आज ही एक ऐसी खबर पढ़ने को मिली कि उसे share किए बिना मन नहीं माना।
यह एक ऐसी खबर है कि सबको पता होनी चाहिए।
देश में हर रोज़ न जाने कितने लोग अपने विभिन्न कामों के लिए अपने-अपने घरों से निकलते हैं। जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी होते हैं।
अपने सुरक्षित स्थान से निकल कर सड़कों से गुजरना बहुत बार सुरक्षित नहीं रहता है, क्योंकि सड़कों पर रोज़ ही न जाने कितने accidents होते हैं, जिनमें कुछ जानलेवा भी होते हैं।
मतलब हँसती-खेलती ज़िंदगी बस कुछ पलों की देरी के कारण हमेशा के लिए ख़त्म हो जाती है।
जब कोई road accident होता है, उस समय न जाने कितने लोग सड़क पर मौजूद होते हैं, लेकिन कितने लोग हैं जो उस critical sitution को समझकर उस मरते हुए इंसान की जान बचाने की सोचता है?
शायद कोई भी नहीं...
अरे कौन पड़े इस पछड़े में?
अगर इन्सानियत दिखाकर hospital ले गए तो police के सौ लफड़े देखो और पुलिस थाने के हजारों चक्कर काटने पड़ेंगे सो अलग...
कौन अपना है जो इतना सोचा जाए...
बस इसी धारणा के चलते, कोई आगे नहीं आता है।
पर BJP government ने इस ओर भी अपना ध्यान केंद्रित किया है।
Road Accident - Prize ₹25,000
नितिन गडकरी जी, जो कि एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं तथा भारत सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाज़रानी, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री हैं।
उन्होंने, road accident victims के लिए बहुत ही कारगर योजना की घोषणा की है।
दरअसल, दुर्घटना के बाद का एक घंटा 'golden hour' कहलाता है। इस दौरान इलाज न मिल पाने से कई मौतें हो जाती हैं। इसी को कम करने के लिए यह योजना शुरू की जा रही है।
इस योजना में, Road accident में घायल critical patient को डेढ़ लाख रुपए तक का Free treatment देने की बात कही गई है। और यह राशि से एक हफ्ते तक इलाज़ कराया जा सकता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है, FIR का दर्ज होना।
यह rule private hospital पर भी अनिवार्य होगा। देशभर में इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा। NHAI इसके लिए nodal agency का काम करेगा।
NHAI officer द्वारा यह जानकारी मिली है कि घायल को पुलिस या कोई आम नागरिक या संस्था जैसे ही hospital पहुंचाएंगी, patient का इलाज तुरंत शुरू हो जाएगा। इसके लिए कोई फीस भी जमा नहीं करनी होगी। घायलों के साथ चाहे परिजन हो या नहीं, हॉस्पिटल उसकी देखरेख करेंगे। Private and government दोनों ही हॉस्पिटल को cashless treatment देना होगा
डेढ़ लाख से ऊपर खर्च पर खुद पैसे देने होंगे। यदि patient की condition critical है, और जिस hospital में patient को ले जाया गया है, वो सक्षम नहीं है treatment के लिए, और प्राथमिक उपचार के बाद patient को बड़े hospital में refer करना है तो उस को सुनिश्चित करना होगा कि जहां refer किया जा रहा है, वहां patient को admission मिले।
डेढ़ लाख तक cashless treatment होने के बाद उसके भुगतान में nodal agency के रूप में NHAI काम करेगा, यानी इलाज के बाद मरीज या उसके परिवार को डेढ़ लाख तक की रकम का भुगतान नहीं करना है। पर उसके ऊपर खर्च होने पर भुगतान मरीज़ या उसके परिवार को देना होगा।
सूत्रों का कहना है कि कोशिश यह हो रही है कि डेढ़ लाख की राशि को बढ़ाकर 2 लाख रुपए तक किया जा सके।
यह बात तो रही, घायल के favour की, जिससे उसका तुरंत treatment हो।
पर क्या इससे लोग प्रेरित होंगे, घायल को hospital पहुंचाने के लिए, शायद कुछ ही...
पर इसी योजना के साथ ही एक और योजना, उनके लिए भी है, जो patient को hospital पहुंचाएंगे।
Hospital पहुंचाने वाले को किसी भी तरह से परेशान नहीं किया जाएगा, उसे पुलिस थाने के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। बल्कि यदि कोई patient को hospital पहुंचाएगा, specially golden hour वाले patient को, तो उसे 25,000 रुपए भी दिए जाएंगे। पहले यह राशि 5,000 थी, जिसे बढ़ाकर 25,000 कर दिया गया है।
इस योजना को जानकर शायद अधिक से अधिक लोग, सहायता के लिए आगे आएं और सड़क दुघर्टना में होने वाली मौतें कम हो जाएं।
यह एक साकारात्मक कदम है, भारत में अच्छे दिन लाने के लिए, BJP government का...
अगर आप भी यही चाहते हैं कि भारत में अच्छे दिन आएं तो एक कदम आगे बढ़कर घायलों की सहायता कीजिए।
केवल सरकार के प्रयासों से कुछ नहीं होगा, बल्कि जब एक से एक जुड़ेंगे, तभी तो आएंगे अच्छे दिन, सहायता करने वाले को इनाम मिले, बहुत अच्छी बात है, पर अगर नहीं भी मिल सके, लेकिन मदद करने वाले को hassle न झेलना पड़े और patient का immediate treatment शुरू हो जाए, तो यह भी प्रेरित करने को बहुत होता है।
किसी की जान आपके द्वारा की गई मदद से बची है, यह feeling भी दुनिया में वाले मिलने सुख वाले सुख की श्रेणी में सर्वोत्तम है, एक बार मदद का हाथ बढ़ाकर तो देखिए...
जानकारी: विश्वस्त सूत्रों द्वारा...