India को cricket में top पर ले जाने वाले कुछ और नाम सन्यास ले रहे हैं, तो हर ओर एक ही बात चल रही है कि अब India में cricket का क्या भविष्य है?
Cricket की बात करें तो, पहली ODI world cup trophy India को कपिल देव ने दिलवाई थी, और cricket जगत में यह सिद्ध किया था कि cricket केवल अंग्रेजों का sport नहीं है, बल्कि उसे जीतने का दम India भी रखता है।
The young legends
उनके और उनकी team के एक के बाद एक के retirement के बाद सालों उस trophy का इंतजार करना पड़ा। फिर आया, महेंद्र सिंह धोनी और सचिन तेंदुलकर का दौर, जिसने भारत का नाम एक बार फिर रोशन कर दिया और ODI World Cup and T20 World Cup की trophy हासिल कर एक बार फिर तिरंगे को पूरे विश्व के सामने लहरा दिया।
कुछ साल पहले सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी, युवराज सिंह जैसे और भी दिग्गज नामों ने भी cricket जगत से सन्यास ले लिया।
लगा अब तो ना जाने India, कभी कोई world cup trophy लाएगी भी कि नहीं…
पर रोहित शर्मा की captaincy और विराट कोहली, बुमराह, हार्दिक पंड्या, रविंद्र जडेजा जैसे कुछ दिग्गज नाम फिर से कारनामा दिखाने को तत्पर दिखाई दिए।
रोहित शर्मा की captaincy में India ने ODI World Cup में सारे matches जीतते हुए final में प्रवेश किया। लेकिन शायद उस world cup पर India का नाम नहीं लिखा था।
इस कारण world cup के नज़दीक तो पहुंच गई, पर उसे उठा नहीं पाई, चूम नहीं पाई…
पर T20 World Cup trophy पर India ने सारे matches जीतते हुए final match खेला और पूरी दुनिया पर छा गई, एक बार फिर तिरंगा पूरे विश्व पर लहराया…
पर अब तो रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविन्द्र जडेजा ने भी T20 format से सन्यास लेने की बात बोल दी है…
अब क्या?
क्या आगे हैं, ऐसे धुरंधर खिलाड़ी जो cricket में India का नाम रोशन करते रहेंगे?
क्या ऋषभ पंत, ऋतुराज गयाकवाड़, अर्शदीप सिंह, रिंकू सिंह, शुभमन गिल, etc. अपने खेल में इतने मंझ पाएंगे कि भारत को आगे भी world cup trophies मिलती रहें?
यह तो प्रकृति का नियम है कि एक जाता है और दूसरा आता है। पर साथ ही आने वाले को उस मुकाम को और height पर ले जाना होता है।
और ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि जाने वाले के समय के comparatively, आने वाले के समय में requirement ज्यादा fulfill होती है। ज़्यादा avenue है, ज्यादा exposure है।
पर क्या ऐसा होगा, हमारे young cricketers भारत को आगे भी ऐसे ही सम्मान दिलवा पाएंगे? क्या हम इन नौजवानों पर विश्वास कर सकते हैं? क्या उनके कंधे, इतने सशक्त हैं कि वो भारत को विश्वविजेता बनाने में सक्षम रहेंगे?
बिल्कुल दिला पाएंगे... हमारे youngsters बहुत capable and focused हैं। भारत का तिरंगा ऐसे ही सम्मान पाता रहेगा और सम्पूर्ण विश्व में लहराता रहेगा…
इसी विश्वास के साथ दिग्गज नाम सन्यास लेते हैं कि अब नए लोगों के आगे आने का, आगे बढ़ने का समय है, और इसी विश्वास के साथ ही रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविन्द्र जडेजा भी सन्यास ले रहे हैं।
तिरंगा लहराया है,
वो लहराता रहेगा।
वक्त धुरंधर खिलाड़ी का
भारत में आता रहा है,
और आता रहेगा।।
जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳