याद है, आपको 22 January 2024 का वो पावन दिन...
आज ही के दिन, पूरा भारतवर्ष राममय हो गया था...नहीं, नहीं यह कहना पूर्ण संगत नहीं होगा, बल्कि यह कहा जाए, सम्पूर्ण विश्व में जहां-जहां भी रामभक्त हैं, वो कोना-कोना राममय हो गया था।
अर्थात् 22 जनवरी 2024 में सम्पूर्ण विश्व राममय हो गया था, अगर यह कहा जाए, तो भी अतिशयोक्ति नहीं होगी...
आज राम मंदिर में प्रभु श्री राम की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा हुए एक वर्ष पूर्ण हो गया है।
प्रभु श्री राम के श्री चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम...
चलिए देखते हैं कि राम मंदिर निर्माण, जिसमें करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए, उनका लेखा-जोखा क्या है?
किसी भी बड़े निर्माण में करोड़ों रुपए खर्च होते ही हैं, तो क्या सरकार ने जनता के ही करोड़ों रुपए खर्च कर दिए, या खर्च किए गए रुपयों में किसी और की भी भागीदारी रही है?
और एक बात भी बहुत से लोगों के मन में प्रश्न बनकर उभर रही होगी कि क्या राम मंदिर निर्माण से सिर्फ आस्था ही सिद्ध हो रही होगी या कुछ अन्य लाभ भी हुआ है?
क्योंकि खर्च की गई राशि की बात सुनते ही फिर से school, college and hospital की बात आरंभ कर दी जाएगी।
तो विश्वस्त सूत्रों से जानकारी एकत्र कर के आप के सभी प्रश्नों के उत्तर दे रहे हैं...
राम मंदिर वर्षगांठ
1) राम मंदिर निर्माण पर हुआ व्यय :
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र trust ने बताया कि भक्तों से रामलला के दरबार में एक साल में 363 करोड़ 34 लाख रुपये प्राप्त हुए।
यह अलग-अलग मदों से भक्तों ने दान के रूप में मंदिर में पेश किए हैं।
इसके साथ ही एक साल में राम मंदिर और उसके परिसर में 776 करोड़ रुपये निर्माण में खर्च हुए हैं। केवल मंदिर निर्माण की बात करें तो इसमें 540 करोड़ रुपये का खर्चा एक साल में आ चुका है।
2) भक्तों द्वारा दिया गया दान :
राम मंदिर trust के महासचिव चंपत राय ने वित्तीय वर्ष के आयव्यय का लेखाजोखा सार्वजनिक करते हुए बताया कि एक साल में मंदिर को दान के रूप में 363 करोड़ 34 लाख रुपये मिले। इनमें trust के दान पत्र में 53 करोड़ रुपये, रामलला की हुंडी में 24.50 करोड़, रामलला को online 71.51 करोड़ रुपये मिले हैं। इसके अलावा विदेशी राम भक्तों ने रामलला को 10.43 करोड़ रुपये का दान दिया।
यह तो हुई रुपयों की बात, इसमें आपको अच्छे से पता चला होगा कि केवल सरकार द्वारा ही नहीं बल्कि, देश और विदेश से भी भक्तों ने दिल खोलकर दान दिया है।
अब प्रश्न एक और उठता है कि, मंदिरों में रूपयों के साथ अथाह मात्रा में सोना-चांदी भी चढ़ावे के रूप में चढ़ती है, फिर क्या राममंदिर में ऐसा कुछ नहीं चढ़ा?
बिल्कुल चढ़ा है, और कितना वो भी बताते हैं...
3) सोना-चांदी का दान :
Trust ने जानकारी देते हुए बताया कि 4 वर्षों में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र trust को 1300 kilograms चांदी और 20 kilograms सोना राम भक्तों ने रामलला को समर्पित किया है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष के नाम से 2100 करोड़ रुपये का cheque प्राप्त हुआ है।
1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक मंदिर के निर्माण में 670 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव pass किया गया है।
चलिए, राम मंदिर निर्माण में होने वाले खर्च, और दान के विषय में तो जान लिया।
अब दूसरी बात भी जान लेते हैं, जो बहुत से लोगों के मन में प्रश्न बनकर उभर रही होगी कि क्या राम मंदिर निर्माण से सिर्फ आस्था ही सिद्ध हो रही है या कुछ अन्य लाभ भी हुआ है?
अयोध्या को राम मंदिर बनने से क्या लाभ हुआ है?
4) राम मंदिर निर्माण से अयोध्या पर प्रभाव :
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद यहाँ के स्थानीय लोगों की प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है। प्रदेश की GDP में जिले की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है।
श्री राम मंदिर के कारण अयोध्या को वैश्विक पहचान मिली है। इसीलिए अयोध्या के विकास का पूरा ताना-बाना श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के इर्द-गिर्द घूमता है।
राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद देशभर से रोजाना डेढ़ से दो लाख लोग अयोध्या आ रहे हैं। भक्त एक से दो दिन अयोध्या में बिताते हैं। इससे अयोध्या में रोजगार के अवसर बहुत तेजी से बढ़े हैं।
लोग अयोध्या भ्रमण के दौरान होटलों में रुकते हैं। स्थानीय सामानों की खरीदारी करते हैं। मंदिरों के दर्शन करते हैं और जाते समय अपने साथ कुछ न कुछ ले जाते हैं, चाहे वह राम मंदिर का model हो, प्रसाद के रूप में मिठाई या श्री राम ध्वज...
संक्षेप में समझें तो अयोध्या का कायाकल्प हो गया है।
अब आप के सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गये होंगे और शायद यह भावना भी बलवती हो गई होगी कि मंदिर निर्माण, उस शहर, उस प्रदेश और देश के विकास का द्योतक है...
राम मंदिर निर्माण की वर्षगांठ की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ, प्रभू श्री राम हम सब पर सदैव अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें 🙏🏻
जय श्री राम 🚩