे थे, और ऐसा work from home, दिया था Tata group ने...
वरना work from home तो था, पर आप अपना work station छोड़कर नहीं जा सकते थे, अपने home town नहीं जा सकते थे।
उस समय लोगों का home town में रहना, बहुत से परिवार में बेटे-बेटियों के अपने माता-पिता के साथ रहने का सुनहरा अवसर बन गया।
रतन दूरदर्शी थे, जो उन्हें बाकियों से अलग बनाता है। किसी भी देश की सफलता, उसकी स्वच्छता पर निर्भर करती है। स्वच्छ देश होने से ही स्वस्थ और सुदृढ़ देशवासी होंगे।
इसका ही उदाहरण है उनका, स्वच्छता अभियान में actively participation.
उनके business ideas इतने अच्छे होते थे, जिन्होंने भारत को उद्योग-जगत में ऐसी उछाल दी थी, जिससे भारत economically बहुत strong होता जा रहा है।
ऐसी ही और भी बहुत सी छोटी-बड़ी बातें हैं, जिन्होंने उन्हें एक उधोगपति से बढ़कर एक सच्चा और पवित्र पावन इंसान बना दिया था। एक मसीहा, एक देशभक्त, एक पथ प्रदर्शक बना दिया...
यही सब वजह है कि पूरा देश उनके लिए शोकाकुल है, उन्हें राजकीय सम्मान प्रदान किया गया है।
भारत देश, अपने इस अनमोल रतन को हमेशा याद रखेगा और कोशिश करेगा, उनके सपने को साकार करने का, भारत को विश्व में सबसे सर्वश्रेष्ठ, सबसे सफल बनाने का...
और यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी, भारत के उस अमर सपूत को, भारत के लाल, भारत के रत्न को, रतन नवल टाटा जी को...
ईश्वर, आपकी पावन आत्मा को स्वर्ग में स्थान प्रदान करें 🙏🏻