ओह! श्लोक बाबू, स्नेहा से दिल लगा बैठे थे, तभी मुझे जलीकटी सुना रहे थे...
हाय! अब मेरा और मेरे बच्चों का क्या होगा, निर्मोही श्लोक पर सारी जवानी तबाह कर दी। अब जैसी वो दिखती है, ऐसे में कौन उसे पूछेगा?
उसने भारी मन से फोन करके office से तीन दिन की छुट्टी ले ली।
वो पूरे दिन अनमनी सी रही... रो-रोकर उसकी आंखें लाल हो गई थीं...
प्यार पर घात (भाग-3) के आगे…
प्यार पर घात (भाग-4)
हे भगवान! लगता है स्नेहा ने श्लोक का प्रेम अनुरोध स्वीकार कर लिया...
श्वेता को बहुत अफसोस हुआ कि उसने अपने पर पहले ध्यान क्यों नहीं दिया, क्यों अपने प्यार पर घात करा दिया?
रात भी उससे ठीक से खाना नहीं खाया गया।
पर अगले दिन से उसने office join कर लिया, आखिर कितने दिन की छुट्टी लेती और किसके लिए?
Office तो उसने ज़रूर join कर लिया था, पर मन उसका टूट गया था। तो वो गुमसुम-सी अपने काम में लगी रहती।
खाना उससे खाया नहीं जा रहा था तो शरीर में ताकत बनाए रखने के लिए वो नींबू पानी, सूप, सलाद, फल और हल्का-फुल्का खाना, आदि ही ज्यादा खा रही थी।
हाँ, एक काम उसने ज़रूर start कर दिया था कि उसने अपना ख्याल रखना शुरू कर दिया था, जैसे एक बार beauty parlour में जाकर facial, hair colouring, padicure, manicure करा लिया था।
अब beauty products के साथ homemade product use कर रही थी। हल्की-फुल्की exercise भी कर रही थी, अपना रूप निखारने के लिए...
उधर श्लोक का office से देर से आना और अपने में ही खोए रहना और उसे ignore करना जारी था।
दिन, हफ्ता, महीना बीत गया...
अब तो office में श्वेता के दीवानों ने भी उसके इर्द-गिर्द मंडराना शुरू कर दिया था।
एक दिन श्लोक office से एक घंटा पहले ही घर आ गया, उस दिन श्वेता ने श्लोक की पसंद की red colour की साड़ी पहनी थी और उसके बाल खुले हुए थे, क्योंकि वो उन्हें बांध नहीं पाई थी।
श्लोक, श्वेता को एकटक देखते हुए बोला, बच्चे कहां हैं?
बच्चे तो खेलने गए हैं, कि पापा तो एक घंटा देरी से ही आएंगे।
श्लोक ने श्वेता को बाहों में भर लिया, आहा! क्या बात है madam, बिजली गिरने के mood में हैं। Coffee पीने चलें?
ओह! क्यूं आज आपकी स्नेहा ने coffee पीने से मना कर दिया था, जो जल्दी चले आए और coffee पीने चलने की बात कर रहे हो... श्वेता ने श्लोक की बाहों से छिटक कर बोला...
आगे पढ़ें, प्यार पर घात (अंतिम भाग) में…