Saturday, 29 March 2025

Article : चैत्र नवरात्रि, हिन्दू नववर्ष

हिन्दू धर्म में कुछ देवी-देवताओं का मुख्य स्थान है, जो सृष्टि के सृजन, पालन और विध्वंस के कार्य को सुचारू रूप से करते हैं। जैसे भगवान ब्रह्मा जी, श्री हरि विष्णु जी और देवों के देव महादेव... इनके साथ ही शक्ति स्वरूपा देवी जगदंबा का भी विशेष स्थान है।

माता रानी की पूजा-अर्चना को विशेष रूप से साल‌ में दो बार नवरात्रि के रूप में आयोजित किया जाता है।

चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि...

इसमें चैत्र नवरात्रि को हिन्दू नववर्ष के रूप में भी मनाया जाता है। इसकी महत्ता माता रानी के साथ-साथ, भगवान श्री हरि विष्णु जी के सातवें अवतार भगवान श्री राम जी के जन्म के कारण और बढ़ जाती है।

पर क्या कारण है कि चैत्र नवरात्र को हिन्दू नववर्ष भी कहा जाता है। तो चलिए जान लेते हैं इसके पीछे का कारण, आज की post में…

चैत्र नवरात्रि, हिन्दू नववर्ष


चैत्र नवरात्रि से हिन्दू नववर्ष शुरू होने के पीछे कई धार्मिक कारण हैं।


1) पौराणिक मान्यता के अनुसार :

पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही की थी। इसलिए इसे सृष्टि का प्रथम दिन माना जाता है।


2) सौर और चंद्र गणना के अनुसार :

किसी भी धर्म का calendar, सूर्य और चन्द्र की गणना के अनुसार निर्धारित किया जाता है। उसी प्रकार हिन्दू पंचांग भी आधारित है, आइए जान लेते हैं क्या कहता है हिन्दू पंचांग।

हिन्दू पंचांग चंद्र-सौर गणना पर आधारित होता है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को नव संवत्सर (हिंदू नववर्ष) का प्रारंभ माना जाता है। इसी दिन से विक्रम संवत और हिंदू पंचांग का नववर्ष शुरू होता है। इस चैत्र नवरात्र को विक्रम संवत 2082 की शुरुआत होगी।


3) ऋतु परिवर्तन और प्राकृतिक महत्व :

जब पौराणिक मान्यता और सूर्य चन्द्र गणना के अनुसार देख लिया है तो ऋतु परिवर्तन और प्राकृतिक रूप में भी देख लेते हैं, क्योंकि हिन्दू धर्म में ऋतु और प्रकृति को भी बहुत महत्व दिया जाता है।

चैत्र मास से ही वसंत ऋतु आरंभ होती है, जिसे जीवन, नई ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। खेतों में नई फसलें तैयार होती हैं, जिससे इसे प्रकृति के नवजीवन का भी प्रतीक माना जाता है। 


4) भगवान श्री राम का जन्म :

दोनों नवरात्रि में शक्ति स्वरूपा देवी जगदंबा की आराधना की जाती है, पर दोनों ही नवरात्रि में सम्पूर्णता, भगवान श्री राम से जुड़े प्रसंगों के साथ ही होती है।

जैसे शारदीय नवरात्र, भगवान श्री राम के विजयी दिवस, दशहरा पर्व के साथ सम्पूर्ण होती है।

वैसे ही चैत्र नवरात्र, भगवान श्री राम के जन्म दिवस के साथ सम्पूर्ण होती है। चैत्र शुक्ल की नवमी में भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था। 


महाराज विक्रमादित्य ने विक्रम संवत की शुरुआत भी इसी दिन की थी। सनातन हिन्दू धर्म का पंचांग विक्रम संवत पर ही आधारित होता है। यह भी एक कारण है चैत्र नवरात्रि को हिन्दू नववर्ष भी कहा जाता है।

नवरात्रि का पहला दिन माँ दुर्गा के पूजन के लिए समर्पित होता है, जिससे यह और भी शुभ माना जाता है। 

उदिता तिथि के अनुसार, कल से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो रही है, अतः सोचा आज इसी विषय पर कलम चलाई जाए...

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 29 मार्च को शाम 4:30 बजे होगी, और समापन 30 मार्च को दोपहर 12:49 बजे होगा। इस दिन से हिंदू नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है।

चैत्र नवरात्रि व हिन्दू नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐 🙏🏻 

मातारानी हम सभी पर अपनी कृपादृष्टि सदैव बनाए रखें 🙏🏻 

जय माता दी 🚩