हे ईश्वर, इस नववर्ष में
नवरंग की उमंग में,
खुशियों की तरंग में,
एक वर्ष और जुड़ गया,
सुख का पर्याय मिल गया।
नभ को छूने की आस को,
सफलता की तलाश को,
एक वर्ष और जुड़ गया,
सुअवसर मिल गया।
अपनों के साथ का,
सपनों की रात का,
एक वर्ष और जुड़ गया,
सानिध्य सबका मिल गया।
हे ईश्वर, इस नववर्ष में
खुशियां ही खुशियां आएं
सपने सबके पूरे हो जाएं
अपनों का सानिध्य पाएं
हे ईश्वर इस नववर्ष में
सुख संपन्नता सब पर बरसाएं
प्रकृति पर हरियाली छाए
भारत विश्व विजयी कहलाए