आज के दिन, नाना जी, चच्चा जी महाराज में समाहित हो ईश्वरीयता से परिपूर्ण हो गये थे।
आज का यह भजन, नाना जी को समर्पित है, उनके दिए हुए संस्कार, मार्गदर्शन, अथाह प्रेम और आशीर्वाद को समर्पित है।
उन्होंने सदैव हमें सद्कर्मों की ओर प्रेरित किया है और सभी को नित प्रतिदिन चच्चा जी महाराज के सानिध्य में रखा है।
नाना जी, को सभी प्यार से पापा जी कहते हैं, उनके उसी सम्बोधन को पिरोकर यह भजन, उनकी ही प्रेरणा से तैयार किया है, जो उनके ही श्री चरणों में अर्पित है।
आइए इस भजन के साथ उनकी भक्ति में लीन हो जाते हैं।
चच्चा जी के दुलारे
चच्चा जी के दुलारे,
पापा जी थे हमारे
हमें ज्ञान की दी गंगा
जो जीवन हमारा तारे
चच्चा जी के दुलारे,
पापा जी थे हमारे
चच्चा जी के दुलारे
सदाचार का पाठ,
सदा उन्होंने पढ़ाया
सबका किया भला जो
आया था उनके द्वारे
चच्चा जी के दुलारे,
पापा जी थे हमारे
चच्चा जी के दुलारे
कर्म जो किया है जिसने
प्रारब्ध वही है पाया
मानुष जन्म है दुर्लभ
पाते नहीं हैं सारे
चच्चा जी के दुलारे,
पापा जी थे हमारे
चच्चा जी के दुलारे
सुख दुःख से है जीवन
आए वो बारी बारी
संयम से रहना इसमें
कट जाएंगे वो सारे
चच्चा जी के दुलारे,
पापा जी थे हमारे
चच्चा जी के दुलारे
धन वैभव नहीं है जीवन
मत उसके पीछे जाओ
गुरु की शरण में जीवन
मुक्ति उन्हीं सहारे
चच्चा जी के दुलारे,
पापा जी थे हमारे
चच्चा जी के दुलारे...
आपकी कृपा सदैव हम सब पर बनी रहे 🙏🏻