भारत महानायक
भारत ने 9 आतंकी अड्डों को ध्वस्त करने के बाद जिस तरह से पाकिस्तानी हमलों का प्रतिउत्तर उनके 11 airbase और सैन्य ठिकानों को तबाह करके दिया है, उसने उसे विश्व स्तर पर महानायक बना दिया है।
7 May के बाद पाकिस्तान पूरी तरह से बौखला उठा था, और उसने जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया। उसने missiles, drones, fighter planes and rockets से ताबड़तोड़ हमले करना शुरू कर दिया।
मगर, उसका सारा निशाना बेकार चला गया। वजह यह रही कि 'सुदर्शन चक्र' ने रास्ते में ही उन्हें बेअसर कर दिया और भारत की रक्षा की। ठीक वैसे ही जैसे भगवान कृष्ण ने महाभारत में इसका इस्तेमाल किया था।
सुदर्शन चक्र? पर Air defense system तो S-400 रहा था? फिर यह सुदर्शन चक्र क्या है?
सेना ने S-400 का नाम सुदर्शन चक्र रखा है।
भारत हर तरफ से पाकिस्तान पर भारी पड़ रहा था, फिर चाहे attack करना हो या defense... Rafale, MIG 29, स्वदेशी मिसाइल आकाश, ब्रह्मोस और drones से attack and S-400 से defense..
हमारी सेना ने उनके छक्के छुड़ा दिए। हालात यह बन गए कि तीन दिन में ही पाकिस्तान ने ceasefire की request कर दी।
हमारा भारत महानायक बन गया...
पर किस के कारण?
हमारी अदम्य साहसी, सुदृढ़ और सक्षम सेना के कारण...
बिल्कुल सही है।
लेकिन कुछ और लोग भी हैं, जिनके बिना यह जीत संभव नहीं होती...
मोदी जी के कारण... बिल्कुल उनके ही कारण...
पर उनसे पहले एक और नाम है उनका जिक्र पहले करते हैं, जिन्होंने अमेरिका के आगे घुटने नहीं टेके और अपने फैसले पर डटे रहे, और सुदर्शन चक्र और राफेल की जुगलबंदी को भारतीय सेना के defense system में शामिल कर दिया।
और वो हैं, भारत के पूर्व रक्षामंत्री स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर जी...
2021 के अंत में S-400 के तीन squadron आ चुके हैं और तब से तैनात हैं, इस साल और भी squadron आने की उम्मीद है। अक्टूबर 2018 में रूस के साथ 35,000 करोड़ रुपए के सौदे में इन्हें लिया गया था। इस सौदे पर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए थे।
5 अक्टूबर, 2018 को डील पर हस्ताक्षर किए गए थे। हालांकि, delivery 2021 के अंत में हुई।
2018 में पूर्व रक्षा मंत्री रहे मनोहर पर्रिकर ने राफेल डील को आगे बढ़ते हुए, अहम बात कही थी, कि राफेल के आने से भारत, पाकिस्तान की हवाई क्षमता पर भारी पड़ेगा। इसका target अचूक होगा। राफेल ऊपर-नीचे, अगल-बगल यानी हर तरफ निगरानी रखने में सक्षम है। मतलब इसका vision 360° का होगा। पायलट को बस विरोधी को देखना है और बटन दबा देना है और बाक़ी काम कंप्यूटर कर लेगा।
1999 के कारगिल युद्ध में भारतीय वायु सेना पाकिस्तान पर इसलिए हावी रही थी क्योंकि भारत की मिसाइलों की पहुंच SU-30 और MIG-20 के साथ 30 किलोमीटर तक थी। दूसरी तरफ पाकिस्तान की पहुंच 20 किलोमीटर तक ही थी। इसलिए हम आगे रहे।
हालांकि, 1999 से 2014 के बीच पाकिस्तान ने अपनी क्षमता को बढ़ाकर 100 किलोमीटर तक कर लिया। जबकि भारत इस दौरान अपनी पहुंच 60 किलोमीटर तक ही बढ़ा पाया। मतलब हम लोग तब खतरे में थे। तब अगर पाकिस्तानी लड़ाकू विमान हम पर हमले करते तो शायद हम पलटवार उतना boldly नहीं कर पाते। लेकिन राफेल के आने के बाद हमारी पहुंच 150 किलोमीटर तक हो गई।
इसके साथ ही S-400 में क्षमता है कि वो 400 km. दूर से ही अपने target को detect करके हवा में ही intercept कर देता है। इसलिए पाकिस्तान के एक भी हमले कारगर साबित नहीं हुए, क्योंकि उन्हें हवा में ही नष्ट कर दिया गया था।
और यह तो सबको मालूम है कि सेना के साथ ही साथ, हमारा सशक्त और सुदृढ़ defense system भी था, भारत को महानायक बनाने में।
अब बात करते हैं कि मोदी जी को इतना क्यों महत्व दिया जा रहा है सेना की इस महान जीत के लिए, जबकि किया तो सब हमारी भारतीय सेना ने था। साहस, वीरता और जान का जोखिम सब उनका...
बिल्कुल वो ही सर्वोपरि हैं, लेकिन जब आप देखेंगे कि मोदी जी का क्या role है, इस पूरी जीत में, तब शायद आप भी मानें।
सेना में सैनिक होने के साथ ही जो जरूरी होता है, वो होता है, उन्हें arms and ammunition से strong बनाना, जो किया था, BJP government ने, मोदी जी ने और मनोहर पर्रिकर ने, S-400 और Rafale लाकर।
मोदी जी अपने आपको चौकीदार कहते हैं। पर जब S-400 and Rafale की deal की बात हुई थी, तो इसका विरोध विपक्ष से लेकर जनता तक सबने किया था।
यहां तक कि विपक्ष ने तो मोदी जी के लिए "चौकीदार चोर है", का नारा भी बुलंद किया था।
America भी नहीं चाहता था कि, भारत में S-400 and Rafale आए और भारत strong बनें...
पर मोदी जी ने किसी की परवाह नहीं की और उन्होंने रूस से deal की...
इसके साथ ही मोदी जी के देश को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों से Indian defense system भी मजबूत हो रहा है।
जैसे कि स्वदेशी मिसाइल आकाश, ब्रह्मोस मिसाइल, INS विक्रांत आदि का निर्माण करके...
और सबसे बड़ी बात, मोदी जी ने सेना को खुली छूट दी थी कि, उन्हें मौके की स्थिति देखकर, जो कार्यवाही उचित लगे, वो उसे कर सकते हैं। जबकि मोदी जी अपनी सेना के साथ हर पल जुड़े रहते हैं।
यह बहुत बड़ी बात है, जो कि ज्यादातर नहीं दी जाती है। पूरी कार्यवाही को सभी प्रधानमंत्री अपने हाथ में रखते हैं और सभी निर्णय उनके अनुसार होते हैं।
मोदी जी की दूरदर्शिता और सुदृढ़ व सक्षम नेतृत्व ही है, जिसका नतीजा है, पाकिस्तान का इतना ताबड़तोड़ हमला होने के बावजूद सरहद से जुड़े शहरों के अलावा पूरा देश, शांति से रहा।
सरहद के निकट के शहरों को भी जितना हो सकता था, सुरक्षित रखने की कोशिश की गई, हालांकि वहां कुछ मासूमों की जान नहीं बचा पाए।
वाकई में नरेंद्र मोदी जैसा आज तक कोई प्रधानमंत्री नहीं हुआ...
शायद इस घटना के बाद आप को भी विश्वास हुआ हो, कि देश उनके ही हाथों में सौंपना चाहिए, जो देश को सुरक्षित रख सकें...
जय हिन्द, जय हिन्द की सेना 🙏🏻