समस्या : जब बच्चे को आता सब हो, पर वो हड़बड़ी में काम गलत करता हो।
कहानी : हड़बड़ी
में गड़बड़ी
ध्रुव
class 1st में पढ़ने वाला बहुत ही अच्छा लड़का था। हर चीज़ में सबसे
आगे, चाहे
बात पढ़ाई की हो या खेलकूद की, drawing की या किसी की help की। ध्रुव सबसे आगे रहा
करता था। पर उसमे एक आदत बड़ी खराब थी। वो हमेशा यही सोचता था, कि सारे काम वो सबसे पहले
कर ले, या सब
काम उसे ही मिले। उसका नतीजा कभी कभी ये भी होने लगा, कि उसे सब सही आते हुए भी
हड़बड़ी में गड़बड़ी हो जाती थी। और अपनी हड़बड़ी में वो, किसी की नहीं सुनता था, वो हमेशा यही मानता था कि
उसे सब आता है। जिसके कारण उसे कभी कभी first position नहीं मिल पाती थी। और जब
वो first नहीं
आ पाता था, तब दुखी होता था।
उसकी teacher सिन्हा
Ma’am, उसे बहुत ही पसंद करती थी।
क्योंकि वो उनकी class का सबसे होनहार बच्चा था। साथ ही वो बहुत मासूम और
आज्ञाकारी भी था। पर उसकी हड़बड़ी की आदत से वो भी परेशान थीं।
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एक
दिन सिन्हा Ma’am ने उसकी Mumma को स्कूल बुलाया, और उन्हें सारी बात भी
बताई। तो ध्रुव की Mumma बोलीं, मैं भी इसकी इस आदत से बहुत परेशान हूँ। कई बार इसे
समझा भी चुकी हूँ, पर ये समझता ही नहीं है। पर ये आपको बहुत पसंद करता है, इसलिए इस पर आपकी बात का
ज्यादा असर होगा।
ध्रुव की Mumma के जाने के बाद सिन्हा Ma’am सोचने लगी, कि अब उन्हें ही कुछ करना होगा।
कुछ
दिन बाद school में
teachers का
लड्डू making competition था, उसमे सिन्हा Ma’am सबसे expert थीं। सारा स्कूल जानता था, कि वो हीं first आएँगी।
ध्रुव
बहुत खुश था, कि उसकी Ma’am को ही trophy मिलेगी, इसलिए वो उनके लिए chocolates और flowers ले कर आया था। उसने सोचा
था, जब Ma’am first
आएँगी, तब वो उन्हें congratulation
बोलेगा, और chocolates और flowers देगा, तो Ma’am खुश हो जाएंगी।
Competition शुरू हुआ, सभी teachers लड्डू बनाने लगे, वही हुआ जैसा सबको लगता
था, सिन्हा Ma’am ने सबसे पहले लड्डू बना लिए। थोड़ी ही
देर में result declare
होना था। सब जगह सिन्हा Ma’am, सिन्हा Ma’am.... की आवाज़ गूंज रही थी। और उसमे
सबसे तेज़ आवाज़ ध्रुव की थी।
पर
ये क्या श्रेया Ma’am first आई थीं, और सिन्हा Ma'am second थीं। किसी को विश्वास नहीं
हो रहा था, कि आखिर ऐसा हुआ क्यों? ना ही जज विश्वास कर पा
रहे थे, और ना
ही खुद श्रेया Ma’am ।
पर
जो सबसे ज्यादा दुखी था, वो था ध्रुव। वो जज के पास stage पर चला गया। और उनसे बोला, मेरी Ma’am ने सबसे पहले लड्डू बनाए थे, तब आपने उन्हें first क्यों नहीं किया? जज ध्रुव की मासूमियत व
सिन्हा Ma’am के प्रति उसका प्यार देखकर
खुश हो गए। फिर वे बोले, बेटा उन्होंने ही सबसे पहले बनाए थे, पर हड़बड़ी में उनके कुछ
लड्डू टेढ़ेमेढ़े थे। इसलिए हम चाह कर भी उन्हें first नहीं कर पाये।
ये
सुन कर ध्रुव को बहुत ही ज्यादा दुख हुआ, वो नीचे आ गया। उसने chocolates और flowers stage पर छोड़
दिये।
Principal ने वो उठा लिए, उन्हें समझ नहीं आ रहा था, आखिर क्या वजह थी, जो सिन्हा Ma’am second आयीं। उन्होंने सिन्हा Ma’am को अपने office में बुलाया, और उसकी वजह पूछी। तब सिन्हा Ma’am ने बताया, कि उन्हें competition
हारने का
कोई दुख नहीं है। ऐसा उन्होंने ध्रुव को समझाने के लिए किया था, कि कोई कितना ही expert क्यों ना हो। हड़बड़ी में
किया गया काम गड़बड़ी का ही होता है।
Principal ने कहा, सिन्हा Ma’am आप बहुत अच्छी हैं, हर student
आपकी
जैसी teacher चाहता
है। इसके बाद principal ने उन्हें chocolates और flowers दे दिये। और कहा आप इसे deserve करती हैं। मैं ईश्वर से
प्रार्थना करूंगा कि आप का प्रयास सफल रहा हो।
अगले
दिन से ध्रुव ने हड़बड़ी करनी छोड़ दी, अब वो हमेशा first आने लगा था। जब ध्रुव class 10th में भी first आया, तब principal
ने उसे
अपने office में
बुलाया, और उसे
उस दिन के competition के पीछे का राज बताया।
ध्रुव
अगले दिन बहुत बड़ा bouquet और बहुत सारी chocolates ले कर सिन्हा Ma’am के पास गया। उसकी आँखों से लगातार आँसू बह रहे
थे। Ma’am अगर आप उस दिन नहीं हारी होतीं, तो मैं कभी जीत नहीं पाता। आपकी एक हार ने मुझे जीतना सिखा दिया। आप ने मुझे सीखा दिया, कि कोई कितना भी expert क्यों ना हो पर, हड़बड़ी करने से बस गड़बड़ी
ही होती है। उसे देखकर सिन्हा Ma’am ने उसे गले लगा लिया।
Nice story
ReplyDelete🌹बच्चों को समझाने का ढंग अच्छा है।
Thank you so much Ma'am for your admiration
DeleteYour words boosts me up
Very nice n touchy story...nice effort👍
ReplyDeleteThank you so much Ma'am for your appreciation
DeleteYour words encourage me
A good thoughtful story....well written it deserves an appreciation. ..I think most of the kids are facing this problem now a day's.
ReplyDeleteLet's hope someone may set an example like Sinha Mam for my son.
Thank you so much Ma'am for your admiration.
DeleteFabulous readers like you inspire me to keep penning my thoughts.
Beautifully and thoughtfully written keeping in mind a child's psychology .. perfect example of how a teacher can inspire a child
ReplyDeleteGood work Anamika Ma'am ����
Thank you so much Ma'am for appreciation and showing your interest.
DeleteYour words are those rays of sunshine, that help my tree full of write-ups, to keep growing and enhancing.
Please keep reading, as readers like you inspire me to write more.