Friday, 23 August 2024

Article: National Space Day

 National Space Day 

 



आज यानी 23 अगस्त 2024 को पूरा देश Chandrayaan-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग landing की पहली वर्षगांठ मना रहा है. यानी राष्ट्रीय अन्तरिक्ष दिवस।

यह वो सुखद दिन था, जब भारत माता और चंदा मामा के बीच की दूरी, scientifically काफ़ी घट गई थी।

वैसे चन्द्रमा पर अपने यान को उतारने वाला भारत पहला देश नहीं था, ना ही आखिरी...

फिर क्यों इतना propoganda किया गया?

तो वो इसलिए कि, भारत पहला ऐसा देश था, जिसने अपना चंद्रयान, चंन्द्रमा के south pole पर उतारा था। जबकि बाकी देशों ने अब तक north pole पर ही उतारा है।

North pole की comparatively south pole में चंद्रयान उतारना बहुत कठीन था। 

South pole में अंधेरा अधिक रहता है, साथ ही गड्डे भी बहुत होते हैं, जिसके चलते soft landing करना बहुत कठीन था।

दूसरा अन्य देश, जिन्होंने soft landing की है, उन सभी देशों के पास अथाह धन था, इस project को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए।

पर भारत के पास, उतना धन नहीं था, और दूसरा इच्छा थी कि south pole पर ही soft landing करेंगे, क्योंकि ऐसा करने से ही भारत का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाता।

और इस असंभव कार्य को भारत ने ना केवल किया, बल्कि समय-सीमा के अंदर कर दिखाया, वो भी अदम्य साहस के साथ।

जब चंद्रयान ने चांद की जमीन पर soft landing की, तो लगा मानो, हमारा चंदा मामा से प्यार और प्रगाढ़ हो गया।

आज भारत का नाम विश्व के चार बड़े देशों में लिया जाने लगा है, और इसका पूरा श्रेय भारतीय वैज्ञानिकों को जाता है।

बहुत से लोगों के मन में यह भी सवाल होगा कि क्या हासिल कर लिया, ऐसा कर के?

तो आप को बता दें कि इससे बहुत सी तरह की जानकारी प्राप्त होगी, जो हमारे लिए बहुत कारगर साबित होगी, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है कि अगर कोई दुश्मन देश हम पर हमला करना चाहेगा तो उसके नापाक इरादे हम पहले ही भांप लेंगे और उनको मुंह तोड़ जवाब देकर हार की धूल चटा देंगे। 

तो चलिए गर्व के साथ राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाते हैं और देश को बाकी के क्षेत्रों में भी सर्वोच्च बनाते हैं।

जय हिन्द जय भारत 🇮🇳

Article : क्या आपके नमक और चीनी में प्लास्टिक है?

 क्या आपके नमक और चीनी में प्लास्टिक है?


यह खबर बहुत तेजी से, हर news channel पर viral हो रही है कि आज कल, हर brand के नमक और चीनी में प्लास्टिक पाया जा रहा है। 

प्लास्टिक? क्या बकवास है.. 

प्लास्टिक डलेगी और हमें पता भी नहीं चलेगी, How come?

फिर नमक और चीनी तो हम लोग अधिकतर पका कर खाते हैं, means सब्जी, दाल, नाश्ते, दूध, चाय, काॅफी, मीठा आदि में..

उसमें तो heat के साथ प्लास्टिक गल जाएगी और अलग ही दिखेगी...

बिल्कुल दिखती, अगर plastic होती पर यह तो micro plastics है, वो भी रंग-बिरंगी.. 

यही कारण है कि easily पकड़ नहीं पा रहे हैं।

पर जैसा कि हम सब जानते हैं कि plastic का शरीर में जाना, cancer को invite करना है तो बस यह micro plastics, हमारे शरीर में slow poison का काम कर रहे हैं।

लोगों के मन में यह बात आ रही है कि किस तरह के नमक और चीनी में प्लास्टिक पायी जा रही है?

तो आपकी जानकारी के लिए बता दें, हर तरह का नमक, चाहें वो सेंधा नमक हो, सादा नमक हो, काला नमक हो या समुद्री नमक, और चीनी भी पांचों तरह की मिलावट के साथ ही मिल रही है। हां, कहा जा रहा है कि organic salt and sugar में micro plastics की मात्रा कम पाई जा रही है।

पर अब दूसरा सवाल आता है कि क्या क्या छोड़ दें और क्या खाएं?

क्योंकि हालात तो बद से बद्तर होते जा रहे हैं, कोई भी चीज़ तो बिना adulteration के नहीं मिल रही है। 

कहां, कहां तक और क्या, क्या छोड़ें?

बाकी यह तो मिलावट करने वाले सोचें...

क्यों और किस लिए करनी है मिलावट? क्या इसके बिना business संभव नहीं है? 

क्या उनका परिवार, इससे अछूते रहेंगे?

नहीं, बिल्कुल नहीं, आज नहीं तो कल वो भी चपेट में आएंगे...

फिर चंद पैसों के लिए, क्यों किसी की भी जान लेने का काम करना?

पर ऐसे में हम क्या कर सकते हैं, आंखें मूंद लेने के अलावा?

कर सकते हैं, बस इतना की थोड़ा सचेत रहें, जितना हो सके organic चीज़ें लें। हां एक बात एकदम पक्की है कि इसमें adulteration कितना होगा, कितना नहीं, पता नहीं, पर जो बात जगजाहिर है कि इनके दाम ज़रूर ज़्यादा होते हैं।

मतलब कि एक जगह adulteration है तो दूसरी जगह, महंगाई...

अब आपको निर्धारित करना है कि किस ओर जाया जाए? 

आप को हम कुछ चीजें शुद्ध है या अशुद्ध, कैसे पता चलेगी वो हम आगे आने वाले article में बताएंगे। आप उसे अवश्य पढ़ें और जागरूक रहें।

तब तक के लिए, जागरूक रहें, सचेत रहें...